ब्लॉग: मणिपुर हिंसा के बाद शांति प्रयासों के पीछे झांकना जरूरी

By शशिधर खान | Published: June 7, 2023 01:45 PM2023-06-07T13:45:38+5:302023-06-07T13:46:35+5:30

एन. बीरेन सिंह का पहला कार्यकाल शांति और विकास में गुजरा. फरवरी-मार्च, 2022 में दूसरा कार्यकाल शुरू होने के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री ने उसका राजनीतिक लाभ उठाना शुरू कर दिया. नतीजा सामने है.

Blog: Need to look behind peace efforts after Manipur violence | ब्लॉग: मणिपुर हिंसा के बाद शांति प्रयासों के पीछे झांकना जरूरी

ब्लॉग: मणिपुर हिंसा के बाद शांति प्रयासों के पीछे झांकना जरूरी

विभिन्न जनजातीय समुदायों के आपसी संघर्ष के कारण जटिल विवादों से पटे मणिपुर में सामाजिक समन्वय और सद्भाव का नया संदेश केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चार दिन वहां रहकर दिया. समूचे पूर्वोत्तर समेत देश के अन्य हिस्सों में भी विवादित हिंसाग्रस्त मणिपुर में शांति के इस प्रयास की सराहना हो रही है. 

मणिपुर में उग्रवादी हिंसा कोई नई बात नहीं है. लेकिन कई महीनों से बेकाबू चल रही मौजूदा हिंसा में कानून और व्यवस्था के रखवाले ही खुल्लमखुल्ला भेदभावपूर्ण रवैया अपनाकर सामाजिक तनाव बढ़ा रहे हैं. इसमें निर्वाचित सरकार की राजनीति में अदालत के कथित योगदान के कारण भी सामान्य स्थिति बहाली में बाधा आ रही है. ऐसा शायद पहली बार हुआ है, जब जातीय हिंसा को बढ़ावा देने में राज्य सरकार और हाईकोर्ट खुद पक्षकार हो.

यह भी पहले कभी देखने-सुनने को नहीं मिला कि किसी केंद्रीय गृह मंत्री ने सुरक्षा बलों के बजाय समाज के सभी वर्गों को विश्वास में लेने के प्रयास को शांति का हथियार बनाया हो. अमित शाह जातीय हिंसा से बेघर हुए कुकी समुदाय के शरणार्थी शिविरों में भी गए, उनका दुख-दर्द सुना. जनजातीय संगठनों के प्रतिनिधिमंडल के अलावा मेइती और कुकी प्रतिनिधियों से भी मिले. अमित शाह की अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह गृह मंत्री की हर भेंट-मुलाकात में उनके साथ नहीं रहे. 

केंद्रीय गृह मंत्री को हालात का जायजा लेने के बाद कहना पड़ा कि मणिपुर हाईकोर्ट के जल्दबाजी में जारी आदेश के कारण हिंसा फैली.  मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह मेइती और कुकी-जोमी संघर्ष को लगातार उग्रवादी हिंसा बताकर इसके लिए कुकी समुदाय को दोषी ठहरा रहे हैं जबकि रक्षा स्टाफ प्रमुख    (सीडीएस) अनिल चौहान ने मणिपुर का दौरा करने के बाद स्पष्ट कर दिया कि यह पूरी तरह जातीय हिंसा है और इसका उग्रवादी हिंसा से कोई ताल्लुक नहीं है. 31 मई को अपने दौरे के तीसरे दिन केंद्रीय गृह मंत्री ने इंफाल में हिंसा की जांच के लिए रिटायर्ड हाईकोर्ट चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग गठित करने का ऐलान किया.  

एन. बीरेन सिंह का पहला कार्यकाल शांति और विकास में गुजरा. फरवरी-मार्च, 2022 में दूसरा कार्यकाल शुरू होने के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री ने उसका राजनीतिक लाभ उठाना शुरू कर दिया. कुकी और नगा उग्रवाद से विनाश झेल रहे मणिपुर में मुख्यमंत्री ने अपने ही किए-कराए का खात्मा करके पहले कुकी उग्रवादी गुटों से केंद्र की पहल पर कायम संघर्षविराम वापस लिया. फिर मेइती और कुकी-जोमी के बीच चल रही पुरानी रंजिश को सुलगा दिया. एसटी सूची में मेइती को शामिल करने का प्रयास वही साबित हुआ.

Web Title: Blog: Need to look behind peace efforts after Manipur violence

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