ब्लॉग: देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान, कितना बदल गया इंसान

By फहीम ख़ान | Published: September 13, 2023 05:47 PM2023-09-13T17:47:34+5:302023-09-13T17:48:27+5:30

पहला मामला शहर के अथर्व नगरी परिसर का है जहां के निवासी अरमान खान के निवास में एक 11 साल की नाबालिग बंधक बालिका चार साल से नारकीय जीवन बीता रही थी। दूसरा मामला है वड़धामना इलाके में एक 4 वर्षीय बालक को क्रूरतापूर्वक सिगरेट के चटके लगाकर अमानवीय यातना देने का।

Blog Atharva Nagari Complex Arman Khan minor hostage girl Crime | ब्लॉग: देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान, कितना बदल गया इंसान

11 वर्ष की बालिका को इस तरह यातनाएं दी गई

फिर एक बार मुझे वह दूरदर्शनवाला जमाना याद आने लगा है। फिर एक बार जेहन में वहीं दूरदर्शन का विज्ञापन चलने लगा है, जो कहता था- ‘शैतान बनना आसान है, लेकिन क्या इंसान बने रहना इतना मुश्किल है?’ इस बार नागपुर शहर में घटी दो घटनाएं इसके पीछे की मुख्य वजह बनी है। पहला मामला शहर के अथर्व नगरी परिसर का है जहां के निवासी अरमान खान के निवास में एक 11 साल की नाबालिग बंधक बालिका चार साल से नारकीय जीवन बीता रही थी और अरमान, उसकी पत्नी हिना और साला अजहर उस बालिका को कहते थे कि, ‘तुझे खरीद कर लाए हैं तो मार भी सकते हैं।’

दूसरा मामला है वड़धामना इलाके में एक 4 वर्षीय बालक को क्रूरतापूर्वक सिगरेट के चटके लगाकर अमानवीय यातना देने का। बालक की मां के साथ आरोपी संकेत रमेश उत्तरवार ‘लिव इन रिलेशन’में रहता था। हुड़केश्वर की इस दस साल की बालिका को बंधक बनाकर यौन शोषण किए जाने के प्रकरण में गिरफ्तार  प्रॉपर्टी डीलर अरमान खान को हुड़केश्वर थाने में वीआईपी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही थी। यह बात तो और भी ज्यादा चौंकाने वाली है। मतलब अरमान, उसकी पत्नी और साला जितने बेरहम थे उतनी ही शैतानी हरकत पुलिस के अधिकारी ने भी इस मामले में दिखाई है। खान दंपति 2019 में इस बालिका को बेंगलुरु से खरीदकर लाए थे। बालिका के माता-पिता को शिक्षा दिलाने का झांसा दिया था। स्कूल भेजने की बजाय घर के काम कराते थे और गलती होने पर गर्म तवे और सिगरेट से उसके शरीर पर चटके लगाते थे। इस मामले में नाबालिग का यौन शोषण करने के भी सबूत मिले है।

वाड़ी के वड़धामना इलाके में एक 4 वर्षीय बालक को क्रूरतापूर्वक सिगरेट के चटके लगाकर अमानवीय यातना देने का मामला अब उजागर हुआ है। महिला को एक छह साल और एक चार साल ऐसे दो बच्चे हैं। पति की आत्महत्या के बाद से बच्चों की मां आरोपी संकेत के साथ रहती थी। इसके चलते दोनों बच्चे भी संकेत को ‘पापा’ कहकर पुकारते थे। लेकिन संकेत दोनों बच्चे उसके नहीं होने से उनके साथ हमेशा दुर्व्यवहार किया करता था। कुछ दिनों पहले संकेत ने चार वर्षीय बालक को सिगरेट से चटके देने की शुरुआत की थी। इसके कारण बच्चे संकेत से डरने लगे थे। उनका उपचार भी नहीं किया जाता था। इस पूरे मामले में बुरी बात ये है कि संकेत द्वारा बच्चों को चटके देने पर भी उनकी मां कभी इसका विरोध नहीं करती थी।

इन दोनों ही मामलों के उजागर होने के बाद से ही मुझे इंसानों के तेजी से शैतान बनते जाने पर वाकई में हैरत होने लगी है। एक तरफ हम सभी लोग पहले से ज्यादा धार्मिक, सामाजिक और धनवान भी हो चले है। सोशल मीडिया के आने के बाद से तो हम लोग कुछ ज्यादा ही ‘बुद्धिमान’ भी हो गए है। बावजूद इसके हमारे भीतर की इंसानियत न जाने क्यों तेजी से खोती जा रही है।

हमें दूसरों को यातना देते वक्त, दूसरों के दर्द से कुछ फर्क नहीं पड़ रहा है। ये किस तरह की हरकत है हम इंसानों की? जिसमें बच्चों, महिला, बच्चियों को परेशान करना, उनका शोषण करने में मजा आता है। कभी हम अपनी दादी -नानी की कहानियों में शैतानों की कहानियां सुनते थे तो लगता था कि क्या कोई इतना बड़ा शैतान भी हो सकता है? लेकिन आज इस तरह इंसानों की खाल में छीपे भेड़ियों को देखता हूं तो लगता है कि दादी -नानी की कहानियों के वह ‘बड़े शैतान’ भी इनके सामने बौने पड़ जाएंगे। हाड़ -मांस के साथ भावनाओं वाले हम इंसान इतनी निच हरकतों पर उतर आएंगे, ऐसा शायद ही कभी किसी ने सोचा होगा।

इन दोनों घटनाओं को देखने के बाद मुझे 1958 में बनी  फिल्म - नास्तिक में प्रदीप कुमार द्वारा लिखित और गाया गया ये गीत याद आ रहा है। पढ़िए... सोचिए... 

‘इंसान बने रहना क्या अब इतना मुश्किल हो गया है?’
‘‘देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान,
कितना बदल गया इंसान...
सूरज ना बदला, चांद ना बदला,ना बदला रे आसमान,
कितना बदल गया इंसान...
आया समय बड़ा बेढंगा,आज आदमी बना लफंगा,
कहीं पे झगड़ा,कहीं पे दंगा,नाच रहा नर होकर नंगा,
छल और कपट के हांथों अपना बेच रहा ईमान,
कितना बदल गया इंसान...
राम के भक्त,रहीम के बन्दे,रचते आज फरेब के फंदे,
कितने ये मक्कार ये अंधे,देख लिए इनके भी धंधे,
इन्हीं की काली करतूतों से हुआ ये मुल्क मशान,
कितना बदल गया इंसान...
जो हम आपस में ना झगड़ते,बने हुए क्यूं खेल बिगड़ते,
काहे लाखो घर ये उजड़ते,क्यूं ये बच्चे मां से बिछड़ते,
फूट-फूट कर क्यों रोते प्यारे बापू के प्राण,
कितना बदल गया इंसान...’

Web Title: Blog Atharva Nagari Complex Arman Khan minor hostage girl Crime

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