Ayodhya Ram Mandir: हर ओर राम ही राम...., बुजुर्गों से पीढ़ी दर पीढ़ी मिली 'राम-राम' की विरासत हम सभी के घर-परिवार में प्रचलित

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 21, 2024 10:02 PM2024-01-21T22:02:36+5:302024-01-21T22:11:19+5:30

Ayodhya Ram Mandir Live: आज देश-विदेश में प्रभु राम को अपना आराध्य मानने वालों के लिए ये विशेषकर दिन है, लेकिन 'राम' शब्द की महिमा का वर्णन करने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं।

Ayodhya Ram Mandir Live ram hi ram Shri Ram Lala Pran Pratistha Ceremony Ram Mandir blog rahul sharma legacy of 'Ram-Ram' passed from generation to generation from the elders is popular in all our homes and families | Ayodhya Ram Mandir: हर ओर राम ही राम...., बुजुर्गों से पीढ़ी दर पीढ़ी मिली 'राम-राम' की विरासत हम सभी के घर-परिवार में प्रचलित

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Highlightsसुबह से शाम कितनी बार एक-दूसरे से 'राम-राम' हो जाती है। पीढ़ी दर पीढ़ी मिली 'राम-राम' की विरासत हम सभी के घर-परिवार में प्रचलित है।साथ चलने वाले भी 'राम नाम सत्य' बोलते हैं क्योंकि राम सर्वव्यापी हैं।

राहुल शर्मा

अयोध्या में सोमवार 22 जनवरी, 2024 को होने जा रही राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का दिन स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होने जा रहा है। त्रेता युग में जन्में प्रभु श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कई सौ वर्षों से रुका हुआ अधूरा स्वप्न था, जो कि पूरा होने जा रहा है।

आप और हम जो भी लोग प्राण प्रतिष्ठा के दिन के साक्षी बनेंगे, यह हमारा सौभाग्य और यह दिन हमारे जीवनकाल में कभी न भूलने वाला पल होगा। आज देश-विदेश में प्रभु राम को अपना आराध्य मानने वालों के लिए ये विशेषकर दिन है, लेकिन 'राम' शब्द की महिमा का वर्णन करने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं।

जन्म लेने वाले बच्चे जिस प्रकार जन्म के बाद पहला अक्षर 'मां' बोलना सीखते हैं, ठीक उसी प्रकार परिवार और समाज में सभी से संपर्क होने पर हम 'राम-राम' का संबोधन करते हैं, न जाने सुबह से शाम कितनी बार एक-दूसरे से 'राम-राम' हो जाती है। हमारे बुजुर्गों से पीढ़ी दर पीढ़ी मिली 'राम-राम' की विरासत हम सभी के घर-परिवार में प्रचलित है।

राम नाम न केवल 'राम-राम' तक ही सीमित है, बल्कि अंत समय अर्थी पर मृत अवस्था में श्मशान के लिए रवाना होने वाले व्यक्ति के आगे और साथ चलने वाले भी 'राम नाम सत्य' बोलते हैं क्योंकि राम सर्वव्यापी हैं। हमारे दैनिक जीवन में प्रचलित वाक्य, 'राम की माया राम ही जानें, रामजी की चिड़िया रामजी के खेत, रामजी सब भली करेंगे' आदि।

यही नहीं पवित्र रामायण में अनेक चौपाई मनुष्य के जीवन में सुख-दुख, धर्म, रण स‌हित जीवन के हरेक क्षेत्र में सार्थक सिद्ध होती हैं। एक-एक चौपाई का अर्थ भी इस कलयुग में अटल है, जरूरत है हमें केवल उस पर अमल करने की या अपने आचरण में उन्हें उतारे जाने की, लेकिन यह भी प्रभु राम की कृपा के बिना असंभव है क्योंकि 'दिशा देकर दशा बदलने' वाले भी स्वयं रघुवर हैं।

(प्रभु राम पर लिखे गए प्रत्येक शब्द प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मन में उपजे मेरे निजी विचार हैं, भूलवश या ज्ञान के अभाव में यदि कोई त्रुटि हुई हो तो उसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं)

(सोशल मीडिया से ली गई ब्ल़ॉग)

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