दशकों पुराने विवाद का नतीजा है असम-मिजोरम सीमा पर झड़प, दिनकर कुमार का ब्लॉग

By दिनकर कुमार | Updated: October 23, 2020 13:37 IST2020-10-23T13:37:23+5:302020-10-23T13:37:23+5:30

असम-मिजोरम के दो समूहों के बीच हिंसक झड़पों के बाद दोनों राज्यों की सीमा पर तनाव व्याप्त हो गया और कई लोग घायल हो गए. खबरों के मुताबिक असम के कछार जिले के लायलपुर इलाके में शनिवार शाम असम और मिजोरम के दो समूहों के बीच झड़प के दौरान कई लोग घायल हो गए.

Assam-Mizoram border clashes dispute result decades bjp congress Dinkar Kumar's blog | दशकों पुराने विवाद का नतीजा है असम-मिजोरम सीमा पर झड़प, दिनकर कुमार का ब्लॉग

मिजोरम की असम के साथ 123 किमी, त्रिपुरा के साथ 109 किमी और मणिपुर के साथ 95 किमी की सीमाएं हैं.

Highlightsदशकों पुराने सीमा विवाद से जूझते हुए मसले को स्थायी रूप से हल करने के लिए केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की मांग की है.कभी-कभी मिजोरम, असम और त्रिपुरा के साथ अंतरराज्यीय सीमाओं पर भयावह तनाव के घटनाक्रम हो रहे हैं.मिजोरम सरकार ने अंतर-राज्य सीमा विवादों को हल करने के लिए पहले ही केंद्रीय गृह मंत्नालय और भारतीय सर्वेक्षण से संपर्क किया था.

उत्तर-पूर्व के राज्यों के बीच सीमा निर्धारण में बरती गई लापरवाही और परस्पर संवादहीनता के चलते अक्सर सीमा पर हिंसक झड़पों की घटनाएं होती रहती हैं. ताजा मामला असम और मिजोरम के सीमावर्ती इलाके में सामने आया है.

असम-मिजोरम के दो समूहों के बीच हिंसक झड़पों के बाद दोनों राज्यों की सीमा पर तनाव व्याप्त हो गया और कई लोग घायल हो गए. खबरों के मुताबिक असम के कछार जिले के लायलपुर इलाके में शनिवार शाम असम और मिजोरम के दो समूहों के बीच झड़प के दौरान कई लोग घायल हो गए.

इस महीने दोनों राज्यों के निवासियों के बीच यह दूसरा ऐसा विवाद है. अधिकारियों ने रविवार को कहा कि कोविड-19 की स्थिति के बीच मिजोरम ने असम और त्रिपुरा के साथ अपने दशकों पुराने सीमा विवाद से जूझते हुए मसले को स्थायी रूप से हल करने के लिए केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की मांग की है.

मिजोरम होमगार्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया, ‘कभी-कभी मिजोरम, असम और त्रिपुरा के साथ अंतरराज्यीय सीमाओं पर भयावह तनाव के घटनाक्रम हो रहे हैं. ऐसे उदाहरण हैं कि सरकारी अधिकारी भी इन अप्रिय घटनाओं का समर्थन कर रहे हैं.’

नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि मिजोरम सरकार ने अंतर-राज्य सीमा विवादों को हल करने के लिए पहले ही केंद्रीय गृह मंत्नालय और भारतीय सर्वेक्षण से संपर्क किया था. मिजोरम की असम के साथ 123 किमी, त्रिपुरा के साथ 109 किमी और मणिपुर के साथ 95 किमी की सीमाएं हैं.

1995 के बाद से मिजोरम और असम सरकारों के अधिकारियों के बीच अनिर्णायक बैठकों के कई दौर लंबे समय से जारी विवाद को सुलझाने के लिए आयोजित किए गए हैं. मिजोरम के तीन जिले- कोलासिब, आइजोल और ममित - दक्षिणी असम के कछार, हैलाकांडी और करीमगंज जिलों के साथ 123 किमी की सीमा साझा करते हैं.

मिजोरम और असम के बीच  सीमा विवाद को हल करने के लिए 1995 से आयोजित की गई बैठकों के परिणाम खास नहीं रहे हैं. सीमा पर दोनों राज्यों के बीच अक्सर झड़प होती है और विवाद पैदा होता रहता है. ताजा घटना वैरेंगते से लगभग 3 किमी दूर, साईहापुई वी गांव के पास अंतर-राज्य सीमा की रक्षा करने वाले स्थानीय स्वयंसेवकों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक अस्थायी झोपड़ी के विध्वंस का नतीजा हो सकती है.

स्वयंसेवक कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लोगों की आवाजाही की जांच करने के लिए सीमा पर पहरा दे रहे हैं. मिजोरम के एमएनएफ विधायक सेलो, जो वैरेंगते में डेरा डाले हुए हैं, ने कहा कि उनके राज्य की असम या उसके लोगों से दुश्मनी नहीं है, लेकिन वे अवैध रूप से बांग्लादेशी अप्रवासियों द्वारा घुसपैठ से अपने क्षेत्न की रक्षा कर रहे हैं, जो सीमावर्ती क्षेत्नों में रह रहे हैं.

कोलासिब जिले में वैरेंगते मिजोरम के उत्तरी किनारे पर है, जिसके माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्ग 306 (पूर्व में 54) गुजरता है, जो राज्य को असम से जोड़ता है. असम का निकटतम गांव लैलापुर है, जो कछार जिले में है. बड़ी संख्या में वैरेंगते के निवासी तब इकट्ठे हुए जब असम के कुछ लोगों ने लाठी और कटारी से लैस होकर शनिवार शाम सीमावर्ती गांव के बाहरी इलाके में ऑटो-रिक्शा स्टैंड के पास एक समूह पर पथराव किया. वैरेंगते की भीड़ ने प्रतिशोधी कदम उठाते हुए लैलापुर के निवासियों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे बनाई गई लगभग 20 अस्थायी बांस की झोपड़ियों और स्टालों में आग लगा दी.

असम के मुख्यमंत्नी सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को प्रधानमंत्नी कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्नालय को फोन पर असम-मिजोरम सीमा पर मौजूदा स्थिति से अवगत कराया. सर्बानंद सोनोवाल ने मिजोरम के मुख्यमंत्नी जोरामथांगा से फोन पर बात की और सीमा की झड़प पर चर्चा की.

मिजोरम के सीएम के साथ बातचीत के दौरान सर्बानंद सोनोवाल ने सीमा मुद्दों के समाधान के लिए संयुक्त प्रयासों पर जोर दिया. उन्होंने सीमा विवाद को शांत करने और अंतर-राज्य सीमा पर शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सहयोग के साथ काम करने की बात कही.

सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, ‘मतभेद हो सकते हैं लेकिन सभी मतभेदों को बातचीत के जरिये सुलझाया जाना चाहिए.’ मिजोरम के सीएम जोरामथांगा ने सर्बानंद सोनोवाल को मामले की जांच करने और अंतर-राज्य सीमा पर शांति बनाए रखने और सहयोग से काम करने का आश्वासन दिया.

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