विश्व हृदय दिवसः ताकि दुरुस्त रहे हमारे हृदय की धड़कन, मौत का आंकड़ा 23.4 प्रतिशत दर्ज

By देवेंद्र | Updated: September 29, 2025 05:27 IST2025-09-29T05:27:09+5:302025-09-29T05:27:09+5:30

World Heart Day: वर्ष 2021 से 2023 के बीच हुए अध्ययन के अनुसार, देश में गैर-संक्रामक रोग यानी नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज कुल मौतों का 56.7 प्रतिशत कारण बने.

World Heart Day 29 september So that our heart beats properly death toll was recorded at 23-4 percent blog Devendraraj Suthar | विश्व हृदय दिवसः ताकि दुरुस्त रहे हमारे हृदय की धड़कन, मौत का आंकड़ा 23.4 प्रतिशत दर्ज

सांकेतिक फोटो

Highlightsमातृत्व, नवजात और पोषण संबंधी स्थितियों से होने वाली मौतों का आंकड़ा 23.4 प्रतिशत दर्ज किया गया.आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि गैर-संक्रामक रोगों में हृदय रोग सबसे अधिक खतरनाक साबित हो रहे हैं. खासकर 30 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में हृदय रोग एक गंभीर चुनौती बन गया है.

World Heart Day: प्रतिवर्ष 29 सितंबर को हृदय के प्रति सजगता पैदा करने और हृदय संबंधी समस्याओं से बचने के लिए विभिन्न उपायों पर प्रकाश डालने के उद्देश्य से विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है. हाल ही में भारत के महापंजीयक के अधीन पंजीयन नमूना सर्वेक्षण (एसआरएस) द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों में यह बात सामने आई कि देश में होने वाली तीन में से एक मौत हृदय से जुड़ी होती है. यह स्थिति बेहद चिंताजनक है क्योंकि हृदय रोग आज भारत में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण बन चुका है. वर्ष 2021 से 2023 के बीच हुए अध्ययन के अनुसार, देश में गैर-संक्रामक रोग यानी नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज कुल मौतों का 56.7 प्रतिशत कारण बने. वहीं संक्रामक रोग, मातृत्व, नवजात और पोषण संबंधी स्थितियों से होने वाली मौतों का आंकड़ा 23.4 प्रतिशत दर्ज किया गया.

आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि गैर-संक्रामक रोगों में हृदय रोग सबसे अधिक खतरनाक साबित हो रहे हैं. कुल मौतों में से 31 प्रतिशत की वजह हृदय रोग पाया गया. यह संख्या आत्महत्या, सड़क दुर्घटना और अन्य कई बड़े कारणों से कहीं अधिक है. खासकर 30 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में हृदय रोग एक गंभीर चुनौती बन गया है.

15 से 29 वर्ष की आयु के बीच आत्महत्या प्रमुख मृत्यु कारण मानी जाती है, लेकिन 30 वर्ष से ऊपर के लोगों में हृदय रोग मौत का सबसे बड़ा कारण है. विशेषज्ञों का मानना है कि बदलती जीवनशैली, असंतुलित खानपान, शारीरिक श्रम की कमी और तनाव जैसी स्थितियां इस गंभीर समस्या को बढ़ा रही हैं. भारत जैसे विकासशील देश में यह स्थिति और भी भयावह है क्योंकि यहां स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच सभी तक समान नहीं है. ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता और समय पर इलाज न मिल पाने की वजह से स्थिति और बिगड़ जाती है.

शहरों में जहां सुविधाएं उपलब्ध हैं, वहां भी तनावपूर्ण जीवनशैली और व्यस्त दिनचर्या के कारण लोग स्वास्थ्य को प्राथमिकता नहीं दे पाते. नतीजतन हृदय रोग जैसी बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं और मौत का सबसे बड़ा कारण बन रही हैं. अगर अभी से गंभीर कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में स्थिति और भयावह हो सकती है.  

Web Title: World Heart Day 29 september So that our heart beats properly death toll was recorded at 23-4 percent blog Devendraraj Suthar

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