स्वास्थ्य बजट बढ़ाकर बुनियादी ढांचा सुदृढ़ करें

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 17, 2019 08:50 AM2019-04-17T08:50:03+5:302019-04-17T08:50:03+5:30

भारत का उन देशों में शुमार है जहां स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकारी खर्च सबसे कम है

Strengthen infrastructure by increasing health budget | स्वास्थ्य बजट बढ़ाकर बुनियादी ढांचा सुदृढ़ करें

स्वास्थ्य बजट बढ़ाकर बुनियादी ढांचा सुदृढ़ करें

भारत का उन देशों में शुमार है जहां स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकारी खर्च सबसे कम है. स्वास्थ्य सेवाओं पर आम लोगों की जेब से खर्च होने वाली भारी रकम से सामाजिक-आर्थिक संतुलन गड़बड़ा रहा है. केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही ‘आयुष्मान भारत’ जैसी स्वास्थ्य योजनाओं के बावजूद देश में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति यह है कि लोगों को बीमारी पर 65 प्रतिशत खर्च खुद ही उठाना पड़ता है.

इसके कारण प्रति वर्ष 5.7 करोड़ लोग गरीबी की गर्त में गिरते जा रहे हैं. अमेरिका के ‘सेंटर फॉर डिसीज डायनामिक्स, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी’ की रिपोर्ट में यह बात कही गई है. इस रिपोर्ट से पहले भी विभिन्न सव्रेक्षणों में यह बात उजागर होती रही है कि स्वास्थ्य सेवाओं का गरीबी रेखा से निकट का संबंध है. देश में लगातार बढ़ते चिकित्सा खर्च की वजह से हर साल कुछ फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे चली जाती है. तमाम सरकारी स्वास्थ्य योजनाएं भी तस्वीर में कोई बदलाव नहीं ला पा रही हैं.

मुख्य समस्या यह है कि आधारभूत ढांचे की कमी, मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों, प्रशिक्षित डॉक्टरों और नर्सो के अभाव की वजह से देश में स्वास्थ्य सेवाएं ही बीमार हैं. आबादी लगातार बढ़ने के बावजूद आधारभूत ढांचे में सुधार पर अब तक अधिक ध्यान नहीं दिया गया. देश की आबादी जितने समय में सात गुना बढ़ गई, उस दौरान अस्पतालों की तादाद दोगुनी भी नहीं बढ़ सकी. एक अनुमान के मुताबिक, देश में फिलहाल छोटे-बड़े लगभग 70 हजार अस्पताल हैं. लेकिन उनमें 60 फीसदी ऐसे हैं जिनमें 30 या उससे कम बिस्तर हैं.

100 या उससे ज्यादा बिस्तरों वाले अस्पतालों की तादाद तीन हजार से कुछ ज्यादा है. इस लिहाज से देखें तो लगभग 625 नागरिकों के लिए अस्पतालों में महज एक बिस्तर उपलब्ध है. इससे हालात की गंभीरता का अनुमान लगाया जा सकता है. यह माना जाता है कि यदि घर पर होने वाले कुल खर्च में स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च 10 फीसदी या उससे अधिक हो जाए, तो यह इंसान के लिए विनाशकारी हो जाता है. इलाज का खर्च अधिक होने के कारण लोग जमीन-जायदाद बेचने को मजबूर हो जाते हैं. बच्चों की पढ़ाई भी इससे प्रभावित होती है. सरकार को स्वास्थ्य पर बजट बढ़ाकर बुनियादी ढांचे पर काम करना होगा. चूंकि, सरकारी अस्पतालों पर मरीजों का दबाव ज्यादा है, ऐसे में निजी संस्थानों को भी इस दिशा में मदद का हाथ बढ़ाना होगा.

Web Title: Strengthen infrastructure by increasing health budget

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