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ब्लॉग: धरती पर सेहत का अनमोल खजाना है गाजर

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: April 4, 2024 11:19 IST

International Carrot Day 2024: एक कप गाजर पचने में वक्त लेती है जिससे जल्द भूख नहीं लगती और हमारा पेट संतुष्ट रहता है। यह वजन कम करने के लिए भी कमाल की वनस्पति है।

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ऋतुपर्ण दवे

विश्व में हर दिन किसी न किसी कारण खास होता है। 4 अप्रैल को विश्व गाजर दिवस है. सामान्यतः लगता है कि गाजर तो एक साधारण वनस्पति है, फिर इसे वैश्विक पहचान देने की क्या जरूरत? निश्चित रूप से गाजर दिवस का उद्देश्य दुनिया का ध्यान उसी साधारण सी वनस्पति के बेहद असाधारण गुणों की ओर खींचना है। हरे पत्ते और गुलाबी जड़ वाली इस साधारण सी सब्जी के औषधीय गुणों को बताने के लिए सन् 2003 में विश्व गाजर दिवस की नींव पड़ी और सन् 2012 से दुनिया भर में विश्व गाजर दिवस मनाया जाने लगा।

वास्तव में भारत में गाजर का इतिहास काफी पुराना है। हो भी क्यों न, क्योंकि यह हमारे देश की ही उत्पत्ति है. इसकी खेती पहले यहीं हुई और फिर पूरी दुनिया इसे जान पाई। शुरुआत में गाजर पंजाब और कश्मीर के पहाड़ों में उगाई जाती थी। तब यह लाल, पीली, नारंगी और काली यानी चार अलग-अलग रंगों में होती थी. प्रसिद्ध आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरक संहिता’ में गाजर को गृजंनक कहा गया है और इसके बेहद प्रभावी औषधीय गुणों को पारिभाषित किया गया है।

वनस्पतियों की जानकारी देने के लिए भारत में कई ग्रंथ हैं। इन्हीं में एक राज निघंटु में भी गाजर की अनेक औषधीय विशेषताओं का वर्णन है। आधुनिक रिसर्च इसमें पोषक तत्वों जैसे आयरन, सोडियम, कॉपर के अलावा बीटा-कैरोटीन व विटामिन ए व सी की मौजूदगी को प्रमाणित करती है। गाजर का सेवन मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के साथ खून साफ करता है। गाजर का वर्णन पुराने ग्रीक व रोमन साहित्य में भी है।

गाजर आंखों के लिए वरदान से कम नहीं है। उम्र बढ़ने के साथ होने वाली आंखों की अनेक समस्या में आराम दिलाने की खातिर इसमें पाया जाने वाला बीटा कैरोटीन सहायक होता है। इसमें अन्य खनिज जैसे विटामिन सी भी होता है जो बढ़ती उम्र के कारण होने वाले मैक्यूलर डीजेनरेशन में आराम दिलाने में सहायक होता है। हृदय रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद गाजर रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है जिससे हृदय रोग का जोखिम घटता है।

इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स हृदय के लिए फायदेमंद है। गाजर में मौजूद पोटैशियम रक्तचाप को नियंत्रित करता है। इसमें पाया जाने वाला फाइबर वजन को नियंत्रित करता है जो पाचन तंत्र के लिए भी बेहद फायदेमंद है। गाजर में लाइकोपिन होता है जो हृदय रोग में रामबाण दवा होता है। गाजर में वसा न के बराबर होता है लेकिन पौष्टिकता भरपूर होती है। इससे आधासीसी, कान का दर्द, मुंह में बदबू, पेट दर्द जैसी बीमारियों में भी लाभ मिलता है।

गाजर रक्त में पित्त व वात को कम करती है, साथ ही बवासीर, कब्ज, दस्त और कफ में भी राहत दिलाती है। इसे एक स्वास्थ्यप्रद स्नैक्स के रूप में आहार में शामिल करना चाहिए। न्यूनतम कैलोरी के साथ अत्यधिक पोषक तत्व और फाइबर की उच्च मात्रा के चलते यह बेहतर आहार है। एक कप गाजर पचने में वक्त लेती है जिससे जल्द भूख नहीं लगती और हमारा पेट संतुष्ट रहता है। यह वजन कम करने के लिए भी कमाल की वनस्पति है।

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