Pune rape case updates: आपराधिक तत्वों की आखिर इतनी हिम्मत कैसे बढ़ जाती है?

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: February 28, 2025 05:39 IST2025-02-28T05:39:19+5:302025-02-28T05:39:19+5:30

Pune rape case updates: वह ‘दीदी’ बोलने वाले उस नराधम युवक के यह कहने पर कि उसके गंतव्य वाली बस दूसरी जगह से जाती है, भरोसा करके खाली पड़ी बस के पास चली गई, जहां आरोपी दत्तात्रय गाडे ने उसके साथ बलात्कार किया.

Pune rape case updates How do criminal elements gain so much courage police | Pune rape case updates: आपराधिक तत्वों की आखिर इतनी हिम्मत कैसे बढ़ जाती है?

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Highlightsपुलिस में शिकायत करने की हिम्मत भी नहीं जुटा सकी. युवती अगर चिल्लाई तो लोग दौड़ कर आ जाएंगे और वह पकड़ा जाएगा!बसों से कंडोम, अंडरगारमेंट और शराब की बाेतलें मिलने की बात कही जा रही है.

Pune rape case updates: पुणे में राज्य परिवहन निगम (एसटी) के अत्यंत व्यस्त स्वारगेट बस स्टैंड में खड़ी बस में एक युवती के साथ बलात्कार की घटना ने एक बार फिर समाज के जागरूक लोगों को झकझोर कर रख दिया है. घटना बुधवार की सुबह करीब पौने छह बजे घटी और उस समय बस अड्डा परिसर में कई लोग मौजूद थे तथा कई बसें भी थीं. क्या कोई ऐसी परिस्थिति में सार्वजनिक जगह पर इस तरह की वारदात होने की कल्पना कर सकता है? उस युवती ने भी नहीं की होगी, इसीलिए तो वह ‘दीदी’ बोलने वाले उस नराधम युवक के यह कहने पर कि उसके गंतव्य वाली बस दूसरी जगह से जाती है, भरोसा करके खाली पड़ी बस के पास चली गई, जहां आरोपी दत्तात्रय गाडे ने उसके साथ बलात्कार किया.

यही नहीं, उसने युवती को इतना डराया-धमकाया कि वह तत्काल पुलिस में शिकायत करने की हिम्मत भी नहीं जुटा सकी. आरोपी का दुस्साहस देखिए कि क्या उसने एक बार भी नहीं सोचा कि सुरक्षा में तैनात 23 गार्डों वाले बस डिपो में युवती अगर चिल्लाई तो लोग दौड़ कर आ जाएंगे और वह पकड़ा जाएगा! निश्चित रूप से ऐसा आत्मविश्वास उसमें अचानक ही नहीं आ गया होगा, इसके पहले भी उसने इसी तरह के दुष्कृत्य किए होंगे और आराम से बच निकला होगा! इस तरह की आशंकाएं इसलिए भी गहराती हैं कि डिपो की पुरानी बसों से कंडोम, अंडरगारमेंट और शराब की बाेतलें मिलने की बात कही जा रही है.

चौंकाने वाली बात यह है कि घटनास्थल से मात्र कुछ ही दूरी पर पुलिस स्टेशन है. परिवहन विभाग के स्टॉफ, पुलिस और सुरक्षा गार्डों के होने के बावजूद अगर आपराधिक तत्वों के भीतर कोई खौफ नहीं है तो सुरक्षा के लिए जिम्मेदार लोगों के ऊपर यह संदेह तो होता ही है कि या तो इसमें उनमें से भी किसी की मिलीभगत थी या फिर घोर लापरवाही!

याद करें तो कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में जिस आरोपी संजय रॉय ने एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार कर उसे बेरहमी से मार डाला था, उस बलात्कारी का भी वहां बेरोकटोक आना-जाना था. क्या उसकी वहशी प्रवृत्ति के बारे में जिम्मेदार लोगों को पता नहीं रहा होगा?

जांच के बाद तो मेडिकल कॉलेज का प्रबंधन ही शक के दायरे में आ गया था. इसी तरह स्वारगेट बस स्टैंड में भी परिवहन विभाग के स्टॉफ, वहां तैनात सुरक्षा गार्डों या पास में ही मौजूद पुलिस स्टेशन के पुलिस कर्मी अपने कर्तव्यों के प्रति चौकस होते तो आपराधिक तत्वों के हौसले इतने बुलंद नहीं हो सकते थे. निश्चित रूप से इसकी जांच व्यापक स्तर पर होनी चाहिए,

ताकि बस स्टैंड जैसी सार्वजनिक जगहों पर किसी भी यात्री, खासकर महिलाओं को अपने साथ कोई अनहोनी होने का डर न लगे और आपराधिक तत्वों के मन में यह खौफ हो कि अगर उन्होंने कोई गुस्ताखी करने की हिम्मत की तो कानून के लम्बे हाथों से वह बच नहीं पाएंगे और ऐसी सजा मिलेगी कि दुबारा कोई वैसा करने के बारे में कोई सोच भी न सके! 

Web Title: Pune rape case updates How do criminal elements gain so much courage police

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