वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम: साख बचाने के लिए भारत को हर हाल में जीत की दरकार
By वीवीएस लक्ष्मण | Published: December 2, 2020 11:05 AM2020-12-02T11:05:30+5:302020-12-02T11:06:26+5:30
3 मैचों की वनडे सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने 2-0 से लीड बना रखी है। ऐसे में भारत के लिए तीसरा मुकाबला सम्मान की लड़ाई बन चुका है...
शुक्रवार को खेले गए पहले वन-डे मुकाबले की कहानी रविवार को दूसरे वन-डे के दौरान दोहराई गई. आरोन फिंच ने टॉस जीता और ऑस्ट्रेलियाई टॉप ऑर्डर ने भारतीय टीम के समक्ष विशाल स्कोर खड़ा कर दिया. फिर एक बार स्टीव स्मिथ ने धमाकेदार बल्लेबजी की.
ऑस्ट्रेलिया की तुलना में भारतीय टीम ने कुछ भी अच्छा नहीं किया. पहले मैच की हार से सबक लेकर मेजबानों को छोटे स्कोर पर रोकने का अवसर मिला था. लेकिन कोहली ने इस दिशा में कोई रणनीति नहीं बनाई. बुमराह को महज दो ओवर के बाद आक्रमण से हटा दिया. टी-20 में यह ठीक है लेकिन वन-डे में कम से कम चार ओवर का स्पैल तो बनता ही है. ऑस्ट्रेलिया ने इसी का लाभ उठाया. वॉर्नर और फिंच ने मजबूत नींव रखी. शुरुआत में भारतीय गेंदबाज विफल रहने के कारण प्रतिद्वंद्वी बल्लेबाजों ने मनमाफिक शॉट्स खेले.
भारतीय टीम की वन-डे सफलता भुवी और बुमराह के तेज आक्रमण तथा मध्यक्रम में फिरकी गेंदबाजों की सफलता पर निर्भर होता है. बुमराह ने डेथ ओवर में कुछ यॉर्कर अच्छे डाले फिर भी उन्हें अपने अभियान में सफल नहीं माना जा सकता. इसके अलावा युजवेंद्र चहल भी खूब खर्चीले साबित हुए हैं. दूसरे वन-डे में हार्दिक पंड्या ने कुछ ओवर फेंके. लेकिन शैली में बदलाव के चलते वह सहज महसूस नहीं कर रहे थे. पंड्या को साथियों से उचित सहयोग नहीं मिलने के कारण मेजबानों को रनों का अंबार लगाने में कोई परेशानी नहीं हुई.
मुश्किल लक्ष्य का पीछा करने वाले भारतीय बल्लेबाजों के साहस की प्रशंसा की जानी चाहिए. विराट और राहुल बल्लेबाजी करते वक्त आकर्षक शॉट्स का लुत्फ उठाया. मयंक और धवन ज्यादा देर तक नहीं टिक पाए लेकिन उन्होंने ऑस्ट्रेलिया आक्रमण के खिलाफ ठीक ही चुनौती पेश की.
भारत ने जरूर सीरीज गंवाई है लेकिन कैनबरा में बुधवार को भारत को खास बचाने का मौका है. इससे टी-20 सीरीज में खेलते वक्त आत्मविश्वास भी प्राप्त हो सकेगा. विराट यदि टॉस जीतते हैं तो परिणाम बदलने की उम्मीद से इनकार नहीं किया जा सकता.