PAK Player Celebration: जब खून में ही आतंकवाद समा जाए!, पाकिस्तान का असली चेहरा

By विकास मिश्रा | Updated: September 23, 2025 05:29 IST2025-09-23T05:19:02+5:302025-09-23T05:29:20+5:30

वाद-विवाद होते रहते हैं लेकिन क्रिकेट के खेल में बल्ले को प्रतीकात्मक रूप से बंदूक बना देने की घटना कभी नहीं हुई. सवाल यह उठता है कि साहिबजादा फरहान ने यह हरकत क्यों की?

PAK Player Celebration When terrorism blood Sahibzada Farhan’s ‘AK-47’ celebration Haris Rauf's gesture sparks political controversy, boycott talk BLOG Vikas Mishra | PAK Player Celebration: जब खून में ही आतंकवाद समा जाए!, पाकिस्तान का असली चेहरा

file photo

Highlightsभद्र पुरुषों का खेल कहे जाने वाले क्रिकेट मेंं खिलाड़ी तरह-तरह की हरकत करते रहते हैं.जीत की उम्मीद जगी होगी और खुशी का इजहार करने के लिए उसने ऐसा किया होगा!पाकिस्तानियों के मन में धौंस जमाने के जेनेटिक्स के रूप में देखा जाना चाहिए.

कोई बल्लेबाज यदि पचास रन बनाता है तो निश्चय ही खुशियों का इजहार करेगा ही! मगर पाकिस्तानी खिलाड़ी साहिबजादा फरहान ने भारत के साथ मैच में अर्धशतक पूरा करने के बाद जो हरकत की, वही पाकिस्तान का असली चेहरा है! कहते हैं कि जब मनुष्य उत्तेजना में होता है तो उसकी असलियत ज्यादा तेजी से बाहर आती है. साहिबजादा ने बल्ले को इस अंदाज में पकड़ा जैसे कोई आतंवादी एके-47 से गोलियां चला रहा हो! उसकी इस हरकत की पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है. भद्र पुरुषों का खेल कहे जाने वाले क्रिकेट मेंं खिलाड़ी तरह-तरह की हरकत करते रहते हैं.

वाद-विवाद होते रहते हैं लेकिन क्रिकेट के खेल में बल्ले को प्रतीकात्मक रूप से बंदूक बना देने की घटना कभी नहीं हुई. सवाल यह उठता है कि साहिबजादा फरहान ने यह हरकत क्यों की? सामान्य तौर पर तो यही कहा जाएगा कि एक मैच हारने के बाद पाकिस्तान ने जिस तरह शुरुआत की थी, उससे जीत की उम्मीद जगी होगी और खुशी का इजहार करने के लिए उसने ऐसा किया होगा!

मगर बात केवल इतनी सी नहीं है. इसे पाकिस्तानियों के मन में धौंस जमाने के जेनेटिक्स के रूप में देखा जाना चाहिए. जब किसी मुल्क की सेना से लेकर सरकार और उसकी खुफिया एजेंसी गजवा-ए-हिंद का सपना देखती हो तो वहां के युवाओं में इस तरह के आतंकी विचार का हावी होना स्वाभाविक है.

भारतीय खिलाड़ी जब शतक या अर्धशतक जड़ते हैं तो हवा में हाथ उठाकर अपने आराध्य का शुक्रिया करते हैं या फिर अपनी प्यारी धरती को चूमते हैं. साहिबजादा जैसे पाकिस्तानियों को यदि बंदूक ही आराध्य लगता है तो फिर क्या करें? दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ बना हुआ है. इस मुल्क की उम्र कुल जमा 78 साल है और यह 80 आतंकवादी संगठनों का गढ़ बन कर रह गया है.

इस मुल्क पर आतंकवादी संगठनों की पकड़ इतनी मजबूत है कि कोई भी सरकार वहां आ जाए, आतंकवादियों का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती. वहां की सेना, सरकार और खुफिया एजेंसी कोई गुपचुप तरीके से आतंकवादियों का समर्थन नहीं कर रही है बल्कि खुलेआम कर रही है.

लश्कर-ए-तैयबा हो या जैश-ए-मोहम्मद या फिर आतंकवादियों का कोई और संगठन, पाकिस्तानी सेना उनके लिए अनुकूल परिस्थितियां रखती है ताकि ये संगठन कश्मीर में आतंकवाद फैला सकें. और कमाल की बात है कि हाफिज सईद जैसे बड़े गुनहगार को पाकिस्तान समाजसेवी बताता रहा है. उस आतंकवादी पर अमेरिका ने भी प्रतिबंध लगा रखा है लेकिन वह पाकिस्तान में बेखौफ घूमता है.

हां, जब से अज्ञात फरिश्तों ने आतंकियों को जहन्नुम पहुंचाना प्रारंभ किया है तब से ये जरा खौफ में है. खौफ में तो  जैश-ए-मोहम्मद समूह का संस्थापक मसूद अजहर भी है जिसके परिवार के 10 लोगों को ऑपरेशन सिंदूर में उड़ा दिया गया था. आपको याद ही होगा कि पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमले में मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में पाकिस्तानी सेना के बड़े अधिकारी मौजूद थे.

यह दर्शाता है कि चाहे कुछ भी हो जाए, पाकिस्तान आतंकवादियों का गढ़ बेशर्मी से बना रहेगा. उन्हें पैसों से लेकर ट्रेनिंग तक देता रहेगा चाहे कुछ भी हो जाए! और आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे पाकिस्तान का पंजाब प्रदेश तो आतंकवादियों के लिए जन्नत है. वहां लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-झांगवी जैसे 34 आतंकी  संगठन सक्रिय हैं जो कश्मीर में हमले का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं. भारत लगातार पाकिस्तान को इन आतंकी संगठनों की हरकतों की जानकारी देता रहा है लेकिन इन आतंकी संगठनों पर कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई.

आज भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पाकिस्तान को गोद में लिए घूम रहे हैं लेकिन क्या अमेरिका यह भूला होगा कि जिस आतंकवादी ओसामा बिन लादेन ने अमेरिका पर हमला करवाया था उसे पाकिस्तान ने अपनी गोद में छिपा रखा था. कहा तो जाता है कि इस्लामिक स्टेट के बहुत सारे आतंकियों को गुपचुप तरीके से पाकिस्तान में छिपाया गया है.

भारत की ही बात करें तो दाऊद इब्राहिम के कराची स्थित पते की जानकारी अधिकृत रूप से भारत दे चुका है लेकिन बेशर्म पाकिस्तान कोई कार्रवाई करने को तैयार ही नहीं है. यह हकीकत प्रमाण सहित बाहर आ चुकी है कि अजमल कसाब और उसके साथियों ने भारत में कोहराम मचाया लेकिन भारत के सबूत देने के बाद भी पाकिस्तान यही कहता रहा कि अजमल कसाब उसके देश का था ही नहीं!

यही पाकिस्तान की फितरत है. वो तो बस यही कहता है कि वह खुद ही आतंकवाद का शिकार है लेकिन वास्तविकता यह है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ने भारत की धरती को हमेशा ही लहूलुहान किया है. खुद पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक ब्रिटिश न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में स्वीकार किया कि पिछले तीस साल से पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों की पनाहगाह बना हुआ है.

हालांकि उन्होंने इसके लिए अमेरिका और ब्रिटेन को दोषी ठहरा दिया और कहा कि उन देशों के कारण ही पाक ने आतंकी संगठनों को सहयोग दिया लेकिन वास्तविकता यह है कि इन आतंकवादियों का भरपूर इस्तेमाल पाकिस्तान करता है. स्वाभाविक सी बात है कि जब पाकिस्तानी अपनी सरकार को आतंकवाद का व्यापार करते देखते हैं,

जिस देश में बंदूक की नोंक पर सत्ता हथियाई जाती हो, जहां बंदूक की नोंक पर भूख से तड़पती अवाम को चुप कराया जाता हो, उस देश का कोई खिलाड़ी यदि बल्ले को बंदूक समझ बैठे तो उसकी क्या गलती? उसके तो खून में ही आतंकवाद घुला है.  

Web Title: PAK Player Celebration When terrorism blood Sahibzada Farhan’s ‘AK-47’ celebration Haris Rauf's gesture sparks political controversy, boycott talk BLOG Vikas Mishra

क्रिकेट से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे