World Cup 2023: लाखों क्रिकेट प्रशंसकों के दिल तोड़े!, क्रिकेटर भले हारे लेकिन बीसीसीआई जीता...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 24, 2023 12:04 IST2023-11-24T12:03:25+5:302023-11-24T12:04:51+5:30

Icc World Cup 2023: विश्व के हमारे श्रेष्ठ गेंदबाज चमत्कार करेंगे और क्षेत्ररक्षक शानदार ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों पर भारी पड़ेंगे.

Icc World Cup 2023 Broke hearts of millions of cricket fans inside and outside country even though cricketers lost but BCCI won blog Abhilash Khandekar | World Cup 2023: लाखों क्रिकेट प्रशंसकों के दिल तोड़े!, क्रिकेटर भले हारे लेकिन बीसीसीआई जीता...

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Highlightsरोहित, विराट, शमी, सिराज, जडेजा और राहुल के शानदार प्रदर्शन पर आधारित था.उम्मीदें भरोसेमंद और अनुभवी कोच राहुल द्रविड़ पर भी टिकी थीं. अफसोस, भारत के पक्ष में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ!

Icc World Cup 2023: विश्व कप प्रतियोगिता में भारत का ऐसा अंत नहीं होना चाहिए था, जिसने देश के अंदर और बाहर लाखों क्रिकेट प्रशंसकों के दिल तोड़ दिए. पिछले रविवार को अहमदाबाद के विशाल नरेंद्र मोदी स्टेडियम में आईसीसी विश्व कप 2023 देखते समय मुझे भारत की जीत के बारे में बिल्कुल भी संदेह नहीं था.

टॉस हारने के बाद भारतीय बल्लेबाजों द्वारा बनाए गए 240 रनों के अपेक्षाकृत छोटे स्कोर के बाद भी, करोड़ों भारतीय प्रशंसकों की तरह, मुझे और मेरे दोस्तों को पूरा भरोसा था कि विश्व के हमारे श्रेष्ठ गेंदबाज चमत्कार करेंगे और क्षेत्ररक्षक शानदार ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों पर भारी पड़ेंगे. यह भरोसा रोहित, विराट, शमी, सिराज, जडेजा और राहुल के शानदार प्रदर्शन पर आधारित था.

हमारी उम्मीदें भरोसेमंद और अनुभवी कोच राहुल द्रविड़ पर भी टिकी थीं. लेकिन अफसोस, भारत के पक्ष में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ! सांत्वना निश्चित रूप से इस तथ्य में निहित है कि सभी क्षेत्रों में बेहतर टीम आत्मविश्वास के साथ चमचमाता कप ले गई. दरअसल, कंगारू सिर्फ उछलकूद ही नहीं कर रहे थे; वे प्रत्येक गेंद के पीछे चीते की तरह दौड़े और कई बार उन्हें रस्सियों के अंदर रोका.

वरना, भारत शायद इस अंतिम मुकाम में 300 रनों का आंकड़ा पार कर चुका होता और तस्वीर उससे कहीं अलग होती जो हमने अंततः देखी. नीले रंग की पोशाक में रोहित और उनके साथियों तथा चमकदार पीले रंग में पैट कमिंस और उनके बहादुर साथियों के बारे में पहले ही बहुत कुछ लिखा जा चुका है और भी लिखा जाएगा.

ऑस्ट्रेलिया के शांत, होशियार खिलाड़ियों ने छठी बार कप घर ले जाने के लिए, दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट मैदान के अंदर शोर मचा रहे एक लाख से अधिक पक्षपातपूर्ण प्रशंसकों को पूरी तरह से चुप करा दिया. जब ट्रेविस हेड लक्ष्य का पीछा करने के लिए रन बनाता रहा तो मैं कट्टर भारतीय प्रशंसकों की चिंता भरी चुप्पी को ‘सुन’ सकता था.

आईसीसी की इस प्रतियोगिता में भारतीय टीम का समर्थन करने वाले किराए के एंकरों द्वारा लाउड स्पीकरों पर बार-बार और पागलपन भरी चिल्लाहट के बीच दृढ़ ऑस्ट्रेलिया एकादश ने पूर्ण मानसिक एकाग्रता की कला में जैसे महारत हासिल कर ली थी. आयोजकों को ऐसे एंकरों से बचना चाहिए था.

लगातार 10 मैच जीतकर, जिसमें पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मैच भी शामिल है, भारत ने अपनी श्रेष्ठता स्थापित कर ली थी और इस तरह कप जीतना निश्चित था. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया!
चैंपियनशिप के दौरान दो बार खचाखच भरे स्टेडियम में बैठने के दौरान पहली बार भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान  मैंने सचिव जय शाह के नेतृत्व में बीसीसीआई टीमों द्वारा पूरे छह सप्ताह के भव्य समारोह के उम्दा आयोजन पर भी ध्यान दिया.

अहमदाबाद के अलावा, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ, कोलकाता और धर्मशाला जैसे अन्य स्थानों ने भी भारत को गौरवान्वित करने हुए उत्कृष्ट संगठनात्मक क्षमताओं का प्रदर्शन किया. टूर्नामेंट के शुरुआती चरण में कुछ आलोचनाएं हुईं, लेकिन वे सभी दब गईं क्योंकि भारत अपने मैच जोरदार ढंग से जीतता रहा.

साथ ही, बीसीसीआई ने टिकटों की ऑनलाइन बिक्री जैसे विवादास्पद मुद्दों को तुरंत ठीक कर दिया. जब पिछले साल भारत द्वारा विश्व कप की मेजबानी की घोषणा की गई थी, तब आयोजन स्थल, टिकट, टीमों की यात्रा और इस विशाल देश में पाकिस्तान के खिलाड़ियों की सुरक्षा आदि को लेकर आशंकाएं थीं लेकिन सब सकारात्मक तरीके से संपन्न हुआ.

यह भारत द्वारा आयोजित तीसरा विश्व कप था इसलिए अनुभव तो था लेकिन इस आयोजन को संभालने वाली सारी टीमें पूरी तरह से नई थीं. विश्व कप के आयोजन ने न केवल बीसीसीआई के लिए बल्कि बड़ी संख्या में विविध व्यवसायियों और हितधारकों के लिए भारी राजस्व अर्जित किया-बॉल बॉय से लेकर कमेंटेटर तक, प्रत्येक मैच के मैदान के बाहर नीली टी-शर्ट बेचने वालों से लेकर निजी चार्टर्ड फ्लाइट संचालकों और होटलों, विविध खाद्य आपूर्तिकर्ताओं से लेकर टीवी चैनलों और उनके विज्ञापनदाताओं तक-सब फायदे में रहे. यह आयोजन ऐसे समय में हुआ है.

जब भारत में बेरोजगारी और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की चर्चा गरम है. बीसीसीआई के बेहतर व विशाल आयोजन ने साबित कर दिया कि खेल एक ऐसा क्षेत्र है जो अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है और सरकारी क्षेत्र के बाहर भी बड़ी संख्या में रोजगार प्रदान कर सकता है. अकेले अहमदाबाद में, स्थानीय हवाई अड्डे पर चार्टर्ड उड़ानों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई.

आमतौर पर चार दिनों में, हवाई अड्डा 64 चार्टर्ड उड़ानों को संभालता है; लेकिन 17 से 20 नवंबर के बीच, प्रस्थान और आगमन 205 उड़ानों तक पहुंच गया और अदानी समूह द्वारा संचालित निजी हवाई अड्डे को आशा भोंसले तथा शाहरुख खान सहित कई ‘वीआईपी’ आगंतुकों को संभालने के लिए अन्य हवाई अड्डों से अतिरिक्त कर्मचारी लाने पड़े.

बड़े उद्योगपतियों का तो कहना ही क्या, जिनमें से कुछ दूसरे देशों से भी आए थे. नई पीढ़ी के क्रिकेट आयोजकों और दर्शकों के लिए यह एक नया और यादगार अनुभव था. सोने पर सुहागा यह रहा कि पैट कमिंस ने घर लौटने के बाद कोविड रोगियों के लिए पीएम केयर फंड में 50,000 डॉलर का दान दिया और अपना बड़प्पन दिखाया.

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