भारतीय टीम ने दिखाया पलटवार करने का जज्बा, लीड्स मुट्ठी से फिसली और बर्मिंघम में इतिहास

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: July 8, 2025 05:30 IST2025-07-08T05:30:24+5:302025-07-08T05:30:24+5:30

ENG vs IND, 2nd Test: पहली पारी में दोहरा शतक और दूसरी पारी में शतक जड़कर उन्होंने भारत के बड़े स्कोर की नींव रखी. शुभमन गिल के लिए वैसे भी यह सीरीज आग का दरिया है.

ENG vs IND, 2nd Test Indian team showed spirit counterattack Victory slipped grasp Indians Leeds Test but victory 336 runs Birmingham success | भारतीय टीम ने दिखाया पलटवार करने का जज्बा, लीड्स मुट्ठी से फिसली और बर्मिंघम में इतिहास

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Highlights टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम की अगुवाई उन्हें आलोचकों, समीक्षकों की निगाहों में ले आई है.बर्मिंघम टेस्ट के चौथे दिन वह भारत की पारी घोषित करने में विलंब कर रहे थे.कम समय में भी प्रतिद्वंद्वी को पानी पिलाने का माद्दा गेंदबाजों में है.

ENG vs IND, 2nd Test: बर्मिंघम में रविवार को इंग्लैंड पर दबदबेवाली भारत की जीत में संपूर्ण एकादश का समर्पण झलकता है. लीड्स टेस्ट में विजयश्री भारतीयों की मुट्ठी से फिसल गई थी लेकिन बर्मिंघम में 336 रन से फतह खिलाड़ियों के पलटवार करने के जज्बे का प्रमाण है. पराजय से मायूस होकर हाथ-पर हाथ धरे रहकर बैठने के बजाय शुभमन गिल की टीम सकारात्मक रही. एजबेस्टन के रण में गिल वाकई ‘कप्तान’ लगे. पहली पारी में दोहरा शतक और दूसरी पारी में शतक जड़कर उन्होंने भारत के बड़े स्कोर की नींव रखी. शुभमन गिल के लिए वैसे भी यह सीरीज आग का दरिया है.

पहली बार टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम की अगुवाई उन्हें आलोचकों, समीक्षकों की निगाहों में ले आई है. गिल अपने पूर्ववर्ती रोहित शर्मा या फिर विराट कोहली की भांति उग्र प्रतिक्रिया नहीं देते. वह राहुल द्रविड़ जैसे शांत-संयत लगते हैं लेकिन मस्तिष्क में टीम को लेकर हमेशा नई-नई योजनाओं की खिचड़ी पकती रहती है. बर्मिंघम टेस्ट के चौथे दिन वह भारत की पारी घोषित करने में विलंब कर रहे थे.

चहुंओर से आलोचक उन्हेें घेर रहे थे, लेकिन दो टेस्ट मुकाबलों की चार पारियों में 585 रन बना चुके भारतीय कप्तान ने दिखा दिया कि टीम के गेंदबाजी आक्रमण पर उन्हें विश्वास है और कम समय में भी प्रतिद्वंद्वी को पानी पिलाने का माद्दा गेंदबाजों में है. भारत की इस ऐतिहासिक जीत के अन्य पहलू भी हैं.

रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के बाद उनकी सेवाओं से  भारतीय टीम वंचित थी. तिस पर तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को भी कार्यभार प्रबंधन के लिए आराम दे दिया गया था. बर्मिंघम टेस्ट से पहले आकाशदीप और प्रसिद्ध कृष्णा के पास कुल मिलाकर 12 टेस्ट मैच का तजुर्बा था जो सबसे तजुर्बेकार बुमराह से 34 और मोहम्मद सिराज से 25 टेस्ट कम है. बावजूद इसके भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण ने बुमराह की कमी महसूस नहीं होने दी. लेकिन कुछ आंकड़े बड़े मजेदार हैं.

पिछले आठ टेस्ट मुकाबलों में से जिनमें बुमराह खेले थे भारत ने एक जीता, एक ड्रॉ रहा और छह हारे, जबकि बुमराह की गैरमौजूदगी वाले सभी आठ टेस्ट भारत जीत गया. खैर, आंकड़े अपनी जगह हैं लेकिन इंग्लैंड की परिस्थियों में इस फतह से भरपूर ऊर्जा भारतीय टीम को बचे हुए तीन टेस्ट मैचों में निर्विवाद रूप से मिलती रहेगी.

विदेशी सरजमीं पर हर विजय का स्वाद अलग होता है. पटौदी का नाम हटाने के बाद एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के नाम वाली इस सीरीज को भारतीय टीम ने एक-एक से बराबरी पर लाया. यहां से सोच अब जीतने की होनी चाहिए. क्यों न इस सीरीज को अब तीन टेस्ट की माना जाए.

निस्संदेह गिल इस जीत के नायक हैं लेकिन कैंसर से जूझ रही बहन को इस विजय को समर्पित कर आकाशदीप ने तमाम क्रिकेट प्रेमियों को भावुक कर दिया. आकाशदीप ने मुकाबले में दस विकेट लेकर भारत की जीत की राह आसान कर दी थी. एक भाई का बहन के प्रति इस तरह का प्रेम सचमुच नयनों को सजल कर देता है.  

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