अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बातों का हम सीधा जवाब क्यों नहीं देते?

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: October 17, 2025 05:25 IST2025-10-17T05:25:20+5:302025-10-17T05:25:20+5:30

विदेश मंत्रालय का कहना है कि लगातार बदलते माहौल में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा भारत की प्राथमिकता है.

Why don't respond directly what US President Donald Trump says pm narendra modi russia oil putin | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बातों का हम सीधा जवाब क्यों नहीं देते?

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Highlightsऊर्जा की कीमतों में स्थिरता और निरंतरता बनाए रखना दो प्रमुख मकसद हैं. भारत कई वर्षों से अपनी ऊर्जा खरीद का दायरा बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को और बढ़ाने में रुचि दिखाई है और इस पर बातचीत जारी है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का नया दावा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत अब रूस से कच्चा तेल नहीं खरीदेगा. उनके इस दावे के बाद स्वाभाविक रूप से यह उम्मीद की जा रही थी कि भारत सरकार की ओर से जवाब आएगा लेकिन जो जवाब आया है, उसका लब्बोलुआब यह है कि भारत ने न तो ट्रम्प के दावे सीधे-सीधे स्वीकारा है और न ही ट्रम्प के दावे का स्पष्ट रूप से खंडन किया है. विदेश मंत्रालय का कहना है कि लगातार बदलते माहौल में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा भारत की प्राथमिकता है.

ऊर्जा की कीमतों में स्थिरता और निरंतरता बनाए रखना दो प्रमुख मकसद हैं. जहां तक अमेरिका का सवाल है तो भारत कई वर्षों से अपनी ऊर्जा खरीद का दायरा बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. अमेरिका के मौजूदा प्रशासन ने भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को और बढ़ाने में रुचि दिखाई है और इस पर बातचीत जारी है.

यानी विदेश मंत्रालय के कथन में एक बात स्पष्ट है कि भारत अमेरिका से तेल खरीदी का दायरा बढ़ाएगा मगर रूस से तेल खरीदेगा या नहीं खरीदेगा, इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शब्दों को घुमाने-फिराने की इस तरह की कूटनीति अपनाई जाती है. यहां स्थितियां अलग हैं. ट्रम्प ने सारी हदें पार कर दी हैं.

भारत को एक तरफ वे महान देश बताते हैं और नरेंद्र मोदी को अपना घनिष्ठ मित्र बताते हैं लेकिन भारत को लेकर उनकी वाचालता कम होने का नाम नहीं ले रही है. ऑपरेशन सिंदूर को खत्म कराने के लिए वे अपनी धमकी की बात कई बार कह चुके हैं. उनका दावा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच उन्होंने ही जंग खत्म कराई.

जब पहली बार उन्होंने दावा किया तो उसी समय भारत को स्पष्ट रूप से कह देना चाहिए था कि मि. ट्रम्प झूठ बोल रहे हैं. हमने तो पाकिस्तान के आग्रह पर अपने प्रहार को स्थगित किया. लेकिन भारत की ओर से कहा गया कि इसमें किसी तीसरे पक्ष का कोई रोल नहीं है. आज भारत के हर नागरिक के मन में यह सवाल है कि भारत इस तरह गोल-गोल बातें क्यों करता है?

अमेरिका होगा बड़ा और शक्तिशाली देश लेकिन हमारे बारे में बोलने का अधिकार और खासकर झूठ बोलने का अधिकार उसे किसने दे दिया? कूटनीति और विदेश नीति की जरूरतों को समझा जा सकता है लेकिन यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि देश का सम्मान सबसे बड़ा होता है. इसी अमेरिका ने 1971 में पाकिस्तान का साथ दिया था लेकिन हमने पाक को धूल चटा दी थी.

हमें अपनी शक्ति का एहसास करना होगा. जिस तरह से चीन ने अमेरिका को हड़काया है, उसी तरह हमें भी हड़काना होगा. और जहां तक रूस का सवाल है तो वह हमारा सदा से हितैषी रहा है. हम उसे कैसे छोड़ सकते हैं. अमेरिका का इतिहास अविश्वास का है तो हम उस पर पूरी तरह भरोसा कैसे कर सकते हैं? ट्रम्प को हमें उन्हीं की भाषा में जवाब देना चाहिए.

Web Title: Why don't respond directly what US President Donald Trump says pm narendra modi russia oil putin

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