ब्लॉग: शेयर बाजार के मालामाल होने का वास्तविक मतलब क्या है?

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 21, 2023 10:51 AM2023-08-21T10:51:54+5:302023-08-21T11:20:09+5:30

ऑप्शन्स व्यापार में व्यापारिकों को एक स्टॉक को निर्धारित मूल्य पर खरीदने या बेचने का अधिकार देते हैं, लेकिन यह कोई अनिवार्यता नहीं होती है। ऑप्शन्स व्यापार में मुख्यत: कॉल ऑप्शन्स और पुट ऑप्शन्स शामिल होते हैं, जिनमें खरीदारी और बिक्री की स्थितियाँ व्यक्त की जाती हैं।

What is the real meaning of being rich in the stock market | ब्लॉग: शेयर बाजार के मालामाल होने का वास्तविक मतलब क्या है?

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)

Highlightsशेयर बाजार डिलिवरी: यह व्यापारिकों को स्थायी समय के लिए स्टॉक्स खरीदने या बेचने का अधिकार देता है।इंट्रा डे ट्रेडिंग: खरीद-बेच की प्रक्रिया एक ही दिन के भीतर समाप्त होती है।ऑप्शन्स: ये व्यापारिकों को निर्धारित मूल्य पर स्टॉक्स खरीदने या बेचने का अधिकार देते हैं, लेकिन कोई अनिवार्यता नहीं होती।

नई दिल्ली: हम खबरें पढ़ते हैं कि ‘पूंजी निवेशकों ने एक लाख करोड़ रुपए गंवाए, पूंजी निवेशकों को दो लाख करोड़ का फायदा हुआ.’ आम निवेशकों के मन में अक्सर प्रश्न उठता है कि शेयर बाजार में यह नुकसान अथवा फायदा किस तरह से होता है? 

आइए सरल भाषा में उदाहरण के साथ इसे समझें.सचिन (उदाहरण के लिए लिया गया एक नाम) एक निवेशक और ट्रेडर है. शेयर बाजार में सचिन तीन प्रकार से कामकाज करता है. डिलिवरी, इंट्रा डे और ऑप्शन्स.

‘इंट्रा डे ट्रेड’ में ऐसे होता है काम

‘इंट्रा डे ट्रेड’ में सचिन ने ‘बजाज फिनसर्व’ के 500 शेयर 1472 रुपए के हिसाब से बेचे और 1469 रुपए के हिसाब से पुन: खरीद कर ‘इंट्रा डे’ व्यवहार सेटल कर ट्रेड पोजीशन को बंद किया. इस लेनदेन में सचिन ने प्रति शेयर 3 रुपए की कमाई की. अर्थात उसे कुल डेढ़ हजार रुपए मिले.

सचिन के पास ‘बजाज फिनसर्व’ के कुल 150 शेयर हैं. कई माह पहले उसने 1300 रुपए प्रति शेयर के भाव से डिलिवरी ट्रेड से इसकी खरीदी की थी. पिछले शुक्रवार को बाजार शुरू होते ही यह शेयर 1470 रुपए के भाव से खुला और बाजार बंद होते समय इसका भाव 1460 रुपए था. सचिन के शेयर की मूल पूंजीकरण रकम एक लाख 95 हजार रुपए थी. 

जानें काल्पनिक नुकसान का कैसे होता है भरपाई 

बाजार खुलते समय इसका मूल्य दो लाख बीस हजार पांच सौ रुपए था, जबकि बाजार बंद होते समय यही मूल्य दो लाख 19 हजार रुपए रह गया. अर्थात निवेश की रकम में डेढ़ हजार रुपए की कमी आई. क्या इसका मतलब है कि सचिन को डेढ़ हजार रुपए का नुकसान हुआ? इसका उत्तर नहीं में है. कारण यह कि यह कम हुई रकम सिर्फ कागजों में ही कम हुई है. 

जब बाजार ऊपर चढ़ेगा और उस शेयर का भाव पुन: बढ़ेगा तो सचिन को हुए काल्पनिक नुकसान की भरपाई हो जाएगी और इसका रूपांतर उसे काल्पनिक फायदे के रूप में होगा. अब अगर अगले महीने इस शेयर की कीमत बढ़कर 1500 रुपए पर पहुंचती है तो उसे कुल 30 हजार रुपए का फायदा होगा. 

कैसे होता है निवेशक मालामाल

ऐसे में अगर कहा जाता है कि निवेशक मालामाल हुआ तो इसका मतलब है कि उसके शेयरों के मूल्य बढ़ गए. अगर सचिन 1500 रुपए के भाव से अपने शेयर बेचता है तो उसे 30 हजार रुपए का लाभ (खरीदी-बिक्री के भाव का फर्क) होगा और यह उसकी प्रॉफिट बुकिंग कहलाएगा.

कैसे होता है ऑप्शन्स में लेनदेन

अब मान लीजिए सचिन ऑप्शन्स में लेनदेन करता है. उसने बजाज फिनसर्व का कॉल ऑप्शन लेकर रखा है. उसे उम्मीद है कि भाव बढ़ेगा लेकिन भाव नीचे-नीचे ही गिरता जाता है तो वह कॉल ऑप्शन सेटल कर हकीकत में 800 रुपए गंवा देता है. मतलब घाटा उठाकर वह बाहर निकलता है.

ऐसे होता है फायदा और घाटा

इन तीन उदाहरणों में हमने देखा कि सचिन को ‘इंट्रा डे’ में कैसे प्रत्यक्ष फायदा हुआ, ‘ऑप्शन ट्रेड’ में नुकसान हुआ और उसके पास उपलब्ध शेयरों के भाव कैसे ऊपर-नीचे हुए, यह भी देखा. सचिन की तरह लाखों निवेशक और ट्रेडर्स प्रतिदिन बाजार में लेनदेन करते हैं. 

इनका रोजाना का कुल मूल्य कई लाख करोड़ रुपए होता है. लाभ-हानि का गणित सरल है, हमारे पास मौजूद शेयर घाटे में बिका तो हमें प्रत्यक्ष तौर पर घाटा और फायदे में बिका तो प्रत्यक्ष लाभ होता है.
 

Web Title: What is the real meaning of being rich in the stock market

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