Union Budget 2024 Live: विकसित भारत के सपने को मिलेगी मजबूती, आखिर क्या है नवरंग
By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: July 24, 2024 11:12 IST2024-07-24T10:53:13+5:302024-07-24T11:12:42+5:30
Union Budget 2024 Live: नवरंगों में कृषि उत्पादकता, रोजगार व कौशल, समावेशी मानव संसाधन विकास व सामाजिक न्याय, विनिर्माण विकास एवं सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचा तथा अनुसंधान व नवाचार एवं अगली पीढ़ी के सुधार शामिल हैं.

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Union Budget 2024 Live: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा 23 जुलाई को पेश किए गए वर्ष 2024-25 के बजट की तस्वीर में दिखाई दे रहा है कि यह बजट विकसित भारत के सपने को मजबूती देने वाला बजट है. अमृतकाल के इस ऐतिहासिक बजट में 7 प्रतिशत विकास दर का लक्ष्य रखते हुए विकसित भारत के लिए नौ प्राथमिकताओं को रेखांकित किया गया है.
बजट के इन नवरंगों में कृषि उत्पादकता, रोजगार व कौशल, समावेशी मानव संसाधन विकास व सामाजिक न्याय, विनिर्माण विकास एवं सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचा तथा अनुसंधान व नवाचार एवं अगली पीढ़ी के सुधार शामिल हैं. जहां वित्त मंत्री सीतारमण ने उद्योग-कारोबार, श्रम, कृषि, एमएसएमई, टैक्सेशन, शिक्षा, स्वास्थ्य, उपभोक्ता, आधारभूत ढांचा, वित्त क्षेत्र सहित बजट से संबंधित विभिन्न पक्षों के लिए अभूतपूर्व आवंटन किए हैं तथा महंगाई नियंत्रण के उपाय सुनिश्चित किए हैं,
वहीं राजस्व घाटा 1.8 फीसदी तथा राजकोषीय घाटा भी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 फीसदी तक सीमित रखने में सूझबूझ व चतुराई दिखाई है. खास बात यह भी है कि नए बजट में बुनियादी ढांचे के लिए 11 लाख करोड़ रुपए से अधिक रखे गए हैं, जो कि जीडीपी का 3.4 फीसदी है. इस पूंजीगत व्यय से रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे.
वर्ष 2024-25 का बजट प्रस्तुत करते हुए जहां वित्त मंत्री की एक मुट्ठी आम आदमी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सौगातों की झड़ी लगाते हुए दिखाई दी, वहीं उनकी दूसरी मुट्ठी आर्थिक सुधारों और नए दौर की वैश्विक जरूरतों से संबंधी प्रावधानों के लिए खुलते हुए दिखाई दी.
इसमें कोई दो मत नहीं है कि वित्त मंत्री ने नए बजट को बहुआयामी गरीबी में कमी, महिलाओं और युवाओं के विकास, रोजगार वृद्धि, कृषि और किसान हितों, बुनियादी ढांचे की मजबूती, उद्योग-कारोबार की गतिशीलता, रोजगार के नए अवसर, महंगाई पर नियंत्रण, नई मांग का निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं, डिजिटल शिक्षा, ग्रीन एनर्जी पर खर्च बढ़ाने के बेहतर प्रावधानों से सजाया है.
निश्चित रूप से वित्त मंत्री ने आर्थिक तथा सामाजिक मोर्चे पर बड़े ऐलान किए हैं. नए बजट में 22 जुलाई को पेश आर्थिक समीक्षा के तहत बताई गई हर साल 80 लाख नौकरियों की दरकार के मद्देनजर निजी क्षेत्र और गैर कृषि क्षेत्र के तहत नई नौकरियों और कौशल विकास की व्यवस्था सुनिश्चित की है.
ऐसी नौकरियों के लिए उत्पादन प्रोत्साहन सम्बद्ध (पीएलआई), टेक्सटाइल योजना, मुद्रा योजना, केयर इकोनॉमी क्षेत्रों की पहचान की गई है. वित्त मंत्री ने 5 सालों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल व अन्य अवसरों की सुविधा के लिए पांच योजनाओं के प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज की व्यवस्था सुनिश्चित की है. एक करोड़ युवाओं को 500 बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप सुनिश्चित की जाएगी.
प्रत्येक छात्र को 5000 रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जाएगा. मुद्रा योजना के तहत रोजगार के लिए ऋण की सीमा दोगुनी कर 20 लाख रुपए तक बढ़ाई गई है. एक लाख ऐसे छात्रों को उनके अध्ययन के लिए 10 लाख रुपए तक का ऋण दिया जा सकेगा, जो अन्य कोई शासकीय सहायता का लाभ नहीं ले रहे हैं.
इसमें कोई दो मत नहीं है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2024-25 के बजट के तहत किसानों के कल्याण और कृषि को विकास का इंजन बनाने की रणनीति के तहत किसानों के हित में कृषि व ग्रामीण क्षेत्र की क्षमता के दोहन के लिए अभूतपूर्व कदम आगे बढ़ाए हैं. वित्त मंत्री ने इस बजट के माध्यम से कृषि सेक्टर के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए और ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपए सुनिश्चित किए हैं. इस व्यापक बजट से सरकार कृषि और ग्रामीण विकास पर प्रभावी खर्च बढ़ाते हुए दिखाई दी है.
32 फसलों की 109 किस्मों पर फोकस किया गया है. निश्चित रूप से नए बजट के तहत एक लाख करोड़ रुपए के शोध कोष से निजी क्षेत्र में अनुसंधान व नवाचार को व्यापक बढ़ावा मिलेगा. वर्ष 2024-25 के बजट से निर्यात और विदेशी निवेश में वृद्धि, बाजारों में उपभोक्ता मांग में तेजी, विनिर्माण और सर्विस क्षेत्र में बड़ा सुधार दिखाई देगा.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को प्रोत्साहनमूलक राहत दी गई है. वित्त मंत्री सीतारमण ने जहां आयकर की पुरानी रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है, वहीं नई रिजीम के तहत करदाताओं को राहतों से लाभान्वित किया गया है. इससे करीब 4 करोड़ वेतनभोगियों व पेंशनभोगियों को लाभ होगा.
हम उम्मीद करें कि वर्ष 2024-25 के बजट के विभिन्न प्रावधानों के कारगर क्रियान्वयन से भारत को 2027 तक दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था तथा वर्ष 2047 तक दुनिया का विकसित देश बनने के सपने को साकार करने की डगर पर भी आगे बढ़ा जा सकेगा.