Trump Tariff Updates: ट्रम्प के टैरिफ को हम बना सकते हैं आपदा में अवसर
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: August 27, 2025 05:39 IST2025-08-27T05:39:56+5:302025-08-27T05:39:56+5:30
Trump Tariff Live Updates: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा पिछले महीने के आखिरी में ही कर दी थी और इसे 27 अगस्त से लागू करने की बात कही थी.

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Trump Tariff Live Updates:अमेरिका द्वारा आज 27 अगस्त से लागू किए जाने वाले 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ के सामने भारत ने मजबूती से डटे रहने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अहमदाबाद में 5400 करोड़ रु. की विकास परियोजनाओं के लोकार्पण-शिलान्यास के दौरान जनसभा में कहा कि दबाव कितना भी हो, भारत झेलने की ताकत बढ़ाता जाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा पिछले महीने के आखिरी में ही कर दी थी और इसे 27 अगस्त से लागू करने की बात कही थी.
जबकि 25 प्रतिशत टैरिफ 31 जुलाई से ही लागू कर दिया था. इस तरह अब भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ थोप दिया है. भारत ने हालांकि शुरू में ही स्पष्ट कर दिया था कि वह अमेरिकी दादागीरी के आगे नहीं झुकेगा, फिर भी कहीं न कहीं यह उम्मीद बंधी हुई थी कि ट्रम्प को शायद आखिरी वक्त तक अक्ल आ जाए और वे अपनी मनमानी से बाज आएं, क्योंकि इससे ज्यादा नुकसान अमेरिका को ही होने वाला है.
ट्रम्प डींग हांकते हैं कि दुनिया के अनेक देशों पर लगाए गए टैरिफ से अमेरिका के खजाने में अरबों डॉलर आए हैं, लेकिन वे यह नहीं समझ पा रहे कि यह पैसा आखिर अमेरिकियों की जेब से ही तो जा रहा है! टैरिफ लगाने से महंगे हुए विदेशी सामान भी अगर अमेरिकी खरीद रहे हैं तो सिर्फ इसलिए कि इसके बिना उनका काम नहीं चल रहा होगा.
लेकिन इससे ट्रम्प के खिलाफ उनमें असंतोष तो बढ़ ही रहा होगा, जिसे देर-सवेर फूटना ही है. अभी भी अमेरिका में विपक्ष सहित ट्रम्प की पार्टी के लोग भी उनको चेता रहे हैं कि भारत जैसे सहयोगी को खोना अमेरिका को बहुत भारी पड़ेगा, लेकिन नोबल पुरस्कार पाने की लालसा में ट्रम्प ऐसे अंधे हो गए हैं कि उन्हें अमेरिका का नुकसान भी दिखाई नहीं दे रहा है.
जिस रूस से तेल खरीदी की ‘सजा’ देने के लिए उन्होंने भारत पर टैरिफ थोपा है, उससे ज्यादा तेल चीन खरीद रहा है, लेकिन उस पर हाथ डालने की ट्रम्प की हिम्मत नहीं है, क्योंकि चीन एक बार रेयर अर्थ मटेरियल की सप्लाई ठप करके उन्हें अपनी ताकत दिखा चुका है.
ट्रम्प दरअसल सिर्फ ताकत की भाषा समझते हैं, इसलिए हमें स्वदेशीकरण को बढ़ावा देकर अपनी अर्थव्यवस्था को इतना आत्मनिर्भर बनाना होगा कि ट्रम्प तो क्या, कोई भी देश हमें आंखें न दिखा सके. अमेरिकी टैरिफ से हमें थोड़ा-बहुत तात्कालिक नुकसान होगा, लेकिन अगर इससे सबक लेकर हम आत्मनिर्भर बन सकें तो यह फायदे का सौदा ही साबित होगा.