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अर्थव्यवस्था की चमकीली संभावनाएं

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: August 19, 2018 13:08 IST

यद्यपि वैश्विक आर्थिक कारणों से प्रति डॉलर  की कीमत 70 रुपए के पार हो गई है लेकिन अर्थ विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के बुनियादी विकास के घटक मजबूत हैं

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(लेखक-जयंतीलाल भंडारी)यद्यपि वैश्विक आर्थिक कारणों से प्रति डॉलर  की कीमत 70 रुपए के पार हो गई है लेकिन अर्थ विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के बुनियादी विकास के घटक मजबूत हैं और भारत की अर्थव्यवस्था वर्ष 2018-19 में 7।5 फीसदी विकास दर प्राप्त करेगी।

वस्तुत: चीन सहित दुनिया के उभरते हुए देशों की मुद्राओं के मूल्य में गिरावट की तुलना में भारतीय रुपए में गिरावट अपेक्षाकृत कम है।  जहां डॉलर की मजबूती के कारण दुनिया के शेयर बाजार डगमगा रहे हैं, वहीं रुपए की कीमत में गिरावट के बाद भी भारत का शेयर बाजार ऊंचाई पर है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष सहित दुनिया के आर्थिक संगठनों की रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था की चमकीली संभावनाएं बताई जा रही हैं।

यह भी कहा जा रहा है कि रुपए में ऐतिहासिक गिरावट को निर्यात बढ़ाने के अवसर की तरह लिया जाना लाभप्रद होगा। इन दिनों वैश्विक आर्थिक संगठनों की रिपोर्टो में भारतीय अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ रही चमकीली संभावनाओं वाली अर्थव्यवस्था बताया जा रहा है। हाल ही में 8 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है।

कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था नोटबंदी व जीएसटी के खतरों से उबर गई है। आईएमएफ ने रिपोर्ट में कहा है कि हाल के वर्षो में भारत ने अच्छे आर्थिक सुधार किए हैं। कुछ आर्थिक सुधारों का भारत को विशेष रूप से फायदा हुआ है। जीएसटी के कारण दीर्घावधि में लाभ पहुंचेगा। आईएमएफ ने जहां इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड को एक अहम उपलब्धि बताया है, वहीं रिजर्व बैंक के तहत 2016 से शुरू किए गए सक्रिय मुद्रास्फीति अनुमान नेटवर्क की भी प्रशंसा की है। इसी वजह से भारत को मुद्रास्फीति को नीचे रखने में सफलता मिली है।

आईएमएफ ने व्यापार में सुधार और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को और अधिक उदार बनाने के लिए भी भारत की प्रशंसा की है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगले कुछ दशकों तक वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि का प्रमुख स्नेत बनी रहेगी। हम आशा करें कि भारतीय अर्थव्यवस्था की चमकीली संभावनाओं को साकार करने के लिए  सरकार विनिर्माण क्षेत्र एवं कौशल प्रशिक्षण को नए आयाम देगी। सरकार मांग और निवेश में वृद्धि करने की डगर पर आगे बढ़ेगी। साथ ही स्टार्टअप और बुनियादी ढांचे के निर्माण पर यथोचित ध्यान देगी। 

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