Russia Backs India Trump Tariffs: वो करें तो जायज और हम वही करें तो नाजायज?

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: August 6, 2025 05:24 IST2025-08-06T05:24:30+5:302025-08-06T05:24:30+5:30

Russia Backs India Trump Tariffs: तेल का एक बड़ा हिस्सा खुले बाजार में बेचकर भारी मुनाफा भी कमा रहा है, इसी कारण भारत पर टैरिफ बढ़ाने जा रहा हूं.

Russia Backs India Trump Tariffs If they do then legal and if we do same then illegal | Russia Backs India Trump Tariffs: वो करें तो जायज और हम वही करें तो नाजायज?

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Highlightsभारत रूस से सैन्य उपकरण और तेल खरीदना जारी रखता है तो अलग से जुर्माना भी लगाया जा सकता है.भारत की ओर से ट्रम्प की हरकतों पर खुले रूप से कोई प्रतिक्रिया न दिए जाने से ट्रम्प के हौसले बढ़ते ही जा रहे हैं.ट्रम्प वही भाषा समझते हैं जो उन्हें चीन ने समझाया या यूक्रेन के प्रधानमंत्री जेलेंस्की ने समझाया.

Russia Backs India Trump Tariffs: भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को आखिरकार एक छोटा सा आईना ही सही, दिखा जरूर दिया है. यह जरूरी भी था क्योंकि भारत के खिलाफ डोनाल्ड ट्रम्प का रवैया भयानक रूप से सख्त होता जा रहा है. 25 प्रतिशत टैरिफ के बाद अब उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से घोेषणा की कि भारत न सिर्फ रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीद रहा है, बल्कि खरीदे गए इस तेल का एक बड़ा हिस्सा खुले बाजार में बेचकर भारी मुनाफा भी कमा रहा है, इसी कारण भारत पर टैरिफ बढ़ाने जा रहा हूं.

ट्रम्प ने यह नहीं बताया है कि टैरिफ और कितना बढ़ेगा लेकिन साथ में यह चेतावनी जरूर दे दी कि भारत रूस से सैन्य उपकरण और तेल खरीदना जारी रखता है तो अलग से जुर्माना भी लगाया जा सकता है. दरअसल भारत की ओर से ट्रम्प की हरकतों पर खुले रूप से कोई प्रतिक्रिया न दिए जाने से ट्रम्प के हौसले बढ़ते ही जा रहे हैं.

ट्रम्प ने बार-बार दावा किया कि पाकिस्तान के साथ उन्होंने सीजफायर कराया लेकिन भारत ने एक बार भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा कि ट्रम्प झूठ बोल रहे हैं. भारत ने बस इतना कहा कि पाकिस्तान के आग्रह पर सीजफायर हुआ. मगर बर्दाश्त की भी एक सीमा होती है. अब भारतीय नेतृत्वकर्ताओं को लग रहा होगा कि ट्रम्प वही भाषा समझते हैं जो उन्हें चीन ने समझाया या यूक्रेन के प्रधानमंत्री जेलेंस्की ने समझाया.

इसीलिए ट्रम्प के नए आरोप पर विदेश मंत्रालय की ओर से तत्काल टिप्पणी आई. और प्रमाण के साथ आई. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका तो अब भी अपने परमाणु उद्योग के लिए यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए पैलेडियम का आयात रूस से कर रहा है. इसके अलावा उर्वरक और रसायन भी रूस से खरीद रहा है.

पिछले वित्तीय वर्ष में अमेरिका ने रूस के साथ साढ़े तीन अरब डॉलर का गुड्स ट्रेड किया. यूरोप के कई  देश रूस के साथ ऊर्जा व्यापार कर ही रहे हैं. तुर्की, यूएई, सऊदी अरब और कतर सहित कई देशों का रूस के साथ व्यापार लगातार चल रहा है. ट्रम्प उन देशोंं पर इस तरह टैरिफ हमला नहीं कर रहे हैं जैसा हमला भारत के खिलाफ कर रहे हैं.

ट्रम्प शायद यह चाहते हैं कि भारत अपना सबसे भरोसेमंद दोस्त खो दे इसीलिए हर तरह से यह कोशिश कर रहे हैं कि भारत डर जाए और रूस से दूर होकर अमेरिका की गोद में जा बैठे. मगर उन्हें यह समझना होगा कि भारत जैसा देश केवल गुटनिरपेक्षता की राह पर आगे बढ़ कर ही अपनी हैसियत को पुख्ता कर सकता है.

पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक भारत का रुख स्पष्ट रहा है. भारत किसी भी गुट के साथ नहीं है और भारत बहुध्रुवीय दुनिया का पक्षधर है. सवाल यह है कि भारत रूस से तेल क्यों नहीं खरीदे? भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और अपनी जरूरतों के अनुरूप वह दुनिया के किसी भी देश से अपनी जरूरत का सामान खरीद सकता है.

ट्रम्प को यह समझना होगा कि भारत अपना राष्ट्रीय हित पहले देखेगा और फिर बाकी दुनिया की सोचेगा. और सबसे बड़ी बात कि यदि रूस से अमेरिका को इतना ही परहेज है तो वह खुद क्यों वहां से अपनी जरूरत का सामान खरीदता है. यूरोप क्यों रूस के ऊर्जा संसाधनों से खुद को सहूलियत पहुंचा रहा है.

दरअसल अमेरिका भी और यूरोप के देश भी दोहरा मापदंड अपना रहे हैं. अमेरिका अपनी मनमर्जी चलाना चाहता है. जरा याद कीजिए भारत में अमेरिका के राजदूत रहे एरिक गासेर्टी का 2024 में दिया गया वह बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने रूसी तेल इसलिए खरीदा, क्योंकि अमेरिका चाहता था कि भारत तय किए गए ‘प्राइस कैप’ पर तेल खरीदे. यह कोई उल्लंघन नहीं था.

अमेरिका नहीं चाहता था कि तेल की कीमत बढ़े और भारत ने ऐसा किया. अब सोचिए कि कोई अमेरिका पर कैसे भरोसा करे? ट्रम्प के पूर्ववर्ती जो बाइडेन भारत के विरोधी माने जाते थे इसीलिए ट्रम्प की जीत के लिए हम भारतीय दुआ कर रहे थे लेकिन यह शख्स तो दोस्त कह कर दुश्मनों जैसा बर्ताव कर रहा है. ट्रम्प से निपटने के लिए हमें भी वैसी सख्ती अख्तियार करनी होगी जैसी चीन ने दिखाई.

ट्रम्प ने चीन पर टैरिफ हमला किया तो चीन ने और बड़ा हमला कर दिया. अंतत: ट्रम्प खुद को समेटने पर विवश हुए. ट्रम्प को ‘जैसे को तैसा’ की भाषा ही समझ में आती है. आप डरेंगे तो वे आंखें दिखाएंगे, आप आंखों में आंखें डालेंगे तो वे मुस्कुराएंगे. मगर ध्यान रखिए कि मुस्कुराहट कुटिल होगी. इसलिए मुस्कुराहटों पर निछावर मत होइएगा अन्यथा धोखा खा जाएंगे.

Web Title: Russia Backs India Trump Tariffs If they do then legal and if we do same then illegal

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