Public Distribution System: अनाज का 28 फीसदी लाभार्थियों तक नहीं पहुंचा?, दो करोड़ टन अनाज का लीकेज
By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: December 6, 2024 16:14 IST2024-12-06T16:13:17+5:302024-12-06T16:14:18+5:30
Public Distribution System: शोध अध्ययन में पीडीएस व्यवस्था में लीकेज कम करने एवं इसकी प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए प्रो. अशोक गुलाटी, राया दास और रंजना रॉय ने विशेष योगदान दिया है.

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Public Distribution System: हाल ही में इंडियन कौंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनाॅमिक रिलेशंस (आईसीआरआईईआर) के द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में पाया गया है कि देश में पीडीएस के तहत भारतीय खाद्य निगम और राज्य सरकारों द्वारा आपूर्ति किए गए अनाज का 28 फीसदी इच्छित लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाता है. यानी सालाना करीब दो करोड़ टन अनाज का लीकेज होता है. अर्थव्यवस्था को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है. इस वजह से सालाना करीब 69 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का आर्थिक नुकसान होता है. चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार का खाद्य सब्सिडी बिल 2.05 लाख करोड़ रुपए का है. इस शोध अध्ययन में पीडीएस व्यवस्था में लीकेज कम करने एवं इसकी प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए प्रो. अशोक गुलाटी, राया दास और रंजना रॉय ने विशेष योगदान दिया है.
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2016 से राशन की दुकानों में पाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों की शुरुआत से लीकेज में कमी आई है. वर्ष 2011-12 की खपत संख्या के आधार पर शांता कुमार समिति ने कहा था कि पीडीएस व्यवस्था में करीब 46 फीसदी लीकेज है. यद्यपि इस समय इस लीकेज में कमी आई है, लेकिन यह अभी भी काफी अधिक है.
ऐसे में जरूरी है कि पीडीएस के लिए बेहतर निगरानी और संरचनात्मक सुधारों की डगर पर तेजी से आगे बढ़ा जाए. देश में अभी भी जिस तरह से फर्जी राशन कार्ड चिंता का कारण बने हुए है, उन्हें शीघ्रतापूर्वक चलन से हटाना होगा. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक राशन कार्ड के डिजिटलीकरण के चलते देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को अधिक कारगर बनाने के लिए आधार एवं ईकेवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) प्रणाली के माध्यम से सत्यापन कराने के बाद अब तक फर्जी पाए गए 5 करोड़ 80 लाख से अधिक राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं.
चूंकि अभी तक पीडीएस लाभार्थियों में से करीब 64 फीसदी का ही ईकेवाईसी किया गया है, अतएव शेष का ईकेवाईसी तेजी से बढ़ाकर पीडीएस को अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा. यह भी जरूरी है कि देश के करोड़ों लोगों को पोषण सुरक्षा देने के लिए पीडीएस व्यवस्था के तहत गेहूं और चावल के साथ श्रीअन्न जैसे पोषण खाद्यान्न भी वितरित किए जाने का काम सुनिश्चित किया जाए.
निश्चित रूप से ऐसे रणनीतिक प्रयासों से पीडीएस व्यवस्था को नया लाभप्रद रूप दिया जा सकेगा और सरकार देश के कमजोर वर्ग के करोड़ों लोगों के लिए आर्थिक कल्याण की डगर पर और अधिक कारगर रूप से आगे बढ़ सकेगी.