प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: शेयर मार्केट 2019 और आगामी वर्ष की उम्मीदें
By Prakash Biyani | Updated: December 27, 2019 07:35 IST2019-12-27T07:35:43+5:302019-12-27T07:35:43+5:30
बीएसई 500(सभी प्रमुख सेक्टर की टॉप 500 कंपनियों का सूचकांक) 8 फीसदी बढ़ा. इसके 130 स्टॉक डबल डिजिट बढ़े. इनमें से 35 स्टॉक तो 50 से 200 फीसदी बढ़े पर 300 शेयरों के मूल्य घटे.

प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: शेयर मार्केट 2019 और आगामी वर्ष की उम्मीदें
2019 में बीएसई सूचकांक 15.6 और निफ्टी 13 फीसदी बढ़ा पर साल के दौरान कुछ शेयरों से ही निवेशकों ने पैसा कमाया. मिडकैप और स्माल कैप (मध्यम और छोटे आकार की कंपनियों के शेयरों) में निवेश घाटे का सौदा साबित हुए. बीएसई मिड कैप के 57 फीसदी और स्माल कैप के 75 फीसदी शेयरों के मूल्य गिरे.
बीएसई 500(सभी प्रमुख सेक्टर की टॉप 500 कंपनियों का सूचकांक) 8 फीसदी बढ़ा. इसके 130 स्टॉक डबल डिजिट बढ़े. इनमें से 35 स्टॉक तो 50 से 200 फीसदी बढ़े पर 300 शेयरों के मूल्य घटे.
इनमें से 236 शेयरों के मूल्य तो डबल डिजिट गिरे. 40 शेयर तो ऐसे हैं जिनके मूल्य 10 रुपए से भी कम रह गए.
इन सबके बावजूद 2019 में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर मार्केट में एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा निवेश किया. ब्लूमबर्ग के सर्वे के अनुसार इंडोनेशिया और चीन के बाद भारत दुनिया का तेजी से उभरता तीसरा इक्विटी मार्केट है.
इसका प्रमुख कारण है- म्यूचुअल फंड्स में सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (बैंक के रिकरिंग खाते की तरह म्यूचुअल फंड्स के जरिये शेयर मार्केट में निवेश) से इक्विटी में निवेश बढ़ना. 2019 के 11 महीनों में इस रूट से शेयर मार्केट में 90,094 करोड़ रु. का निवेश हुआ है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के अनुसार चालू वित्त वर्ष में हर माह औसतन 2800 रुपए निवेश के करीब 9,55,000 एसआईपी अकाउंट्स खुले हैं. चालू वित्त वर्ष में आईपीओ से भी निवेशकों ने पैसा कमाया है.
साल में 12 नए आईपीओ आए जिनमें से केवल दो ने ही नेगेटिव रिटर्न दिए हैं. आईआरसीटीसी, इंडिया मार्ट और मेट्रोपोलिस के आईपीओ से तो निवेशकों ने खूब पैसा कमाया है.
विशेषज्ञों का मानना है कि हाल ही में घोषित किए गए सरकारी उपाय और मार्केट फ्रेंडली बजट शेयर मार्केट को नई ऊंचाइयां देंगे. मांग में सुधार से कॉर्पोरेट्स की कमाई बढ़ेगी. सरकारी खर्च बढ़ने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आम आदमी की क्रय शक्ति बढ़ेगी. रबी की फसल अच्छी आ रही है जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुधारेगी. जीडीपी ग्रोथ भी सुधरने की उम्मीद है.
सरकार जीएसटी की दरें बदल रही है और इसका सिस्टम भी सुधारने जा रही है. आयकर में छूट मिलने की उम्मीद है. बैंकों के पुराने एनपीए की वसूली होने की उम्मीद है. ये सब शेयर मार्केट के सकारात्मक पहलू हैं पर निवेशकों को मजबूत बुनियाद, कर्ज मुक्त और उच्च कॉर्पोरेट गवर्नेस वाली कंपनियों के शेयरों में ही निवेश करना चाहिए.
काइट फ्लायर प्रमोटरों (रातों-रात अरबपति बनने के स्वप्न) की कंपनियों में निवेश पैसे डुबोना है. फेक एडवायजरी से बचना चाहिए यानी एसएमएस या मित्नों से मिली टिप्स पर निवेश नहीं करना चाहिए. शेयर मार्केट में दीर्घावधि निवेशक ही पैसा कमाते हैं. डे-ट्रेडिंग आम निवेशकों के लिए नहीं है.