लाइव न्यूज़ :

जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: डिजिटल अर्थव्यवस्था से पैदा हो रहे नए रोजगार

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 11, 2022 10:06 AM

डिजिटल रुपया अभी जो हमारी फिजिकल करेंसी (भौतिक मुद्रा) है उसका ही डिजिटल स्वरूप होगा। इसको फिजिकल करेंसी से एक्सचेंज (विनिमय) किया जा सकेगा। अटलांटिक काउंसिल के मुताबिक जनवरी 2022 तक 9 देशों में डिजिटल मुद्रा जारी हुई है।

Open in App
ठळक मुद्देइस वर्ष भारत में भी डिजिटल मुद्रा के आकार लेने से भारतीय अर्थव्यवस्था को आंतरिक और वैश्विक लेनदेन के लाभ मिल सकेंगे।डिजिटल अर्थव्यवस्था की बुनियादी जरूरत कम्प्यूटर और इंटरनेट तक अधिकांश लोगों की पहुंच बढ़ाई जानी होगी।वित्तीय लेनदेन के लिए बड़ी संख्या में लोगों को डिजिटल भुगतान तकनीकों से परिचित कराया जाना होगा। 

देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने का नया लाभप्रद परिदृश्य उभरकर दिखाई दे रहा है। इससे एक ओर देश के करोड़ों लोगों की सुविधा और उपभोक्ता संतुष्टि बढ़ने तथा दूसरी ओर रोजगार सहित नए आर्थिक मौके तेजी से बढ़ने की संभावनाएं निर्मित हो रही हैं। इसमें कोई दो मत नहीं है कि भारत में विभिन्न क्षेत्नों में डिजिटल कारोबार बढ़ने के साथ-साथ डिजिटल रोजगार बढ़ रहा है। 

स्थिति यह है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था में कई ऐसे नए रोजगार दिखाई देने लगे हैं, जिनके बारे में पहले कल्पना भी नहीं की जाती थी। मैकेंजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था में वर्ष 2025 तक करीब साढ़े छह करोड़ रोजगार अवसर पैदा हो सकते हैं, वहीं इसकी वजह से चार से साढ़े चार करोड़ परंपरागत नौकरियां समाप्त हो सकती हैं। इसमें कोई दो मत नहीं कि दुनियाभर में ऑटोमेशन, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के चलते कई क्षेत्नों में रोजगार तेजी से खत्म हो रहे हैं। वहीं डिजिटल क्षेत्नों में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं। 

गौरतलब है कि एक फरवरी को वित्त मंत्नी निर्मला सीतारमण के द्वारा प्रस्तुत किए गए 2022-23 के बजट प्रावधानों में विभिन्न क्षेत्नों में डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए चमकीला अध्याय लिखा गया है। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकों की स्थापना करेंगे। देश के डाकघर भी ऑनलाइन सेवाएं मुहैया कराएंगे। 1.5 लाख डाकघर कोर बैंकिंग से जुड़ेंगे। इसके साथ ही बैंक से पोस्ट ऑफिस के खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर किया जा सकेगा। यही नहीं, डाकघर के लिए भी एटीएम सुविधा मुहैया कराई जाएगी। 

5जी मोबाइल सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी होगी। इसके बाद से निजी दूरसंचार कंपनियां देश में 5जी सेवाओं की शुरुआत कर पाएंगी। 5जी सुविधा प्रारंभ होने के बाद उपयोगकर्ता अपने 5जी स्मार्टफोन का और बेहतर तरीके से उपयोग कर सकेंगे। इसके साथ ही 5जी के आने से देशभर में इंटरनेट यूजर्स को हाई-स्पीड नेट सर्फिग और फास्ट वीडियो स्ट्रीमिंग का बिल्कुल नया लाभ मिलेगा। पीएम ई-विद्या के 'वन क्लास, वन टीवी चैनल' कार्यक्रम को 12 से 200 टीवी। चैनलों तक बढ़ाया जाएगा। साथ ही एक डिजिटल यूनिवर्सिटी भी बनाई जाएगी।

यह बात भी महत्वपूर्ण है कि नए बजट 2022-23 में प्रस्तावित डिजिटल मुद्रा व्यवस्था भी डिजिटल अर्थव्यवस्था और फिनटेक क्षेत्न को तेजी से आगे बढ़ाएगी। रिजर्व बैंक के द्वारा ब्लॉक चेन और अन्य तकनीक का इस्तेमाल करके डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) जारी की जाएगी। इससे ऑनलाइन लेनदेन और सुरक्षित बनेगा तथा इसमें किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं होगा। 

डिजिटल रुपया अभी जो हमारी फिजिकल करेंसी (भौतिक मुद्रा) है उसका ही डिजिटल स्वरूप होगा। इसको फिजिकल करेंसी से एक्सचेंज (विनिमय) किया जा सकेगा। अटलांटिक काउंसिल के मुताबिक जनवरी 2022 तक 9 देशों में डिजिटल मुद्रा जारी हुई है। इन देशों को डिजिटल मुद्रा के लाभ मिले हैं। अब इस वर्ष भारत में भी डिजिटल मुद्रा के आकार लेने से भारतीय अर्थव्यवस्था को आंतरिक और वैश्विक लेनदेन के लाभ मिल सकेंगे।

इसमें कोई दो मत नहीं कि देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था अब तक के विभिन्न प्रोत्साहनों से तेजी से आगे बढ़ी है। लेकिन अभी डिजिटल अर्थव्यवस्था की डगर पर दिखाई दे रही विभिन्न बाधाओं और चुनौतियों की ओर ध्यान दिया जाना होगा। डिजिटल अर्थव्यवस्था की बुनियादी जरूरत कम्प्यूटर और इंटरनेट तक अधिकांश लोगों की पहुंच बढ़ाई जानी होगी। वित्तीय लेनदेन के लिए बड़ी संख्या में लोगों को डिजिटल भुगतान तकनीकों से परिचित कराया जाना होगा। 

छोटे गांवों में बिजली की पर्याप्त पहुंच और मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड के मामले में भी देश को आगे बढ़ना होगा। देश के कोने-कोने में आम आदमी तक डिजिटल समझ बढ़ाए जाने का अभियान जरूरी होगा। लोगों को स्मार्टफोन खरीदने के लिए बैंक से आसान ऋण दिया जाना होगा। पीसीओ की तर्ज पर पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्वाइंट की व्यवस्था सुदृढ़ बनानी होगी। डिजिटल भुगतान के समय होने वाली ऑनलाइन धोखाधड़ी की बढ़ती हुई घटनाओं को नियंत्रित करके लोगों का ऑनलाइन लेनदेन में अधिक विश्वास बनाना होगा। डिजिटल अर्थव्यवस्था के तहत कृषि शिक्षा, शहरी बुनियादी अधोसंरचना और आपदा प्रबंधन के तंत्न को मजबूत करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेस (एआई) की भूमिका को प्रभावी बनाया जाना होगा।

हम उम्मीद करें कि अब देश में डिजिटल इंडिया अभियान तेजी से आगे बढ़ेगा और इस दशक में वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में देश की हिस्सेदारी उभरकर दिखाई देगी। साथ ही देश और दुनिया में डिजिटल अर्थव्यवस्था के तहत सृजित हो रहे नए रोजगार और आर्थिक मौके बड़ी संख्या में भारतीय युवाओं की मुट्ठियों में आते हुए दिखाई देंगे।

टॅग्स :बजट 2022भारतीय अर्थव्यवस्थानिर्मला सीतारमणडिजिटल इंडियाDigital
Open in App

संबंधित खबरें

भारतस्वाति मालीवाल मारपीट मामले को लेकर सीतारमण ने केजरीवाल पर बोला हमला, कहा- "ये सीएम क्या महिलाओं को सुरक्षा देगा"

कारोबारमुंबई: ब्रोकर ने सीतारमण से कहा- "सरकार है स्लीपिंग पार्टनर", वित्त मंत्री ने दिया ये जवाब, जानें

कारोबारहमारी कमाई आपके पास और आप.., निर्मला सीतारमण का टैक्स के सवाल पर मजाकिया जवाब

कारोबारसरकार हमारी 'स्लीपिंग पार्टनर', मैं 'वर्किंग पार्टनर' जिसकी कोई इनकम नहीं, निर्मला सीतारमण के सामने ब्रोकर का छलका दर्द

कारोबारललित गर्ग का ब्लॉग: प्रवासी कामगारों से मजबूत होती अर्थव्यवस्था

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारओवरबुकिंग के चलते यात्री को इंडिगो फ्लाइट में नहीं मिली सीट, खड़ा होकर कर रहा था यात्रा, विमान को हवाई अड्डे पर लौटना पड़ा

कारोबारCapital markets regulator SEBI: मार्केट कैप की गणना में बदलाव, 6 माह पर तय होगा औसत, सेबी ने की घोषणा, शेयर बाजार पर क्या होगा असर

कारोबारआसानी से निकालिए अपना PF अमाउंट, उमंग ऐप के जरिए इन सरल स्टेप्स की मदद से होगा काम

कारोबारCar loan interest rates: किफायती दरों पर कार लोन दे रहे हैं ये बैंक, जीरो डाउन पेमेंट की पेशकश, देखें लिस्ट

कारोबारJSW Cement Rajasthan: 3000 करोड़ निवेश, 1000 से अधिक रोजगार, राजस्थान में इस कंपनी ने दे दी सौगात