'सौगातों की बौछार' लेकर आएगा मोदी सरकार का आखिरी बजट?

By आदित्य द्विवेदी | Published: January 9, 2018 11:56 PM2018-01-09T23:56:18+5:302018-01-09T23:59:08+5:30

आगामी 2018-19 के बजट में मध्यम आयवर्ग वालों की हो सकती है बल्ले-बल्ले।

Modi government's last budget will bring relief to middle class | 'सौगातों की बौछार' लेकर आएगा मोदी सरकार का आखिरी बजट?

'सौगातों की बौछार' लेकर आएगा मोदी सरकार का आखिरी बजट?

केंद्र सरकार ने 1 फरवरी को आम बजट पेश करने की घोषणा की है। 2019 आम चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। इसीलिए इस बजट के लोक-लुभावन होने की उम्मीद की जा रही है। भारत में सबसे ज्यादा वोटर मध्यम आय वर्ग से आते हैं। इसलिए आगामी बजट में सरकार आयकर में छूट के साथ टैक्स स्लैब में भी बदलाव कर सकती है।

पिछले बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया था बल्कि आयकरों की दरों में कटौती की गई थी। मौजूदा व्यवस्था के तहत व्यक्तिगत आयकर के चार स्लैब हैं। पहला स्लैब ढाई लाख रुपये से कम है जिस पर शून्य आयकर है। दूसरा स्लैब ढाई से पांच लाख रुपये है जिस पर पांच प्रतिशत आयकर है। तीसरा स्लैब पांच से दस लाख रुपये है जिस पर 20 प्रतिशत टैक्स है और चौथा स्लैब दस लाख रुपये से अधिक का है जिस पर 30 प्रतिशत टैक्स है।

नई नौकरियों के अवसर पैदा करना चुनौती

2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने हर साल 1 करोड़ नई नौकरियां पैदा करने का वादा किया था। बीजेपी सरकार बने साढ़े तीन साल से ज्याादा वक्त बीत चुका है। करोड़ों युवा रोजगार की बाट जोह रहे हैं। अपने कार्यकाल के आखिरी बजट में सरकार रोजगार के लिए कुछ पुख्ता कदम उठा सकती है।

आयकर में मिल सकती है राहत

सरकार वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयकर छूट सीमा को मौजूदा ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर सकती है और मौजूदा टैक्स स्लैबों में भी बदलाव होने की संभावना है। साथ ही कारपोरेट टैक्स की दरें घटाने की दिशा में कदम उठाकर सरकार उद्योगों को उपहार भी दे सकती है।

कर व्यवस्था में सुधार सरकार की प्राधमिकता

प्रत्यक्ष कर व्यवस्था में सुधार सरकार की प्राथमिकता में सबसे ऊपर हैं। वित्त मंत्रालय एक समूह का गठन कर इस दिशा में पहले ही कदम उठा चुका है। इसका उद्देश्य आम लोगों खासकर मध्यम वर्ग और कारोबार जगत को राहत देना है।

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