Maharashtra Devendra Fadnavis: नागपुर में मिहान का टेक-ऑफ, रंग लाया फड़नवीस का प्रयास?
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: October 12, 2024 05:20 IST2024-10-12T05:20:20+5:302024-10-12T05:20:20+5:30
Maharashtra Devendra Fadnavis: सपना लगभग पूरा हो गया तो मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया. अब वह गतिरोध खत्म हो गया है और मिहान के टेक-ऑफ का अवसर आ गया है.

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Maharashtra Devendra Fadnavis: नेतृत्वकर्ता जब दूरदृष्टि रखने वाला हो तो उसे पता होता है कि आने वाले वर्षों की जरूरतें क्या होंगी और विकास कार्यों के लिए संसाधन कैसे जुटाए जाएं तथा उसका किस तरह से इस्तेमाल किया जाए. देवेंद्र फड़नवीस महाराष्ट्र के ऐसे ही नेता हैं, जिनकी छाप यहां के विकास कार्यों पर नजर आती है. जब वे राज्य के मुख्यमंत्री थे, तब भी उनका लक्ष्य राज्य को विकास के पथ पर आगे बढ़ाना था और अब जब वे शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं, तब भी उनका एकमात्र लक्ष्य राज्य का विकास करना ही है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण समृद्धि महामार्ग है.
कई लोगों को अड़चनें नजर आ रही थीं लेकिन फड़नवीस ने उसे चरितार्थ कर दिया. अब नागपुर में मिहान को जो अभूतपूर्व गति मिलने जा रही है, उसके पीछे भी फड़नवीस के अथक प्रयास ही हैं. नागपुर के इतिहास में यह एक अभूतपूर्व क्षण है. फड़नवीस जब विधायक थे तब उन्होंने इसका सपना देखा था, मुख्यमंत्री रहते हुए इसकी नींव रखी.
लेकिन जब सपना लगभग पूरा हो गया तो मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया. अब वह गतिरोध खत्म हो गया है और मिहान के टेक-ऑफ का अवसर आ गया है. इस प्रकल्प से अब तक एक लाख से ज्यादा रोजगार पैदा हो चुके हैं. फार्मास्युटिकल्स, आईटी, विमान और विमानों के उपकरण, बोइंग रखरखाव जैसे कई उद्योग यहां स्थापित हैं.
मिहान संभवत: हवाईअड्डे से सटा हुआ एकमात्र विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) है. इसके पीछे विचार यह था कि नागपुर अंतरराष्ट्रीय कार्गो हब बने. यह प्रोजेक्ट 7000 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा. नागपुर में अब 2 रनवे होंगे. यहां एक अत्याधुनिक ब्राउनफील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा.
यह एयरपोर्ट 3 लाख वर्ग फुट का होगा और वर्ष 2030 तक यहां से 1.4 करोड़ यात्रियों का आवागमन तथा 9 लाख टन माल का परिवहन होने की उम्मीद है. मौजूदा कार्गो हैंडलिंग क्षमता 20,000 टन है, जो बढ़कर 70 हजार टन हो जाएगी. फड़नवीस द्वारा इसके लिए किए गए अथक प्रयासों के फलस्वरूप कृषि, कपड़ा, औषधि और अन्य वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.
इससे एक लाख नए रोजगार पैदा होंगे. इसके लिए फड़नवीस ने नागपुर को ही क्यों चुना? क्योंकि नागपुर देश का जीरो माइल है. यहां न कोहरा है, न धुआं. 22 किमी प्रति घंटे की गति से बहने वाली हवा यहां की ताकत है. अभी यहां एक साथ 17 विमानों की पार्किंग की व्यवस्था है लेकिन ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि एक साथ 100 विमान खड़े हो सकें.
यहां नया एटीसी टावर बनाया जाएगा. नागपुर में काम दो चरणों में होगा. पहले चरण में 40 लाख और दूसरे चरण में 1.40 करोड़ यात्री क्षमता का निर्माण किया जाएगा. 2014 तक देश में 75 हवाई अड्डे थे और पिछले 10 वर्षों में इसमें 75 और जोड़े गए हैं. फाल्कन, राफेल विमान अगले साल नागपुर में तैयार होंगे और अपने स्वतंत्र भारत के मंत्र ‘हवाई चप्पल से हवाई परिवहन’ को हम साकार करेंगे. ‘समृद्धि, मेट्रो और नागपुर का हवाई अड्डा’ यह भविष्य में नागपुर की अर्थव्यवस्था की त्रिमूर्ति होगी और इसके लिए देवेंद्र फड़नवीस बधाई के पात्र हैं.