जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: देश में विदेशी निवेश बढ़ने का सुकूनभरा परिदृश्य

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: August 24, 2020 13:58 IST2020-08-24T13:58:41+5:302020-08-24T13:58:41+5:30

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के द्वारा जारी नए आंकड़ों के अनुसार भारत में वित्त वर्ष 2019-20 में रिकॉर्ड 49.97 अरब डॉलर का एफडीआई आया. यह वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है. यह भारत में पिछले चार वित्त वर्ष की तुलना में एफडीआई की सबसे तेज वृद्धि है.

Jayantilal Bhandari blog over foreign investment in India: relaxed scenario of increasing foreign investment in the country | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: देश में विदेशी निवेश बढ़ने का सुकूनभरा परिदृश्य

जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: देश में विदेशी निवेश बढ़ने का सुकूनभरा परिदृश्य

कोविड-19 की चुनौतियों के बीच भी भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. 15 अगस्त को प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्नता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में देश में आए एफडीआई में 18 फीसदी की वृद्धि हुई है.

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास संगठन (अंकटाड) के द्वारा प्रकाशित वैश्विक निवेश रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत वर्ष 2019 में सबसे अधिक एफडीआई आकर्षित करने वाले देशों की सूची में नौवें क्र म पर है. वर्ष 2018 में भारत इस सूची में 12वें क्रम पर था. वर्ष 2020 में भी भारत अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने वाला देश दिखाई दे रहा है.

भारत को विदेशी निवेश में प्राथमिकता 

इसी तरह दुनिया की प्रसिद्ध जापानी फाइनेंशियल रेटिंग एजेंसी नोमुरा ने ‘कोविड-19 के बाद की दुनिया’ शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में कहा है कि चीन के प्रति दुनिया की नकारात्मकता की वजह से चीन में एफडीआई की तुलना में भारत को विदेशी निवेश में प्राथमिकता मिल रही है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले 20 वर्षो से चीन विदेशी निवेशकों की पसंदीदा जगह बना हुआ था. लेकिन चीन के बाजारों में आंशिक मंदी और अमेरिका के साथ ट्रेड वार के चलते विदेशी निवेशकों का रुख भारत की ओर बढ़ा है.

गौरतलब है कि उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के द्वारा जारी नए आंकड़ों के अनुसार भारत में वित्त वर्ष 2019-20 में रिकॉर्ड 49.97 अरब डॉलर का एफडीआई आया. यह वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है. यह भारत में पिछले चार वित्त वर्ष की तुलना में एफडीआई की सबसे तेज वृद्धि है.

नि:संदेह देश में एफडीआई बढ़ने के साथ-साथ एफडीआई वाले क्षेत्नों का भी विस्तार होता गया है. डीपीआईआईटी के मुताबिक 2019-20 के दौरान सेवा क्षेत्न में सर्वाधिक 7.85 अरब डॉलर का एफडीआई आया. पिछले वर्ष जिन अन्य प्रमुख क्षेत्नों में एफडीआई आया, उनमें कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्न में 7.67 अरब डॉलर, व्यापार क्षेत्न में 4.57 अरब डॉलर, दूरसंचार क्षेत्न में 4.44 अरब डॉलर, वाहन क्षेत्न में 2.82 अरब डॉलर, निर्माण क्षेत्न में दो अरब डॉलर और रसायन क्षेत्न में एक अरब डॉलर का एफडीआई प्रमुख है.

सिंगापुर के रास्ते से आया भारत में सर्वाधिक एफडीआई

यह बात भी महत्वपूर्ण है कि वर्ष 2019-20 में सिंगापुर से सर्वाधिक 14.67 अरब डॉलर का एफडीआई आया. यह लगातार दूसरा वित्त वर्ष है, जब भारत में सर्वाधिक एफडीआई सिंगापुर के रास्ते से आया है. इसके अलावा मॉरीशस से 8.24 अरब डॉलर, नीदरलैंड से 6.5 अरब डॉलर, अमेरिका से 4.22 अरब डॉलर, केमेन द्वीप से 3.7 अरब डॉलर, जापान से 3.22 अरब डॉलर, फ्रांस से 1.89 अरब डॉलर, ब्रिटेन से 1.42 अरब डॉलर, साइप्रस से 87.9 करोड़ डॉलर और जर्मनी से 48.8 करोड़ डॉलर का एफडीआई भारत आया है.

नि:संदेह सरकार ने पिछले पांच वर्षो में एफडीआई बढ़ाने और अधिक टिकाऊ तरीके से विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए हरसंभव कदम आगे बढ़ाए हैं. केंद्र सरकार ने अनेक क्षेत्नों में 100 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति दी है. इसके साथ ही सरकार ने रक्षा, निर्माण क्षेत्न के विकास, बीमा, बिजली क्षेत्न, बुनियादी ढांचा, पेंशन, अन्य वित्तीय सेवाओं, प्रसारण, नागरिक उड्डयन, फार्मास्युटिकल्स, ट्रेडिंग जैसे कई क्षेत्नों में एफडीआई संबंधी नीतिगत सुधार लागू किए हैं.

भारत की विकास दर सकारात्मक रहने की संभावना कम

‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ नीति के तहत देश में कारोबार को गति देने के लिए कई सुधार किए गए हैं. निवेश और विनिवेश के नियमों में परिवर्तन भी किए गए हैं. इन सबके साथ-साथ विगत सितंबर 2019 में कार्पोरेट कर में भारी कमी की गई हैं.  खासतौर पर ‘वन नेशन, वन टैक्स’ यानी जीएसटी से बड़ा टैक्स रिफॉर्म किया गया है.  

यद्यपि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की विकास दर सकारात्मक रहने की संभावना कम है. देश की सॉवरेन रेटिंग भी संतोषजनक नहीं है. फिर भी वैश्विक वित्तीय संगठनों के द्वारा आगामी वित्त वर्ष 2021-22 में देश की अर्थव्यवस्था के आगे बढ़ने की संभावना के कारण विदेशी निवेशकों का भारत में विश्वास बना हुआ है. प्रधानमंत्नी मोदी के नेतृत्व में भारत में मजबूत सरकार तथा कारोबार और सूचीबद्ध कंपनियों के रिटर्न बढ़ने की संभावनाओं के परिदृश्य से भी भारत में विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ा है.
 

Web Title: Jayantilal Bhandari blog over foreign investment in India: relaxed scenario of increasing foreign investment in the country

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