जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: कृषि के माध्यम से अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की पहल

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: September 21, 2024 09:35 IST2024-09-21T09:34:04+5:302024-09-21T09:35:45+5:30

ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार ने खाद्य वस्तुओं के निर्यात के परिप्रेक्ष्य में जो निर्णय लिए हैं, उनके तहत बासमती चावल पर लागू 950 डॉलर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) और प्याज के निर्यात पर लागू 550 डॉलर न्यूनतम एमईपी को हटाने के साथ ही प्याज पर निर्यात शुल्क 40 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी करना शामिल है. 

Initiative to strengthen the economy through agriculture | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: कृषि के माध्यम से अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की पहल

जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: कृषि के माध्यम से अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की पहल

Highlightsप्रत्येक महीने किसानों से संवाद करने के लिए विज्ञानी खेतों पर जाएंगे.पिछले दिनों 2 सितंबर को केंद्र सरकार के द्वारा केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में कृषि क्षेत्र से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं.कृषि क्षेत्र के विकास की सात बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.

19 सितंबर को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मोदी सरकार के 100 दिनों की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में खेती में नवाचार को प्रोत्साहन देने एवं लागत को कम करते हुए उत्पादन के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने के अभियान को उच्च प्राथमिकता दी गई है. अब अगले महीने अक्टूबर से किसान चौपाल लैब टू लैंड योजना शुरू की जाएगी. 

इसके तहत प्रत्येक महीने किसानों से संवाद करने के लिए विज्ञानी खेतों पर जाएंगे. कृषि मंत्री खुद भी प्रत्येक मंगलवार किसानों एवं किसान संगठनों से मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा कि पिछले 100 दिनों में कृषि एवं ग्रामीण विकास उन्नयन के प्रयास इस क्षेत्र के लिए मील का पत्थर हैं और इससे जहां किसान लाभान्वित हो रहे हैं, वहीं ग्रामीण विकास का नया अध्याय लिखा जा रहा है.

गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने जहां बासमती चावल और प्याज निर्यात पर राहत दी है, वहीं खाद्य तेलों के आयात शुल्क में कुछ वृद्धि की है, जिसका मकसद है कि किसानों को अच्छी कीमत मिल सके और मुद्रास्फीति भी नियंत्रित रहे. 

ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार ने खाद्य वस्तुओं के निर्यात के परिप्रेक्ष्य में जो निर्णय लिए हैं, उनके तहत बासमती चावल पर लागू 950 डॉलर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) और प्याज के निर्यात पर लागू 550 डॉलर न्यूनतम एमईपी को हटाने के साथ ही प्याज पर निर्यात शुल्क 40 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी करना शामिल है. 

इसी तरह पिछले दिनों 2 सितंबर को केंद्र सरकार के द्वारा केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में कृषि क्षेत्र से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. इसमें कृषि क्षेत्र के विकास की सात बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. इन पर कुल 14000 करोड़ रुपए खर्च होंगे. 

हम उम्मीद करें कि सरकार ने पिछले 100 दिनों में कृषि और ग्रामीण विकास के लिए मील का पत्थर साबित होने वाली जिन योजनाओं की पहल की है, उनके लाभों और प्रयोगों के बारे में किसानों को उपयुक्त रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा. 

हम उम्मीद करें कि सरकार के द्वारा नई कृषि प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल, जलवायु अनुकूल कृषि-खाद्य प्रणाली अपनाए जाने, अधिक ग्रामीण कच्ची सड़कों को मंडियों से जोड़ने जैसी नीतिगत प्राथमिकताओं, आपूर्ति श्रृंखला में सुधार के साथ-साथ वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट के तहत कृषि और ग्रामीण विकास से जुड़ी व्यवस्थाओं के क्रियान्वयन की डगर पर लगातार आगे बढ़ा जाएगा. 

हम उम्मीद करें कि सरकार कृषि एवं ग्रामीण विकास के सामने खड़ी विभिन्न चुनौतियों का मुकाबला तत्परता से करेगी और इससे छोटे किसानों व ग्रामीण भारत के करोड़ों लोगों को अधिक खुशियां मिलते हुए दिखाई देंगी.

Web Title: Initiative to strengthen the economy through agriculture

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