व्यापार की नई दुनिया के लिए नई रणनीति बनाए भारत

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: April 10, 2025 07:12 IST2025-04-10T07:12:24+5:302025-04-10T07:12:28+5:30

हम उम्मीद करें कि 9 अप्रैल को अमेरिका के द्वारा भारत पर लागू किए गए 26 फीसदी टैरिफ की चुनौती का मुकाबला करने में भारत के लिए अमेरिका के साथ नया कारोबार समझौता

India should make new strategy for the new world of business | व्यापार की नई दुनिया के लिए नई रणनीति बनाए भारत

व्यापार की नई दुनिया के लिए नई रणनीति बनाए भारत

जयंतीलाल भंडारी

नौ अप्रैल से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रम्प के द्वारा विभिन्न देशों पर  रेसिप्रोकल टैरिफ लागू  किए जाने के बाद नई व्यापार दुनिया ने जन्म ले लिया है. यह नई व्यापार दुनिया राष्ट्रपति ट्रम्प के उस हठ पर आधारित  है, जिसमें वे विश्व अर्थव्यवस्था के पुनर्गठन और अमेरिका के साथ कथित आर्थिक दुर्व्यवहार को रोकने के लिए अमेरिकी अर्थव्यवस्था और उपभोक्ताओं को होने वाले किसी भी तरह के कष्ट की अनदेखी करने को भी तैयार हैं.

इसमें कोई दो मत नहीं है कि  9 अप्रैल के बाद की नई व्यापार दुनिया पहले की व्यापार दुनिया से पूरी तरह से अलग है.  कल तक दुनिया में मजबूत आर्थिक विश्व व्यवस्था और बहुपक्षीय व्यापार समझौतों के आधार पर विकास की कहानी आगे बढ़ती रही है, वहीं अब संरक्षणवाद तथा द्विपक्षीय और मुक्त व्यापार समझौतों का नया सितारा उदित हो रहा है.

बदलते वैश्विक व्यापार परिवेश में न केवल दुनिया के शेयर बाजार ढहते दिखाई दे रहे हैं, बल्कि चीन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ सहित कई देशों के द्वारा अमेरिका पर लगाए गए जवाबी टैरिफ के कारण वैश्विक ट्रेड वाॅर शुरू हो गया है. ऐसे में भारत को अमेरिका की संरक्षणवादी नीतियों और दुनिया की बदलती आर्थिक सूरत की नई हकीकत के मद्देनजर नई रणनीति के साथ आगे बढ़ना होगा.

इसमें कोई दो मत नहीं है कि ट्रम्प के टैरिफ से निर्मित नई व्यापार दुनिया के तहत दुनिया की वैश्विक कंपनियां भारत के मजबूत घरेलू बाजार और भारत के मध्यम वर्ग से चमकीले बाजार में नए निवेश के लिए तत्पर होंगी. ट्रम्प की टैरिफ जंग में भारत के लिए घरेलू मांग, घरेलू आर्थिक घटक, नए व्यापार समझौते, रिकार्ड खाद्यान्न उत्पादन व रिकॉर्ड खाद्य प्रसंस्कृत उत्पादों का निर्यात कारगर हथियार दिखाई दे सकेंगे.

हाल ही में प्रकाशित अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की रिपोर्ट के मुताबिक टैरिफ चुनौतियों के बीच भी चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी और यह अर्थव्यवस्था के मजबूत और स्थिर विस्तार का संकेत देती है. साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनी रहेगी.

यद्यपि भारत में सरकार ने संसद में ट्रम्प की नई टैरिफ नीति के मद्देनजर घरेलू उद्योगों के संरक्षण की बात कही है, लेकिन अब देश के उद्योग जगत के द्वारा टैरिफ संरक्षण की बजाय वैश्विक प्रतिस्पर्धा व अनुसंधान व विकास (आरएंडडी) पर ध्यान दिया जाना होगा.

इस बात को ध्यान में रखना होगा कि वर्ष 1991 में उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा की ओर बढ़ाने की जो रणनीति लागू हुई, उससे देश को उदारीकरण के लाभ मिले हैं. चूंकि टैरिफ प्रतिस्पर्धा से जुड़े हैं, अगर हम टैरिफ की आड़ में रहेंगे तो प्रतिस्पर्धी नहीं बन पाएंगे.

नए अवसरों का पूरा लाभ उठाने के लिए भारत को कारोबार करने में आसानी बढ़ानी होगी.   हम उम्मीद करें कि 9 अप्रैल को अमेरिका के द्वारा भारत पर लागू किए गए 26 फीसदी टैरिफ की चुनौती का मुकाबला करने में भारत के लिए अमेरिका के साथ नया कारोबार समझौता, विभिन्न देशों के साथ नए द्विपक्षीय और मुक्त व्यापार समझौते और मजबूत घरेलू आर्थिक घटक असरकारक आर्थिक हथियार के रूप में उपयोगिता देते हुए दिखाई देंगे.

Web Title: India should make new strategy for the new world of business

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