Happy Women's Day 2025: शैक्षिक सशक्तिकरण आत्मनिर्भर भारत का आधार स्तंभ?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 8, 2025 12:03 IST2025-03-08T12:02:42+5:302025-03-08T12:03:45+5:30
Happy Women's Day 2025: आज कौशल विकास के कई अवसर युवाओं के सामने हैं जिससे वे न केवल रोजगार पा सकते हैं, बल्कि आत्मनिर्भर बनकर देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकते हैं.

सांकेतिक फोटो
प्रो.नीलिमा गुप्ताः
एक सशक्त राष्ट्र के निर्माण में शिक्षा की अहम भूमिका होती है. शिक्षा न केवल व्यक्तिगत जीवन को समृद्ध करती है, बल्कि समाज और राष्ट्र के विकास में भी सहायक है. आज आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने की तरफ भारत आगे बढ़ रहा है. शिक्षा को आत्मनिर्भरता की नींव कहा जा सकता है, क्योंकि जब किसी व्यक्ति या समाज को उचित शिक्षा मिलती है, तो वह न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सुधार करता है, बल्कि वह देश के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके लिए आवश्यक है कि देश के नागरिक उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करें और उसे अपने जीवन में सही ढंग से लागू करें. आज कौशल विकास के कई अवसर युवाओं के सामने हैं जिससे वे न केवल रोजगार पा सकते हैं, बल्कि आत्मनिर्भर बनकर देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकते हैं.
नई तकनीकों और नवाचारों का ज्ञान प्राप्त कर युवा भारत अपनी एक मजबूत और प्रतिस्पर्धात्मक ताकत बनने की क्षमता रखता है. शिक्षा नागरिकों को अधिकारों, कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक तो करती ही है, साथ ही स्वास्थ्य, स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण आयामों के प्रति नागरिक बोध भी कराती है.
यह समाज में जाति, वर्ग, जेंडर विभेद को दूर करने का एक माध्यम भी है ताकि सभी नागरिकों को राष्ट्र के प्रति कर्तव्यनिष्ठ होकर सेवा का समान अवसर उपलब्ध हो सके. स्वावलंबन और नागरिक बोध से युक्त भारत की जनसंख्या न केवल उसकी शक्ति है बल्कि आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने का मार्ग प्रशस्त करती है.
इस महती संकल्पना को साकार करने में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसके लिए महिला शिक्षा के महत्व को समझना आवश्यक है. महिला शिक्षा और सशक्तिकरण एक दूसरे से गहरे से जुड़े हुए हैं, क्योंकि शिक्षा ही वह साधन है, जिसके माध्यम से महिलाएं अपने अधिकारों, अवसरों और जिम्मेदारियों को समझ सकती हैं.
महिला शिक्षा के द्वारा ही महिलाओं को आत्मनिर्भर, आत्मसम्मानित और सशक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं. महिला शिक्षा और सशक्तिकरण की प्रक्रिया केवल महिलाओं के व्यक्तिगत विकास के लिए नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की प्रगति के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. एक शिक्षित महिला ही सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकती है.
अपनी सामाजिक स्थिति में सुधार कर सकती है तथा पूरे परिवार और समाज को भी प्रगति की दिशा में ले जा सकती है. महिलाओं का शिक्षित होना और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना समाज में समानता की मुख्य कुंजी है. शिक्षित और आत्मनिर्भर महिलाएं स्वयं और परिवार के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाए रखने में सक्षम होती हैं. वे पोषण, स्वच्छता और देखभाल के महत्व को बेहतर समझती हैं.