Free Trade Agreement: अब ब्रिटेन के साथ व्यापार का नया दौर

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: July 28, 2025 21:18 IST2025-07-28T21:17:19+5:302025-07-28T21:18:21+5:30

Free Trade Agreement: अब ब्रिटेन के द्वारा संसद की मंजूरी ली जाएगी. पूरी दुनिया की निगाहें इस समझौते पर इसलिए लगी रहीं.

Free Trade Agreement Now new round trade Britain blog Jayantilal Bhandari | Free Trade Agreement: अब ब्रिटेन के साथ व्यापार का नया दौर

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Highlightsभारत बढ़ते भूराजनीतिक ध्रुवीकरण के बीच अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ भी एफटीए की अंतिम कवायद में लगा है.भारत और छठी बड़ी अर्थव्यवस्था ब्रिटेन के बीच न्यायसंगत एवं महत्वाकांक्षी व्यापार के लिए नए मापदंड स्थापित करते हुए दिखाई दे रहा है.एफटीए से भारत और ब्रिटेन के बीच वर्ष 2030 तक व्यापार दोगुना होकर 120 अरब डॉलर की ऊंचाई पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.

Free Trade Agreement: हाल ही में 24 जुलाई को भारत और ब्रिटेन (यूके) के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर की मौजूदगी में हस्ताक्षर हुए हैं. इसे आधिकारिक तौर पर सीईटीए (व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता) के नाम से जाना जाएगा. यह महत्वपूर्ण है कि भारत में 22 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एफटीए को मंजूरी दे दी है, अब ब्रिटेन के द्वारा संसद की मंजूरी ली जाएगी. पूरी दुनिया की निगाहें इस समझौते पर इसलिए लगी रहीं,

क्योंकि भारत बढ़ते भूराजनीतिक ध्रुवीकरण के बीच अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ भी एफटीए की अंतिम कवायद में लगा है. गौरतलब है कि भारत-ब्रिटेन का यह एफटीए इसी वर्ष दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहे भारत और छठी बड़ी अर्थव्यवस्था ब्रिटेन के बीच न्यायसंगत एवं महत्वाकांक्षी व्यापार के लिए नए मापदंड स्थापित करते हुए दिखाई दे रहा है.

 इस एफटीए से भारत और ब्रिटेन के बीच वर्ष 2030 तक व्यापार दोगुना होकर 120 अरब डॉलर की ऊंचाई पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह एफटीए भारत और ब्रिटेन दोनों देशों के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है. इससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार, निवेश, विकास, रोजगार सृजन और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा.

उल्लेखनीय है कि इस एफटीए से ब्रिटेन के बाजारों में भारत को लगभग 99 फीसदी उत्पादों पर शून्य टैरिफ का लाभ मिलेगा और भारतीय वस्तुओं के लिए ब्रिटेन के बाजार में चीनी उत्पादों और अन्य देशों के उत्पादों के मुकाबले प्रतिस्पर्धा में मदद मिलेगी. यह भी उल्लेखनीय है कि एफटीए के साथ ही दोनों देशों ने दोहरे अंशदान समझौते या सामाजिक सुरक्षा समझौते पर भी मुहर लगाई है.

इस समझौते से ब्रिटेन में काम करने वाले भारतीय कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा भुगतान से तीन साल की छूट मिलेगी. इस करार से ब्रिटेन में न केवल कुशल, पेशेवर श्रमिकों के हितों की रक्षा होगी बल्कि भारतीय सेवा प्रदाताओं को बहुआयामी वित्तीय लाभ भी होंगे.

उम्मीद करें कि 24 जुलाई को भारत के द्वारा ब्रिटेन के साथ किया गया मुक्त व्यापार समझौता दोनों देशों के द्विपक्षीय कारोबार के लक्ष्य के मद्देनजर मील का पत्थर साबित होगा. इससे देश से निर्यात बढ़ेंगे और बड़े पैमाने पर रोजगार के नए अवसरों का निर्माण होगा.

उम्मीद करें कि ब्रिटेन के साथ भारत का एफटीए अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे बड़े देशों के साथ चल रही एफटीए वार्ताओं में एक मॉडल के रूप में काम करेगा और भारत के द्वारा ओमान, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, इजराइल, भारत गल्फ कंट्रीज काउंसिल सहित अन्य प्रमुख देशों के साथ भी एफटीए को शीघ्रतापूर्वक अंतिम रूप दिया जा सकेगा.

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