संपादकीय: सिस्टम ऐसा बनाएं कि आरोपी भाग ही न पाएं

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 24, 2019 04:16 PM2019-03-24T16:16:50+5:302019-03-24T16:16:50+5:30

पीएनबी घोटाले के भगोड़े आरोपी नीरव मोदी को ब्रिटेन की पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और उसे भी प्रत्यर्पण के जरिये भारत लाए जाने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है.

Editorial: Make systems that do not get the accused part | संपादकीय: सिस्टम ऐसा बनाएं कि आरोपी भाग ही न पाएं

संपादकीय: सिस्टम ऐसा बनाएं कि आरोपी भाग ही न पाएं

स्टर्लिग बायोटेक मामले में 8100 करोड़ रु. की धोखाधड़ी के आरोपी भगोड़े हितेश पटेल की अल्बानिया में गिरफ्तारी के बाद अब उम्मीद है कि प्रत्यर्पण के जरिये उसे भारत लाया जा सकेगा. अल्बानिया के नेशनल क्राइम ब्यूरो ने पटेल को 20 मार्च को तिराना में गिरफ्तार किया है.

उधर पीएनबी घोटाले के भगोड़े आरोपी नीरव मोदी को ब्रिटेन की पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और उसे भी प्रत्यर्पण के जरिये भारत लाए जाने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है. हितेश पटेल और नीरव मोदी, दोनों के मामले में भारत सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पहल पर ही गिरफ्तारी हुई है, लेकिन सवाल यह है कि क्या उन्हें भारत लाया जाना आसान है?

नीरव मोदी मामले में कानून के जानकारों का मानना है कि ब्रिटिश कोर्ट उसको जमानत देते हुए भारत से उसके खिलाफ आवश्यक और पुख्ता सबूत तथा आरोप-पत्न की मांग करेगी. आशंका है कि कहीं विजय माल्या की तरह उसका प्रत्यर्पण भी लंबी कार्रवाई में उलझ कर न रह जाए.

हितेश पटेल के प्रत्यर्पण के लिए भी विदेश मंत्नालय ने कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं और ईडी की टीम जल्द ही इसके लिए अल्बानिया जाएगी. देखना होगा कि इसमें कितनी सफलता मिलती है. सवाल यह है कि इस तरह के अपराधी हजारों करोड़ रु. का चूना लगाकर देश से भागने में सफल ही कैसे हो जाते हैं?

इस तरह के घोटाले एक दिन में नहीं होते हैं और यह भी संभव नहीं है कि किसी जिम्मेदार अधिकारी की सहायता के बिना वे हेराफेरी को अंजाम दे पाएं या किसी नेता के वरदहस्त के बिना देश से भागने में सफल हो पाएं. सवाल सिर्फ किसी विजय माल्या, नीरव मोदी या हितेश पटेल का ही नहीं है.

सिस्टम ऐसा होना चाहिए कि इस तरह का चूना लगाकर कोई देश से फरार ही न हो सके और यदि कोई इसके लिए नियम तोड़कर आरोपियों की मदद करे तो उसके लिए सख्त से सख्त सजा का प्रावधान किया जाए. लेकिन इसके लिए हमें इन सब चीजों को राजनीति से मुक्त रखना पड़ेगा.

यह दुर्भाग्य है कि हमारे नेता आज हर चीज से राजनीतिक लाभ हासिल करने की सोच रखते हैं और अपना स्वार्थ सिद्ध हो जाने के बाद देश हित से आंखें मूंद लेते हैं. अगर व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाना है तो निहित स्वार्थो से ऊपर उठना ही होगा.

Web Title: Editorial: Make systems that do not get the accused part

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