घरेलू खपत के दम पर मजबूत बनी हुई है अर्थव्यवस्था

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: November 3, 2025 05:37 IST2025-11-03T05:35:32+5:302025-11-03T05:37:02+5:30

भारत मजबूत घरेलू खपत के दम पर  6.6 फीसदी विकास दर प्राप्त करते हुए दुनिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओ में सबसे अधिक विकास दर की संभावनाएं रखता है.

economy remains strong strength domestic consumption blog Jayantilal Bhandari | घरेलू खपत के दम पर मजबूत बनी हुई है अर्थव्यवस्था

file photo

Highlightsभारत की विकास दर चीन से भी अधिक अनुमानित है.  50 फीसदी उच्च टैरिफ के चलते भारत की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो रही है.भारत की अर्थव्यवस्था के लिए मजबूत सहारे के रूप में हैं.

हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि यद्यपि चालू वित्त वर्ष 2025-26 में वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और व्यापार तनाव के बीच  वैश्विक वृद्धि दर धीमी है, लेकिन इसके बावजूद  भारत मजबूत घरेलू खपत के दम पर  6.6 फीसदी विकास दर प्राप्त करते हुए दुनिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओ में सबसे अधिक विकास दर की संभावनाएं रखता है. साथ ही भारत की विकास दर चीन से भी अधिक अनुमानित है.  

इसी तरह एसबीआई कैपिटल मार्केट्स की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय वैश्विक व्यापार की चुनौतियों और ट्रम्प के 50 फीसदी उच्च टैरिफ के चलते भारत की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो रही है. ऐसे में चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही यानी अक्तूबर से मार्च के बीच तेज घरेलू खपत और सरकार के पूंजीगत व्यय भारत की अर्थव्यवस्था के लिए मजबूत सहारे के रूप में हैं.

गौरतलब है कि हाल ही में दिवाली के त्यौहारी बाजार में बिक्री रिकॉर्ड ऊंचाई पर रही है. ई-कॉमर्स ने दमदार उछाल दर्ज की है.  वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी ) में कमी के कारण जीएसटी बचत उत्सव का परिदृश्य दिखाई दिया है. रुपए को मजबूती मिली है. शेयर बाजार और विदेशी मुद्रा भंडार की ऊंचाई बड़ी है.

महंगाई में कमी और जीएसटी की दरें घटना देश के बाजारों की तेज बढ़त के लिए एक बड़ा आधार है. महंगाई दर के घटने के साथ-साथ 22 सितंबर से जीएसटी सुधारों के लागू होने से इस बार दिवाली के त्यौहारी बाजार में खरीदी को पंख लगते हुए दिखाई दिए हैं.

जीएसटी में सरलता और नए जीएसटी ढांचे के रोडमैप के तहत जीएसटी के चार टैक्स स्लैब में बदलाव करते हुए इन्हें घटाकर 5 फीसदी और 18 फीसदी स्लैब में बदलाव ने त्यौहारी बाजार को नई ऊर्जा दी है. जीएसटी की दरों के साथ-साथ आयकर में कटौती से लोगों को लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपए की बचत प्राप्त हुई है.

निश्चित रूप से इस समय भारत मजबूत घरेलू खपत और नई वैश्विक आर्थिक अनुकूलताओं की उम्मीदों के साथ आगे बढ़ रहा है, लेकिन देश को वर्ष 2047 तक दुनिया का विकसित देश बनाने के मद्देनजर कई अहम बातों पर ध्यान देना होगा. जीएसटी के बाद अब देश को विकसित भारत के लक्ष्य के लिए ऊंची आर्थिक विकास दर के मद्देनजर नई पीढ़ी-अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए आगे बढ़ने की जरूरत है.

 इन सुधारों के तहत जीवन में आसानी, कारोबार सुगमता, बुनियादी ढांचा सुधार, प्रशासन को सशक्त बनाने और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने संबंधी सुधार शामिल हैं. उम्मीद करें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के मंत्र से प्रेरणा लेते हुए पूरे देश में और अधिक करोड़ों लोग स्वदेशी और स्थानीय उत्पादों के उपयोग को जीवन का मूलमंत्र बनाएंगे.

इससे देश मजबूत घरेलू खपत के साथ आत्मनिर्भरता की डगर पर तेजी से आगे बढ़ते हुए दिखाई देगा. उम्मीद करें कि आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच लगातार आगे बढ़ रहे भारत में घरेलू खपत  तथा प्रति व्यक्ति आय में और तेजी से वृद्धि होगी और इससे अर्थव्यवथा के साथ आम आदमी की मुस्कुराहट भी बढ़ती हुई दिखाई देगी. 

Web Title: economy remains strong strength domestic consumption blog Jayantilal Bhandari

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे