लाइव न्यूज़ :

ब्लॉग: अर्थव्यवस्था की रफ्तार का बढ़ना सुकूनदेह

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: November 18, 2021 10:51 IST

पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क की हालिया कटौती के बाद खाद्य मुद्रास्फीति नियंत्रण में दिख रही है. नीति आयोग का मानना है कि रिकॉर्ड खरीफ फसल और रबी फसल की उज्ज्वल संभावनाओं को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 10 फीसदी से अधिक वृद्धि संभावित है.

Open in App
ठळक मुद्देचालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 10 फीसदी से अधिक वृद्धि संभावित है.इस वर्ष भारत को दुनिया में सबसे अधिक विकास दर की संभावनाओं वाले देशों में चिन्हित किया जा रहा है.

हाल ही में 10 नवंबर को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि तमाम अड़चनों के बावजूद अब भारत का वृद्धि परिदृश्य मजबूत बन गया है. इस समय जब वैश्विक अर्थव्यवस्था विकास के लिए जूझ रही है, तब चालू वित्त वर्ष 2012-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 9.5 फीसदी की दर से विकास की संभावना बता रही है.

पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क की हालिया कटौती के बाद खाद्य मुद्रास्फीति नियंत्रण में दिख रही है. नीति आयोग का मानना है कि रिकॉर्ड खरीफ फसल और रबी फसल की उज्ज्वल संभावनाओं को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 10 फीसदी से अधिक वृद्धि संभावित है.

गौरतलब है कि 9 नवंबर को वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ब्रिकवर्क रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना संक्रमण में कमी, टीकाकरण में तेजी और उपभोक्ता व उद्योग की धारणा में सुधार से भारतीय अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी है. 

भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर चालू वित्त वर्ष में 10.5 फीसदी तक रह सकती है. ऐसे में इस वर्ष भारत को दुनिया में सबसे अधिक विकास दर की संभावनाओं वाले देशों में चिन्हित किया जा रहा है.

नि:संदेह देश की अर्थव्यवस्था में लाभप्रद आर्थिक अनुकूलताएं उभरकर दिखाई दे रही हैं. बाजारों में उपभोक्ता मांग में तेजी, विनिर्माण और सर्विस क्षेत्र में बड़ा सुधार और कारोबार गतिविधियों में बेहतरी दिख रही है.

अनुमान से बेहतर राजकोषीय नतीजों, जीएसटी संग्रह, बिजली खपत एवं माल ढुलाई में उछाल से पता चल रहा है कि आर्थिक गतिविधियों में तेज सुधार हुआ है. टीकाकरण में तेजी और कोरोना संक्रमण में गिरावट के कारण बाजार में खरीदारी के प्रति भारी उत्साह ने मांग में जोरदार इजाफा किया है.

ग्रामीण क्षेत्र में भी बेहतरीन मांग से बाजार चमक रहे हैं. परिणामस्वरूप पिछले साल 2020 में जो दीपावली फीकी थी, वह अब 2021 में उमंग से भरी रही और पिछले वर्ष की ऋणात्मक जीडीपी का परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है.

इस समय पूरी दुनिया यह देख रही है कि घरेलू निवेशकों के दम पर भारत का शेयर बाजार तेजी से उड़ान भर रहा है. पिछले एक वर्ष में भरपूर नकदी उपलब्ध होने के कारण शेयर बाजार पिछले 12 वर्ष की सबसे शानदार तेजी बताते हुए दिखाई दे रहा है. 

ज्ञातव्य है कि 23 मार्च 2020 को जो बॉम्बे स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) सेंसेक्स 25981 अंकों के साथ ढलान पर दिखाई दिया था, वह 13 नवंबर 2021 को 60000 से अधिक की ऊंचाई पर दिखाई दिया है. यह कोई छोटी बात नहीं है कि पूरी दुनिया में इस समय भारत को निवेश अनुकूल देश के रूप में चिह्नित किया जा रहा है. 

पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में देश में एफडीआई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. वित्त वर्ष 2020-21 में इक्विटी, पुनर्निवेश आय और पूंजी सहित कुल एफडीआई बढ़कर 81.72 अरब डॉलर हो गया. वित्त वर्ष 2019-20 में एफडीआई का कुल प्रवाह 74.39 अरब डॉलर था. 

12 नवंबर को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 640 अरब डॉलर से अधिक की ऊंचाई पर पहुंच गया है. भारत दुनिया में चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार रखने वाला देश बन गया है. अब देश का विदेशी मुद्रा भंडार देश के अंतरराष्ट्रीय निवेश की स्थिति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है.

देश में एक के बाद एक शुरू किए गए डिजिटल मिशन आम आदमी और अर्थव्यवस्था की शक्ति बनते जा रहे हैं. 26 अक्तूबर को 64000 करोड़ रुपए निवेश योजना वाला आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन देश के करोड़ों लोगों के स्वास्थ्य की खुशहाली का आधार बन सकता है. 

21 अक्तूबर को भारत में कोरोना टीकाकरण की 100 करोड़ डोज लगने का आंकड़ा टीकाकरण की ऐतिहासिक सफलता बताते हुए दिखाई दे रहा है. भारत में दुनिया का सबसे बड़ा मुफ्त टीकाकरण अभियान दिख रहा है.

हम उम्मीद करें कि सरकार देश में टीकाकरण कार्यक्रम को और तेज करने के लिए रणनीतिक रूप से आगे बढ़ेगी. हमें इस बात पर ध्यान देना होगा कि कोरोना महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है. 

नए आंकड़ों से पता चलता है कि दुनिया के 55 देशों में संक्रमण की दर घटने के बजाय बढ़ रही है. पूर्वी यूरोप के देशों में संक्रमण रिकॉर्ड स्तर पर है और विश्व स्वास्थ्य संगठन उसे महामारी का नया केंद्र कह रहा है. 

ऐसे में भारत में कोरोना के दूसरे वैक्सीनेशन से बचे करोड़ों लोगों को दूसरा टीका लगाकर आर्थिक विकास को गतिशील करना होगा. अब बड़े नियोक्ताओं और सरकारी कंपनियों के प्रोत्साहन ढांचे को टीका लगवाने से जोड़ा जाना जरूरी होगा.

हम उम्मीद करें कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए जहां अर्थव्यवस्था को गतिशील करने के प्रोत्साहनों को जारी रखेगी और वस्तुओं की ऊंची कीमतों और कच्चे माल की कमी के मुद्दों से रणनीतिक रूप से निपटेगी, वहीं वर्ष 2021 में कोरोना की चुनौतियों के मद्देनजर घोषित विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों के कारगर क्रियान्वयन की डगर पर दृढ़ता से आगे बढ़ेगी.

टॅग्स :इकॉनोमीकोरोना वायरसभारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)
Open in App

संबंधित खबरें

भारतHoliday Calendar 2026: कब होगी त्योहारों की छुट्टी और कब बंद रहेंगे बैंक? जानिए साल 2026 की पूरी अवकाश सूची

कारोबारBank Holiday: आज से लेकर अगले 5 दिनों तक बंद रहेंगे बैंक, जानिए RBI ने क्यों दी लंबी छुट्टी

भारतHoliday Calendar 2026: नए साल 2026 में कितने दिन मिलेगी छुट्टी, जानें कब रहेगा लॉन्ग वीकेंड, पूरी लिस्ट यहां

कारोबारब्याज दर घटाकर ग्राहकों को लाभ दें बैंक, मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक

कारोबारनवंबर 2025 में बैंक आवास ऋण 9 लाख करोड़ रुपये के पार, एसबीआई की उम्मीद-चालू वित्त वर्ष में कुल ऋण वृद्धि 14 प्रतिशत रहेगी

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारक्रिसमस से पहले खुशखबरी, ब्याज दर 7.15 प्रतिशत, 22 दिसंबर 2025 से लागू, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लि ने मीडिल क्लास को दी राहत

कारोबारGold Rate Today: आज सस्ता हुआ सोना, जानें 22 दिसंबर 2025 को दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता में सोने की कीमत

कारोबारफॉक्सकॉन ने भारत में महिलाओं द्वारा चलाई जा रही नई आईफोन फैक्ट्री में 30,000 नए कर्मचारियों को दी जॉब्स, जानें औसत मासिक सैलरी

कारोबारनए साल में झटका, 1 जनवरी 2026 से 3,000 रुपये तक की बढ़ोतरी, एथर एनर्जी की घोषणा

कारोबारFree Trade Agreement: ओमान, ब्रिटेन, ईएफटीए देशों, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया और मॉरीशस के बाद न्यूजीलैंड, 95 प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क कम, जानें मुक्त व्यापार समझौते के फायदे