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प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: शेयर मार्केट में आई समय पूर्व दिवाली

By Prakash Biyani | Updated: September 21, 2019 06:39 IST

जिन कंपनियों ने 5 जुलाई से पहले शेयर बायबैक की घोषणा की थी उन पर वित्त मंत्री ने 20 फीसदी कर वापस ले लिया. मेट यानी मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स खत्म कर दिया. यह टैक्स ऐसी कंपनियों पर लगाया जाता है जो मुनाफा कमाती हैं.

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28 दिन के पांचवें प्रयास में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कड़े फैसले लेने का साहस जुटा पाईं. उन्होंने वित्तीय घाटा नियंत्रित रखने के लिए सालाना बजट में कॉर्पोरेट वल्र्ड पर करारोपण बढ़ाया था. उनके परंपरागत बजट से अर्थव्यवस्था सुस्ती और मंदी की गिरफ्त में फंसी तो कहा जाने लगा था कि वित्त मंत्री के चयन में नरेंद्र मोदी चूक गए हैं. निर्मला सीतारमण ने आज महिला शक्ति का प्रदर्शन करते हुए बजट में हुई भूलों को सुधारा. उन्हें रिजर्व बैंक से 1.72 लाख करोड़ रुपए मिले थे. इसमें से उन्होंने कॉर्पोरेट वर्ल्ड को आज 1.50 लाख करोड़ लौटा दिए.

वित्त मंत्री के राहत पैकेज ने सबसे पहले घरेलू कंपनियों और नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स घटाया. जो घरेलू कंपनियां अन्य कोई छूट नहीं लेती हैं उन्हें अब सिर्फ22} टैक्स ही देना होगा. सरचार्ज और सेस मिलाकर प्रभावी टैक्स दर 25.1} होगी जो सेस और सरचार्ज मिलाकर 34.94} थी. यानी नई दरों के मुताबिक इन कंपनियों की टैक्स देनदारी करीब 10} घट जाएगी.

1 अक्तूबर के बाद बनने वाली घरेलू मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए टैक्स की दर 15 होगी. सरचार्ज और सेस मिलाकर प्रभावी टैक्स दर 17.01} होगी. नई कंपनियों के लिए अब तक सेस, सरचार्ज मिलाकर प्रभावी टैक्स दर 29.12 } थी. यानी नई कंपनियों की टैक्स देनदारी 12} कम हो जाएगी.  

शेयरों की बिक्री से कैपिटल गेन पर सरचार्ज बढ़ोत्तरी लागू नहीं होगी. जिन कंपनियों ने 5 जुलाई से पहले शेयर बायबैक की घोषणा की थी उन पर वित्त मंत्री ने 20 फीसदी कर वापस ले लिया. मेट यानी मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स खत्म कर दिया. यह टैक्स ऐसी कंपनियों पर लगाया जाता है जो मुनाफा कमाती हैं.

1.50 लाख करोड़ रु. की कर छूट से शेयर बाजार में 10 साल की सबसे बड़ी इंट्रा-डे तेजी आई. वित्त मंत्री ने हमेशा की तरह शाम के बजाय सुबह 11 बजे यह राहत पैकेज लांच किया. मंदी से फंसे मार्केट ने करवट बदली. आईटी सेक्टर को छोड़कर सभी शेयरों के मूल्य दौड़ पड़े. निफ्टी का मार्केट कैप 4-5 घंटे में 4.15 लाख करोड़ रु. बढ़ गया. बीएसई सूचकांक 1921 और निफ्टी 570 अंक बढ़कर बंद हुए.  

इस राहत पैकेज के दीर्घकालीन लाभ भी होंगे. जैसे अब नई कंपनियां स्थापित होंगी तो स्थापित उद्योग समूह भी कारोबार का विस्तार करने के लिए नई सहायक कंपनियां स्थापित करेंगे. शेयर मार्केट में नई कंपनियां सूचीबद्ध होंगी. वे बैंक से कर्ज लेंगी, बैंकिंग सिस्टम से कर्ज वितरण बढ़ेगा तो मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ेगी. सरकार के लिए घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों को बेचना आसान होगा. वित्तीय घाटा बढ़ने की संभावना नकारी नहीं जा सकती, पर वित्त मंत्री को उम्मीद है कि करदाता बढ़ेंगे जो इस घाटे को नियंत्रित कर लेंगे. टैक्स में छूट से मेक इन इंडिया के तहत निवेश और रोजगार बढ़ेगा.

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