Diwali 2025: दीपावली पर बढ़ी देश के स्वर्ण भंडार की चमक, सोने भंडार में 3.595 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: October 20, 2025 05:13 IST2025-10-20T05:13:03+5:302025-10-20T05:13:03+5:30

Diwali 2025: वृद्धि न केवल रिजर्व बैंक के माध्यम से लगातार सोने की खरीद के कारण है, बल्कि दुनिया भर में सोने की बढ़ती कीमतों का भी परिणाम माना जा रहा है.

Diwali 2025 India's gold reserves shine Diwali India's gold reserves increased by $3-595 billion to a total of $102-365 billion | Diwali 2025: दीपावली पर बढ़ी देश के स्वर्ण भंडार की चमक, सोने भंडार में 3.595 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी

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Highlightsपिछले दशक में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा लगभग दोगुना हो गया है.केंद्रीय बैंक ने केवल चार बार सोने की खरीद की, जबकि 2024 में यह लगभग मासिक स्तर पर होती रही थी.जनवरी से सितंबर तक कुल सोने की खरीद केवल चार टन रही, जो पिछले साल इसी अवधि में 50 टन थी.

Diwali 2025: इस बार धन-संपदा के त्यौहार दीपावली पर सरकारी आंकड़े भी चमकने लगे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार 10 अक्तूबर तक सप्ताह में भारत के सोने के भंडार में 3.595 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई और कुल 102.365 बिलियन डॉलर हो गया. दूसरी ओर कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.18 बिलियन डॉलर घटकर 697.784 बिलियन डॉलर पर आ गया. यह सोने का हिस्सा भारत के कुल भंडार में 14.7 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो 1996-97 के बाद का सर्वाधिक स्तर है. पिछले दशक में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा लगभग दोगुना हो गया है.

यह वृद्धि न केवल रिजर्व बैंक के माध्यम से लगातार सोने की खरीद के कारण है, बल्कि दुनिया भर में सोने की बढ़ती कीमतों का भी परिणाम माना जा रहा है. बताया जाता है कि वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में केंद्रीय बैंक ने केवल चार बार सोने की खरीद की, जबकि 2024 में यह लगभग मासिक स्तर पर होती रही थी.

जनवरी से सितंबर तक कुल सोने की खरीद केवल चार टन रही, जो पिछले साल इसी अवधि में 50 टन थी. वैश्विक स्तर पर रिजर्व बैंक अपने भंडार में डॉलर से हटकर सोने में निवेश बढ़ा रहे हैं, जो कि भू-राजनीतिक जोखिम, प्रतिबंधों और ‘डी-डॉलराइजेशन’ के चलते हो रहा है.

वहीं, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता देश है और उसे अपनी मांग को पूरा करने के लिए सोने का आयात करना पड़ता है. दरअसल, भारत में सोने की खरीददारी केवल निवेश के लिए नहीं, बल्कि परंपरा और सामाजिक प्रतिष्ठा से भी गहराई से जुड़ी हुई है. सोने को आभूषणों के दृष्टिकोण के अलावा संपत्ति के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है.

लंबे समय से इसने समाज में लोगों की मजबूत आर्थिक स्थिति बनाए रखने में सहायता की है. एक अनुमान के अनुसार भारतीय परिवारों के पास कुल मिलाकर 3.8 ट्रिलियन डॉलर(लगभग 334 ट्रिलियन रुपए) का सोना है, जो भारत की जीडीपी के 88.8 फीसदी के बराबर है. उम्मीद है कि आगे भी सोने के उछाल से निवेशकों और केंद्रीय बैंक दोनों को लाभ पहुंचने की संभावना है.

जिससे भारत के भंडार को और भी सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी और ग्लोबल मार्केट में भारत की स्थिति अधिक मजबूत होगी. अवश्य ही यह दुनिया के बदले हुए परिवेश और आर्थिक स्थितियों के बीच खुशरंग खबर है. हालांकि इसका समाज के निचले स्तर पर कोई सीधा लाभ नहीं है. इससे बेरोजगारी और महंगाई पर भी अधिक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है.

फिर भी देश को मजबूती दिलाने के हिसाब से इसका अच्छा संकेत है. विदेशी मुद्रा पर बढ़ती निर्भरता कम करने की दिशा में भी इसी रास्ते से कुछ आसानी बढ़ेगी. सोने के सुनहरे समाचारों के बीच ही मुद्रास्फीति कम होने की खबर भी सुखदायी है. त्यौहारों के मौसम में ये खुश खबरें बाजार का उत्साह बढ़ाती हैं. जिन्हें आगे भी बनाए रखने के प्रयास होते रहना चाहिए.

Web Title: Diwali 2025 India's gold reserves shine Diwali India's gold reserves increased by $3-595 billion to a total of $102-365 billion

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