जयंतीलाल भंडारी ब्लॉग: अनुसंधान और नवाचार से ही तेज होगा देश का विकास
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 16, 2023 13:56 IST2023-10-16T13:54:47+5:302023-10-16T13:56:59+5:30
स्टार्टअप के लिए वित्तीय इंतजाम में भी भारत की बढ़त जारी है। विज्ञान और इंजीनियरिंग ग्रेजुएट तैयार करने में भारत दुनिया में सबसे आगे है।

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो
हाल ही में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन द्वारा प्रकाशित वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) 2023 की रैंकिंग में 132 अर्थव्यवस्थाओं में भारत 40वें पायदान पर दिखाई दे रहा है। पिछले वर्ष जीआईआई रैंकिंग में भी भारत 40वें क्रम पर ही था।
यद्यपि 10 अक्तूबर को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के द्वारा प्रकाशित विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट 2023 के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की विकास दर दुनिया में सबसे अधिक 6.3 फीसदी रहेगी लेकिन देश के बहुआयामी तेज विकास और 2027 में दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था तथा 2047 में विकसित देश बनने के ऊंचे लक्ष्य को पाने के लिए भारत में शोध एवं नवाचार पर और अधिक ध्यान दिया जाना जरूरी है।
इसमें कोई दो मत नहीं कि भारत में शोध और नवाचार पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है। जहां वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत 2015 में 81वें स्थान पर था, वहीं अब भारत की रैंकिंग 40वीं है। खास बात यह भी है कि इस बार भारत 37 निम्न-मध्यम-आय समूह अर्थव्यवस्थाओं के बीच अग्रणी बनकर उभरा है। साथ ही भारत नवाचार के संबंध में मध्य और दक्षिणी एशिया की 10 अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ऊपर है। इन सबके बावजूद अब देश की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की रफ्तार तेजी से बढ़ाने के लिए देश में शोध व नवाचार के नए अध्याय लिखे जाने जरूरी हैं।
भारत ने कारोबारी विशेषज्ञता, रचनात्मकता, राजनीतिक और संचालन से जुड़ी स्थिरता, सरकार की प्रभावशीलता जैसे विविध क्षेत्रों में अच्छे सुधार किए हैं। साथ ही भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था, घरेलू कारोबार में सरलता, विदेशी निवेश जैसे मानकों में भी बड़ा सुधार दिखाई दिया है। भारत की शोध एवं नवाचार ऊंचाई में अपार ज्ञान पूंजी, स्टार्ट-अप और यूनिकॉर्न, पेटेंट वृद्धि, हाइटेक विनिर्माण और सार्वजनिक और निजी अनुसंधान संगठनों द्वारा किए गए प्रभावी कार्यों के साथ-साथ अटल इनोवेशन मिशन ने भी अहम भूमिका निभाई है।
निस्संदेह भारत में शोध एवं नवाचार को बढ़ाने में डिजिटल ढांचे और डिजिटल सुविधाओं की भी अहम भूमिका है। भारत के नवाचार दुनिया में सबसे प्रतियोगी, किफायती, टिकाऊ, सुरक्षित और बड़े स्तर पर लागू होने वाले समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भारत आईटी सेवा निर्यात और वेंचर कैपिटल हासिल करने के मामले में लगातार आगे बढ़ रहा है। स्टार्टअप के लिए वित्तीय इंतजाम में भी भारत की बढ़त जारी है। विज्ञान और इंजीनियरिंग ग्रेजुएट तैयार करने में भारत दुनिया में सबसे आगे है। भारत के उद्योग-कारोबार तेजी से समय के साथ आधुनिक हो रहे हैं।