Budget 2022: अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकेगा बजट, कृषि और किसान हितों पर फोकस
By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: February 2, 2022 01:29 PM2022-02-02T13:29:39+5:302022-02-02T13:31:05+5:30
Budget 2022: देश में करीब-करीब 9 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचने लगा है और इसमें से करीब 5 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन, जल जीवन मिशन के तहत पिछले 2 वर्ष में दिए गए हैं.
Budget 2022: वित्त मंत्नी निर्मला सीतारमण के द्वारा प्रस्तुत किया गया वर्ष 2022-23 का बजट कोरोना की चुनौतियों से उबरती भारतीय अर्थव्यवस्था को गतिशील करने और विभिन्न वर्गो की मुश्किलों को कम करने के लिए एक अभूतपूर्व बजट है.
आगामी बजट के तहत कृषि और किसान हितों, बुनियादी ढांचे की मजबूती, उद्योग-कारोबार की गतिशीलता, निर्यात वृद्धि, शेयर बाजार को प्रोत्साहन, रोजगार के नए अवसर, महंगाई पर नियंत्नण, नई मांग का निर्माण, टीकाकरण एवं अन्य स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च बढ़ाने के साथ-साथ सामाजिक न्याय के लिए भी प्रभावी प्रावधान सुनिश्चित किए गए हैं.
वित्त मंत्नी सीतारमण ने अर्थव्यवस्था के लिए प्रोत्साहन का बूस्टर डोज देते समय राजकोषीय घाटे (फिजिकल डेफिसिट) को जीडीपी के 6.4 फीसदी तक विस्तारित करने में कोई संकोच नहीं किया है. इस बजट से अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकी जा सकेगी. इसमें कोई दो मत नहीं है कि इस वर्ष 2022-23 का बजट बनाते हुए वित्त मंत्नी के समक्ष कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों, महंगाई, आय की असमानता, करीब 8 फीसदी की बेरोजगारी दर, सरकारी विभागों की कमजोर व्यय क्षमता, निजीकरण पर कम सफलताएं जैसी विभिन्न आर्थिक एवं वित्तीय मुश्किलें मुंह बाए खड़ी थीं.
नि:संदेह नए बजट में खेती और किसानों के हितों को उच्च प्राथमिकता दी गई है. कृषि की विकास दर बढ़ाने और छोटे किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि सुधारों को व्यापक प्रोत्साहन दिया गया है. नए बजट में प्राकृतिक खेती और मांग आधारित खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष घोषणा की गई है.
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाने वाली सरकारी खरीद के लिए 2.37 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. किसानों की गैर कृषि आय बढ़ाने के लिए पशुधन विकास, डेयरी, पोल्ट्री, मत्स्य पालन और बागवानी जैसे क्षेत्नों को प्रोत्साहन के साथ घरेलू किसानों को आधुनिक तकनीक मुहैया करने के लिए नई व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं.
कृषि क्षेत्न में कुशल मानवसंसाधनों की जरूरत के मद्देनजर कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्र म में परिवर्तन सुनिश्चित किया गया है एवं कृषि अनुसंधान पर आवंटन बढ़ाया गया है. ऊंचे दाम वाली विविध फसलों के उत्पादन को विशेष प्रोत्साहन और छोटे किसानों की आमदनी में वृद्धि जैसे कदमों की घोषणा भी नए बजट में की गई है.
हम उम्मीद करें कि नए बजट से एक ओर आम आदमी की क्र यशक्ति बढ़ेगी, नई मांग का निर्माण होगा, वहीं दूसरी ओर आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के अंत तक विकास दर करीब 9 फीसदी के स्तर पर पहुंचते हुए दुनिया में अव्वल दिखाई दे सकेगी.