ब्लॉगः देश में गरीबी-अमीरी की खाई बढ़ना ठीक नहीं, देश के 70 करोड़ लोगों की कुल संपत्ति 21 अरबपतियों से भी कम

By वेद प्रताप वैदिक | Published: January 17, 2023 05:08 PM2023-01-17T17:08:09+5:302023-01-17T17:09:11+5:30

सिर्फ 100 भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 54.12 लाख करोड़ रुपए है। यदि इन अरबपतियों पर थोड़ा ज्यादा टैक्स लगाया जाए और उपभोक्ता वस्तुओं का टैक्स घटा दिया जाए तो सबसे ज्यादा फायदा देश के गरीब लोगों को ही होगा।

Blog Increasing poverty-wealth gap in the country is not good | ब्लॉगः देश में गरीबी-अमीरी की खाई बढ़ना ठीक नहीं, देश के 70 करोड़ लोगों की कुल संपत्ति 21 अरबपतियों से भी कम

ब्लॉगः देश में गरीबी-अमीरी की खाई बढ़ना ठीक नहीं, देश के 70 करोड़ लोगों की कुल संपत्ति 21 अरबपतियों से भी कम

 देश में गरीबी भी उतनी ही तेजी से बढ़ती जा रही है, जितनी तेजी से अमीरी बढ़ रही है। अमीर होनेवालों की संख्या सिर्फ सैकड़ों में होती है लेकिन गरीब होनेवालों की संख्या करोड़ों में होती है। ऑक्सफेम के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल में सिर्फ 64 अरबपति बढ़े हैं। सिर्फ 100 भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 54.12 लाख करोड़ रुपए है। यदि इन अरबपतियों पर थोड़ा ज्यादा टैक्स लगाया जाए और उपभोक्ता वस्तुओं का टैक्स घटा दिया जाए तो सबसे ज्यादा फायदा देश के गरीब लोगों को ही होगा। अभी तो देश में जितनी भी संपदा पैदा होती है, उसका 40 प्रतिशत सिर्फ एक प्रतिशत लोगों के पास चला जाता है जबकि 50 प्रतिशत लोगों को उसका तीन प्रतिशत हिस्सा ही हाथ लगता है। 

अमीर लोग अपने घरों में चार-चार कारें रखते हैं और गरीबों को खाने के लिए चार रोटी भी ठीक से नसीब नहीं होती। ये जो 50 प्रतिशत लोग हैं, इनसे सरकार जीएसटी का कुल 64 प्रतिशत पैसा वसूलती है जबकि देश के 10 प्रतिशत सबसे मालदार लोग सिर्फ 3 प्रतिशत टैक्स देते हैं। इन 10 प्रतिशत लोगों के मुकाबले निचले 50 प्रतिशत लोग 6 गुना टैक्स भरते हैं। गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को अपनी रोजमर्रा की जरूरी चीजों को खरीदने पर बहुत ज्यादा टैक्स भरना पड़ता है, क्योंकि वह बताए बिना ही चुपचाप काट लिया जाता है। इसी का नतीजा है कि देश के 70 करोड़ लोगों की कुल संपत्ति देश के 21 अरबपतियों से भी कम है। साल भर में उनकी संपत्तियों में 121 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। अब जो नया बजट आनेवाला है, शायद सरकार इन ताजा आंकड़ों पर ध्यान देगी और भारत की टैक्स-व्यवस्था में जरूर कुछ सुधार करेगी। देश कितना ही मालदार हो जाए लेकिन यदि उसमें गरीबी और अमीरी की खाई बढ़ती गई तो वह संपन्नता हमारे लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। 

Web Title: Blog Increasing poverty-wealth gap in the country is not good

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