पटना: बिहार के राजस्व, भूमि और सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने राज्य में हो रहे भूमि सर्वेक्षण के कार्य को रोके जाने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। मंगलवार को दिल्ली रवाना होने के पहले दिलीप जायसवाल ने एयरपोर्ट के बाहर संवाददाताओं से कहा कि राज्य में भूमि संबंधी विवादों के निपटान के लिए जमीन सर्वे का काम हो रहा है। इसे लेकर किसी प्रकार की कोई परेशानी आती है तो उसे दूर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में भूमि सर्वेक्षण पर रोक को लेकर जो बातें की जा रही हैं, यह खास लोगों द्वारा प्रायोजित है।
भूमि सर्वेक्षण को उन्होंने भूमि संबंधी विवादों को दूर करने में अहम माना।दिलीप जायसवाल ने कहा कि जमीन सर्वे का काम चल रहा है और रुकने वाला नहीं है। उन्होंने इशारों ही इशारों में इन अफवाहों के लिए जमीन माफियाओं को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि कुछ लोग जो जमीन पर अवैध कब्जा कर रखे हैं और जमीन माफिया हैं, वे नहीं चाहते हैं कि सर्वे हो, वे चाहते हैं कि सर्वे का कार्य रुक जाए। इसलिए वे सर्वे को लेकर गलत धारणा फैला रहे हैं।
इसे लेकर जमीनी स्तर पर कोई विवाद नहीं है। यह सर्वे होकर रहेगा। इसमें किसी भी तरह का बदलाव भी नहीं किया जाएगा। इससे गांव के गरीबों का फायदा होने वाला है। उन्होंने कहा कि भूमि सर्वेक्षण का मकसद राज्य में भूमि से जुड़े विवादों को निपटाना है। इसे लेकर आम लोगों में कहीं कोई विरोध नहीं है।
दरअसल, बिहार में 20 अगस्त से भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू हुआ है। इसे लेकर राज्य के सभी प्रखंडों में काम जारी है। वहीं भूमि सर्वेक्षण को लेकर आम लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें जमीन के दस्तावेज जुटाना सबसे बड़ी परेशानी हैं।
खतियान, जमाबन्दी, राजस्व रसीद, बंटवारा कागजात, वंशावली आदि को लेकर आम लोगों में भयावह स्थिति बनी हुई। खतियान आदि निकालने को लेकर रोजाना लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में नीतीश सरकार को इस सर्वे से भारी नुकसान हो सकता है।