बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश से बंद किए गए स्कूल और कोचिंग संस्थान, 100 से अधिक छात्र-छात्राओं के बेहोश होने की खबर के बाद उठाया कदम
By एस पी सिन्हा | Updated: May 29, 2024 19:08 IST2024-05-29T19:06:56+5:302024-05-29T19:08:53+5:30
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को निर्देश दिया है कि वे जरूरत के मुताबिक सरकारी स्कूलों को बंद करने के लिए उचित कार्रवाई करें ताकि स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित न हो।

(फाइल फोटो)
पटना: भीषण गर्मी की वजह से बिहार में करीब 100 से अधिक छात्र-छात्राओं के बेहोश होने की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गंभीर हो गए। उन्होंने मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को आदेश दिया कि सरकारी स्कूलों को फिलहाल बंद कर दिया जाये। इसके बाद आनन-फानन में आदेश निकालकर स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को 30 मई से 8 जून तक बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा है कि भीषण गर्मी और भयंकर लू की चपेट से बिहार में आपदा की स्थिति बन गई है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को निर्देश दिया है कि वे जरूरत के मुताबिक सरकारी स्कूलों को बंद करने के लिए उचित कार्रवाई करें ताकि स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित न हो।
मुख्यमंत्री ने भयंकर लू और भीषण गर्मी को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक आय़ोजित करने को भी कहा है ताकि सरकार गर्मी और लू से पीड़ित लोगो की मदद कर सके। बता दें कि भीषण गर्मी, लू और उमस के कारण बिहार के सरकारी स्कूलों में बुधवार को 100 से ज्यादा छात्र-छात्राएं बीमार हो गए। इनमें से कई बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े। इससे स्कूलों में अफरातफरी मच गई।
कई जगहों पर शिक्षक और अन्य कर्मचारी भी हीट स्ट्रोक से बेहोश हो गए। अभिभावकों में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा था। भीषण गर्मी और लू के बावजूद स्कूलों में न तो छुट्टी की जा रही है और न ही समय में बदलाव किया जा रहा है। बिहार के कई जिलों में अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रिकॉर्ड किया जा रहा है। राज्य में अधिकतम तापमान का 12 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया है। हाल यह है कि समूचा बिहार हीटवेव की चपेट में है।