नीतीश कुमार को भी राष्ट्रपति भवन से रात्रि भोज में आया बुलावा, जाने पर संशय बरकरार
By एस पी सिन्हा | Updated: September 6, 2023 18:00 IST2023-09-06T17:59:03+5:302023-09-06T18:00:54+5:30
रात्रिभोज में शामिल होने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इस पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है। राष्ट्रपति की ओर से जो आमंत्रण पत्र जारी हुआ है, उसमें ही प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
पटना: देश के नाम बदलने को लेकर इंडिया बनाम भारत के विवाद के बीच राष्ट्रपति की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को रात्रिभोज के लिए बुलाया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जी-20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति की ओर 9 सितंबर के रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया गया है। इस भोज में सभी केंद्रीय मंत्री और विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है।
हालांकि, रात्रिभोज में शामिल होने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इस पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है। राष्ट्रपति की ओर से जो आमंत्रण पत्र जारी हुआ है, उसमें ही प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है। इसी भारत शब्द को लेकर इंडिया के घटक दलों ने विरोध जताया है।
इसे संविधान की भावना के अनुरूप नहीं बताने के विपक्षी दलों के सवाल पर भाजपा की ओर से कहा गया कि अब देश का नाम इंडिया की जगह सिर्फ भारत ही किया जाए। इसी विवाद में जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने भी कहा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इतिहास बदलने में लगी है। इसी बीच अब नीतीश कुमार को भी आमंत्रित किया गया है। अब देखना होगा कि इंडिया और भारत के विवाद के बीच नीतीश कुमार क्या निर्णय लेते हैं और ष्ट्रपति की ओर 9 सितंबर के रात्रिभोज में शामिल होते हैं या नहीं? अब नीतीश कुमार पर नजर है कि उनका इस दिशा में क्या कदम होगा।
हालांकि विपक्ष इस पूरे मामले में केंद्र सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस और जदयू पहले ही इस पर आपत्ति जता चुके हैं। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव भी कह चुके हैं कि कहां-कहां नाम बदलेंगे? हमे इंडियन होने पर गर्व है। तेजस्वी ने कहा है कि हमारे नारा में तो दोनों है। इंडिया गठबंधन का टैगलाइन है, 'जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया'।
विपक्ष का कहना है कि भाजपा इंडिया गठबंधन से घबरा गई है। इसिलिए देश का नाम बदलने की चर्चा शुरू की गई है।