पटना: बिहार में जातीय गणना की आर्थिक रिपोर्ट विधानंडल में पेश किए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और चाचा-भतीजे की सरकार पर तीखा हमला बोला। मांझी ने जातीय गणना की आर्थिक रिपोर्ट पर सवाल खड़े करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट साझा किया है और लिखा है कि वाह रे! जातिगत जनगणना।
उन्होंने लिखा है कि सूबे के 45.54 फीसदी मुसहर अमीर हैं, 46.45 फीसदी भुइयां अमीर हैं? साहब सूबे के किसी एक प्रखंड में 100 मुसहर या भुइयां परिवारों की सूची दे दीजिए, जो अमीर हैं? इसके साथ ही उन्होंने महागठबंधन की सरकार पर जोरदार प्रहार किया है और लिखा है कि आप चाचा-भतीजा को जब जनगणना करना था, तो फिर कागजी लिफाफेबाजी क्यों? सूबे में जनगणना के बहाने खजाने की लूट हुई है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री और 'हम' संरक्षक जीतन राम मांझी लगातार कई मुद्दों पर नीतीश सरकार को घेर रहे हैं। हाल के दिनों में बीपीएससी शिक्षक बहाली परीक्षा को लेकर भी उन्होंने आवाज बुलंद की थी और फर्जीवाडे़ का आरोप लगाया था। एकबार फिर उन्होंने बिहार में हुई जातीय गणना की आर्थिक रिपोर्ट को लेकर सरकार को घेरा है।