पटनाः बिहार में राजभवन और सरकार के बीच जारी खींचतान पर अब सियासत भी गर्माने लगी है। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात कर क्राइसिस मैनेमेंट का प्रयास किया। दोनों के बीच हुई मुलाकात के बाद राजभवन ने एक बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री ने राजभवन आकर राज्यपाल से मुलाकात की है।
उच्च शिक्षा और विश्वविद्यालयों के मामलों पर बात हुई है। इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि बिहार में राज्यपाल और सरकार के बीच कभी विवाद नहीं रहा है। सरकार सबसे लड़ना चाहती है। राज्यपाल दलित वर्ग से आते हैं, इसलिए सरकार का नजरिया उनके प्रति ठीक नहीं रखती है। मिलजुल कर ही विकास किया जा सकता है, टकराव से नहीं।
मगर यह सरकार सबसे लड़ना चाहती है। लड़ने से विकास नहीं हो सकता। सरकार को अपनी मानसिकता बदलनी चाहिए। वहीं, सम्राट चौधरी के बयानों पर पलटवार करते हुए जदयू प्रवक्ता व विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि राजनीति में चोर बोले जोर से।
संसद भवन के शिलान्यास में दलित राष्ट्रपति को बुलाया नहीं जाता है और जब संसद भवन का उद्घाटन था, तब भी आदिवासी राष्ट्रपति को नहीं बुलाया जाता है। उन्होंने कहा कि राजभवन की विज्ञप्ति भी भाजपा के लोग नहीं पढ़ते हैं। सम्राट चौधरी को पढ़ाई लिखाई से क्या मतलब है वे तो कैलिफोर्निया पब्लिक यूनिवर्सिटी से आए हैं।
राजभवन ने ही विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि उच्चतर शिक्षा को लेकर मुख्यमंत्री के साथ बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच किसी तरह की कोई तकरार नहीं है। नीरज कुमार ने कहा कि बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात की है। मुख्यमंत्री नीतीश हमेशा संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करते हैं।
वे उच्च शिक्षा को लेकर हमेशा तत्पर और सजग रहते हैं। दरअसल, शिक्षा विभाग और राजभवन द्वारा कुलपति की नियुक्ति के लिए अलग-अलग विज्ञापन निकाले गये हैं, जिसको लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। कई उम्मीदवार पहले ही राजभवन के विज्ञापन के लिए आवेदन कर चुके हैं और 6 विश्वविद्यालयों में वीसी के पद को भरने के लिए स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू होने वाली थी।