Bihar Politics News: बिहार में सत्ताधारी दल जदयू में जारी आंतरिक कलह धिरे-धिरे जोर पकड़ता जा रहा है। लोकसभा चुनाव का समय ज्यों-ज्यों नजदीक आ रहा वैसे-वैसे जदयू में भारी असंतोष पनपते जा रहा है। जदयू के अंदर भगदड़ मचने की स्थिति है। नीतीश कुमार के एक सांसद सुनील कुमार पिंटू ने तो जातीय गणना कि रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर मुख्यमंत्री को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है।
सीतामढ़ी से जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू की नाराजगी के बाद मुख्यमंत्री के खास मंत्री संजय झा ने साफ-साफ कह दिया कि वे जहां से आए थे, वहीं जाने का मन बना लिया होगा। इससे स्पष्ट है कि कि जदयू ने मान लिया है कि उनके सांसद भाजपा में जाने वाले हैं। दरअसल, जातीय गणना पर सांसद सुनील कुमार पिंटू ने गुरुवार को कहा था कि जातीय गणना में फर्जीवाड़ा किया गया है।
इसमें तेली समाज की संख्या को कम कर दिया गया है। तेली समाज की कई बस्तियों, मोहल्लों में गणना करने वाले पहुंचे ही नहीं। सुनील पिंटू ने रविवार को पटना में तेली समाज की बैठक भी बुलाई है। आज मंत्री संजय झा से इस संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सुनील कुमार पिंटू जहां से आये हैं, वहीं वापस जाना चाह रहे हैं। इसलिए ऐसा आरोप लगा रहे हैं।
नीतीश कुमार ने जातीय गणना करा कर ऐतिहासिक काम किया है, इस पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। बता दें कि जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान ही भाजपा से जदयू में शामिल हुए थे। इसके बाद जदयू ने उन्हें सीतामढ़ी से उम्मीदवार बनाया था। वे भाजपा के टिकट पर सीतामढ़ी से विधायक भी रहे हैं और नीतीश कैबिनेट में मंत्री भी।
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा-जदयू में आपसी समझौता के तहत सुनील कुमार पिंटू जदयू में शामिल हुए टिकट लिए और जीत भी हुई। ऐसे में अब सवाल यह उठ रहा है कि सीटिंग सांसद क्या दल छोड़ने वाले हैं? क्या वे भाजपा में जाएंगे? ऐसे में क्या जदयू अपनी सीटिंग सीट सीतामढ़ी सहयोगी दल राजद को सौंप देगी या फिर अपना उम्मीदवार देगी ?
जदयू अगर सीतामढ़ी सीट नहीं छोड़ेगी तो फिर उम्मीदवार कौन होंगे? क्या विधानपरिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर सीतामढ़ी से जदयू के प्रत्याशी होंगे? विधान परिषद सभापति देवेशचंद्र ठाकुर सीतामढ़ी से ही आते हैं। जानकार बताते हैं कि वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने को इच्छुक हैं। सिर्फ पार्टी नेतृत्व की हरी झंड़ी का इंतजार कर रहे हैं।