नीतीश सरकार शासनकालः एक साल के दौरान सात पुल गिरे, आम जनता के 1700 करोड़ रुपए कैसे बहे, देखें लिस्ट

By एस पी सिन्हा | Published: June 6, 2023 06:42 PM2023-06-06T18:42:37+5:302023-06-06T18:44:01+5:30

बिहारः रविवार को भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहे पुल को गिरने के बाद से निर्माण कार्य में बरती जा रही लापरवाही फिर से उजागर हो गई है।

bihar Nitish government reign Seven bridges fell during one year every time inquiry order culprits will not be spared How 1700 crore rupees of general public flowed see list | नीतीश सरकार शासनकालः एक साल के दौरान सात पुल गिरे, आम जनता के 1700 करोड़ रुपए कैसे बहे, देखें लिस्ट

सुल्तानगंज-अगुवानी पुल के गिरने के बाद सरकार आलोचनाओं का सामना कर रही है।

Highlightsपूर्णिया में निर्माणाधीन पुल कंक्रीट पड़ने के महज चार घंटे बाद ही ढह गया था।सारण में अंग्रेजों के जमाने का एक सड़क पुल गिरने से दो लोग घायल हो गए थे।सुल्तानगंज-अगुवानी पुल के गिरने के बाद सरकार आलोचनाओं का सामना कर रही है।

पटनाः बिहार में नीतीश सरकार के शासनकाल में बीते एक साल के दौरान सात पुल गिर गए। हरबार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान आता रहा है कि जांच के आदेश दे दिये गए हैं, दोषियों को बख्शा नही जायेगा। इसबार भी सुल्तानगंज-अगुवानी पुल के गिरने के बाद सरकार आलोचनाओं का सामना कर रही है।

पुल निर्माण में धांधली की बात हो रही है। आम लोगों को भी यह पता लग गया है कि कैसे भ्रष्टाचार के कारण आम जनता के 1700 करोड़ रुपए कैसे बह गए। खास बात यह कि यही पुल एक साल के भीतर दूसरी बार गिरा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी माना सही तरीके से निर्माण नहीं होने के कारण यह पुल बार-बार गिर रहा है, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर अब तक सख्त एक्शन होता नहीं दिखा है।

बता दें कि इससे पहले भी यह पुल 27 अप्रैल 2022 को तेज आंधी और बारिश के चलते ढह गया था। दरअसल, बिहार में घटिया निर्माण के कारण पुलों के ध्वस्त होने की यह कोई पहली घटना नहीं है। बीते एक साल में राज्य में 7 बार पुल गिरने की घटनाएं हो चुकीं हैं, लेकिन नीतीश सरकार फिर भी नहीं जगी।

बीते कुछ सालों में बिहार में सड़क, पुल का निर्माण काफी तेजी से हो रहा है। कई जिलों से चौड़ी फोर लेन सड़कें निकाली गई हैं। कई नदियों पर पुल का निर्माण हो रहा है। लेकिन इस निर्माण कार्य में गुणवत्ता से समझौता भी बड़े पैमाने पर हो रहा है। स्थानीय लोग लगभग हर निर्माण कार्य में हो रही खामियों पर बात करते मिलेंगे।

रविवार को भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहे पुल को गिरने के बाद से निर्माण कार्य में बरती जा रही लापरवाही फिर से उजागर हो गई है। वर्ष 2023 के ही 16 मई को बिहार के पूर्णिया जिले में एक निर्माणाधीन पुल कंक्रीट पड़ने के महज चार घंटे बाद ही ढह गया था। इससे पहले 19 मार्च 2023 को राज्य के सारण जिले में अंग्रेजों के जमाने का एक सड़क पुल गिरने से दो लोग घायल हो गए थे।

वहीं, 19 फरवरी 2023 को पटना जिले के बिहटा सरमेटा में एक निर्माणाधीन पुल गिर गया था। इस साल की शुरुआत यानी कि 16 जनवरी 2023 को दरभंगा जिले के कुशेश्वर में ओवरलोड ट्रक के कारण लोहे का पुल गिर गया था। उसके पहले 18 नवंबर 2022 को बिहार के नालंदा जिले के वेना में एक निर्माणाधीन फोरलेन सड़क पुल गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।

इसी प्रकार की घटना 9 जून 2022 को बिहार के सहरसा जिले के सिमटी बख्तियारपुर में हुई थी। यहां पुल का एक हिस्सा गिरने से तीन मजदूर घायल हो गए थे। ऐसे ही गत 20 मई 2022 को पटना में अत्यधिक बारिश के चलते 136 साल पुराना पुल ढह गया था। सुशासन की सरकार का दावा करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुल गिरने की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भागलपुर में पहले भी ऐसा हुआ था तब भी हमने पूछा था कि ऐसा क्यों हुआ? 2014 से इसपर काम शुरु हुआ था। कल पुल गिरने की घटना के बाद हमने विभाग के लोगों को एक्शन लेने के लिए कहा है।

मुख्यमंत्री ने भले ही दोषियों पर कार्रवाई का निर्देश दे दिया है, लेकिन दोषियों पर कार्रवाई होगी? इसपर शंका है। क्योंकि पिछली कई घटनाएं इसका उदाहरण है। ऐसा नहीं है कि बिहार में पहली बार कोई पुल गिरा हो। बात बीते एक साल की करें तो राज्य में सात पुल गिरे। सभी में जांच की बात कही गई। लेकिन पुल गिरने की घटनाएं रुकी नहीं।

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