पटना: एनआईए का मोस्ट वान्टेड और पीएफआई के सक्रिय सदस्य उस्मान सुल्तान खान उर्फ याकूब को एटीएस की टीम ने मोतिहारी के चकिया थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। पूर्वी चंपारण के एसपी कान्तेश कुमार मिश्रा ने इसकी पुष्टि की है। याकूब को एनआईए ने चकिया के गांधी मैदान में लोगों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने के मामले में गिरफ्तार किया है।
याकूब पुलिस से पहचान छुपाते हुए काफी समय से मोतिहारी में रह रहा था और वहां वह दुकानों में काम करके अपना जीवन गुजार रहा था।
याकूब के द्वारा चकिया के गांधी मैदान में ट्रेनिंग देने का वीडियो भी वायरल हुआ था। गिरफ्तारी की सूचना पर एनआईए की टीम भी पहुंच गई है और उसकी निशानदेही पर छापेमारी की जा रही है। गिरफ्तार याकूब थाना क्षेत्र के इमादपट्टी का निवासी बताया जाता है। बताया जा रहा है कि जब देवशिला नेपाल से अयोध्या जा रही थी, तब याकूब ने इंटरनेट मीडिया पर देवशिला के वीडियो के साथ एक विवादित पोस्ट किया था।
इसके बाद से एनआईए ने कई बार इसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की थी, लेकिन यह फरार रहा। फरारी के दौरान भी यह युवाओं को पीएफआई से जोड़कर उसका प्रशिक्षण देते रहा। याकूब की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने झाझा टोला गवंद्रा में इरफान के घर छापेमारी की है, लेकिन वह फरार है। वहीं याकूब से मिले इनपुट के आधार पर स्थानीय थाना के साथ एटीएस की टीम अन्य जगहों पर छापेमारी कर रही है।
पीएफआइ मामले में एनआइए ने बिहार एटीएस से छह आरोपितों को गिरफ्तार करने का अनुरोध किया था। इनमें मो रेयाज उर्फ बबलू, याकूब खान उर्फ सुल्तान, इरशाद आलम, मुमताज अंसारी, मो अफरोज और मो नजरे आलम उर्फ बेचू शामिल थे। यह सभी पूर्वी चंपारण जिले के रहने वाले हैं। याकूब खान उर्फ सुल्तान से पहले एनआइए की टीम ने मार्च में मेहसी से वांछित अभियुक्त इरशाद आलम और पिछले माह जून में तमिलनाडु के तिरीवल्लूर से अभियुक्त मुमताज अंसारी को गिरफ्तार किया था। उल्लेखनीय है कि पिछले साल फुलवारीशरीफ प्रकरण के बाद से वह गायब था। याकूब चकिया के गांधी मैदान में झंडे गाड़कर पीएफआइ के सदस्यों को लाठी चलाने का प्रशिक्षण देता था। इसकी शिकायत लोगों ने पुलिस से की थी। उसने गांधी मैदान की दीवारों पर बाबरी मस्जिद तोडऩे से संबंधित विवादित पोस्टर भी लगाए थे। याकूब की गिरफ्तारी मंगलवार की देर रात गवंद्रा गांव के एक मदरसा से हुई है।