बिहार: सेवा नियमित करने की मांग को लेकर विधानसभा का घेराव करने पहुंचे किसान सलाहकारों पर बरसी लाठियां
By एस पी सिन्हा | Updated: July 12, 2023 16:10 IST2023-07-12T16:07:53+5:302023-07-12T16:10:47+5:30
पटना में पुलिस ने एक किसान संगठन के सदस्यों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, जो अपनी मांगों को लेकर राज्य विधानसभा तक मार्च कर रहे थे।

फोटो क्रेडिट- एएनआई ट्विटर
पटना: अपनी मांगों को लेकर बुधवार को बिहार विधानसभा का घेराव करने राजधानी पटना में सड़क पर उतरे किसान सलाहकारों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस वालों ने सड़क पर गिरा-गिराकर लाठियां बरसाईं।
जिसके बाद सारे किसान सलाहकार इधर-उधर भागते हुए नजर आए। वहीं भागने के दौरान कुछ लोग रास्ते में गिर कर चोटिल हो गए।उल्लेखनीय है कि किसानों को बेहतर कृषि की सलाह देनेवाले किसान सलाहकार लगभग एक माह से भी ज्यादा समय से हड़ताल पर हैं।
लेकिन उनकी मांगों को लेकर कोई सुनवाई नहीं होने से नाराज बिहार प्रदेश किसान सलाहकार संघ, पटना के आह्वान पर आज बिहार के सभी जिलों से हजारों की संख्या में किसान सलाहकार विधानसभा का घेराव करने के लिए पटना पहुंचे थे। पटना के आर ब्लॉके में जुटे। इन किसान सलाहकार की भीड़ इतनी ज्यादा थी कि पूरा रास्ता भरा हुआ नजर आ रहा था।
इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने और वापस जाने को कहा। लेकिन किसान सलाहकारों ने पुलिस की बात मानने से इनकार कर दिया गया। वरीय पुलिस अधिकारी माइकिंग कर किसान सलाहकारों को पीछे हटने के लिए कहा। लेकिन, जब किसान सलाहकारों ने बात नहीं मानी तो पुलिस ने बल प्रयोग किया। लाठीचार्ज में कोई लोग घायल हुए हैं।
महिलाओं को भी चोटें आई हैं। वहीं, एसडीएम एसडीएम सदर श्रीकांत कुंडलीक खांडेकर ने कहा कि हल्का बल प्रयोग किया गया है। उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए हमने पहले उन्हें समझाने की कोशिश की। सभी से अपील थी कि आप लोगे गर्दनीबाग धरना स्थल चले जाएं, लेकिन जब वह नहीं माने तो उन पर हमें हल्का-फुल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
किसान सलाहकारों को अपनी बात रखने का पूरा मौका भी दिया गया, लेकिन वह फिर भी नहीं माने इस वजह से हमें बल प्रयोग करना पड़ा और कुछ गिरफ्तारियां भी की गई हैं, क्योंकि उन लोगों ने धारा 144 की अवहेलना की है। जबकि, बिहार प्रदेश किसान सलाहकारों का कहना है कि अपने लगन व परिश्रम से खून-पसीना बहाकर धान की उपज में रिकॉर्ड को तोड़ा।
किसान सलाहकार किसानों के बीच घर-घर जाकर कृषि विभाग की योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम करते हैं। इतना काम लेने के बाद भी अल्प मानदेय मात्र 13,000 दिया जा रहा है।
हमारी मांग है कि हम सभी को नियमित किया जाए। बिहार में पंचायत स्तर पर 8 हजार 463 किसान सलाहकार का पद स्वीकृत हैं, लेकिन नियुक्त छह हजार के आसपास है। इनकी नियुक्ति 13 साल पहले हुई थी। शुरुआत में इनका वेतन ढाई हजार रुपए था, लेकिन बाद में बढ़कर 13 हजार रुपए हो गया।