पटनाः जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की नई सूची में राज्यसभा उपसभापति हरिवंश का नाम नहीं होने पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इस संबंध में जब पटना के जदयू दफ्तर में पहुंचे जदयू अध्यक्ष ललन सिंह से जब मीडिया ने हरिवंश को लेकर सवाल पूछा तो वे मीडिया पर ही भड़क उठे और कहा कि आप बताइए कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में किसका-किसका नाम डालना है?
आपसे पूछ के अब नाम डालेंगे क्या? उन्होंने कहा कि 9 अगस्त 2022 के बाद जब हम लोग एनडीए से अलग हुए, तब से आज तक हरिवंश जी हम लोगों की किसी भी बैठक में नहीं आते हैं और नहीं संसदीय दल की बैठक में आते हैं। संभव है कि प्रधानमंत्री जी ने उनको मना कर दिया हो कि किसी भी बैठक में नहीं जाइए तो इसलिए वे पार्टी की किसी भी बैठक में शामिल नहीं होते हैं।
ललन सिंह ने कहा कि ये भी सत्य है कि राज्यसभा का उपसभापति भाजपा ने उन्हें नहीं बनाया है। वे क्षेत्रीय पार्टी के वोट के दम पर वे राज्यसभा के उपसभापति बने हैं और क्षेत्रीय पार्टियों के वोट के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने सभी नेताओं से व्यक्तिगत तौर पर फोन कर समर्थन मांगा, तब वे चुनाव जीते। फिलहाल हरिवंश जी जदयू में हैं या नहीं?
इस सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि अब ये तो वही बता सकते हैं। टेक्निकल अभी वो जदयू से बाहर नहीं जा सकते हैं। इसके साथ ही ललन सिंह से जब ये पूछा गया कि जदयू की इस नयी टीम का आगामी लोकसभा चुनाव में कितना असर पड़ेगा तो उन्होंने कहा कि यह तो 2024 में ही पता चलेगा कि कितना असर होगा।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को जदयू ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की नई सूची जारी की है। इसमें 98 सदस्यों को जगह दिया गया है ।लेकिन नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का नाम नहीं है। इसको लेकर सियासी गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही उपसभापति हरिवंश ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी।
ऐसे में कहा जा रहा है कि हरिवंश को लेकर नीतीश कुमार और जदयू की नाराजगी अब खुलकर सामने आ गई है। जबकि हरिवंश को छोड़कर संसद के दोनों सदनों में पार्टी के सभी सदस्यों और राज्य मंत्रिमंडल में जदयू के सभी मंत्रियों के भी नाम इस सूची में हैं। पार्टी के लोकसभा में बिहार से 16 सांसद हैं और राज्यसभा में हरिवंश सहित पांच सांसद हैं।