पटनाः बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आज दूसरे दिन अचानक हजारों की संख्या में आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर विधानसभा के सामने हंगामा किया। महिलाएं विधानसभा का घेराव करने जा रही थीं। उनका हुजूम विधानसभा के करीब पहुंच चुका था। लेकिन पुलिस ने रोक दिया।
उसके बाद पुलिस ने वाटर कैनन का भी उपयोग किया। इस दौरान एक आंदोलनकारी महिला बेहोश हो गई। जिसे अन्य आंदोलनकारी अस्पताल ले कर गए। ऐसे में आगनबाड़ी सेविका ने पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया। दरअसल, सदन की कार्यवाही शुर होने से पहले ही विधानसभा गेट के बाहर अचानक से हजारों की तादाद में आगनबाड़ी सेविका पहुंच गई और धरना-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
जिन्हें बाद में जबर्दस्ती कर वहां से हटाने का प्रयास किया गया। लेकिन बाद में इन सभी पर पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पडा। ऐसे में अब ये आंगनबाड़ी सेविका राजधानी के डाकबंगला चौराहे के पास पहुंच गई है और वहां भी प्रदर्शन किया। आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका मौजूदा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर वादा खिलाफी का आरोप लगा रही है।
उनका कहना है कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के चुनाव के समय बार-बार यह कहते हैं कि उनकी सरकार आने पर बिहार की सभी आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिकाओं का मानदेय दुगना किया जाएगा। लेकिन सरकार बन जाने के बाद आज तक इस पर अमल नहीं किया गया है।
आंगनबाड़ी सेविका का कहना है कि हम अपने लंबित मांगों के समर्थन में सरकार से इस बार आरपार की लड़ाई लड़ने की पूरी तैयारी कर ली है। जहां भी हमारी मांगों को पूरा करने के लिए धरना-प्रदर्शन की जरूरत होगी किया जाएगा। हम लोग अब किसी के झूठे वादे और बहकाबे में नहीं आने वाले हैं, जब तक हम लोग की बात नहीं मानी जाएगी, हम लोग इस तरह का प्रदर्शन करते रहेंगे।
बता दें कि बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र के दौरान त्रिस्तरीय सुरक्षा व विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए 70 मजिस्ट्रेट व पुलिस पदाधिकारी के अलावा पुलिस बल के 800 जवान प्रतिनियुक्त रहेंगे। बगैर प्रवेश पास के विधानमंडल परिसर के अंदर जाने की अनुमति नहीं मिलेगी। इसके साथ ही धरना-प्रदर्शन पर भी मनाही है।
आंगनवाड़ी सेविकाओं के मुद्दे पर बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही चढ़ गई हंगामे की भेंट
बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के आज दूसरे दिन मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने जातीय गणना की रिपोर्ट और आंगनवाड़ी सेविकाओं की मांगों को लेकर दोनों सदनों के बाहर और भीतर जमकर प्रदर्शन किया। वह बिहार सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते नजर आए।
कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्ष ने आंगनबाड़ी सेविका के मुद्दे को लेकर जोरदारा हंगामा शुरू कर दिया और तेजस्वी यादव मुर्दाबाद के नारे लगाए। इस दौरान भाजपा के सदस्य वेल में पहुंच गए और जोरदार हंगामा किया। भाजपा के विधायकों ने कुर्सी उठा ली।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने दूसरे राज्यों की तरह ही बिहार में भी मानदेय बढा़ने की मांग की और इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा। हाथों में बैनर पोस्टर लेकर भाजपा के विधायक वेल में पहुंच गए और आंगनबाड़ी सेविकाओं पर लाठीचार्ज और उनके मानदेय को बढ़ाने का मुद्दा मजबूती के साथ उठाया।
इस दौरान भाजपा के साथ सरकार में शामिल भाकपा-माले के विधायकों ने भी आंगनबाड़ी सेविका का मामला उठाया। हंगामे की बीच विधानसभा अध्यक्ष बार-बार विपक्षी सदस्यों को शांत रहने के लिए कहते रहे। लेकिन भाजपा के सदस्य लगातार हंगामा करते रहे। सदन की कार्यवाही आधे घंटे भी नहीं चल सकी और विधानसभा अध्यक्ष ने 12 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
विपक्ष का आरोप है कि आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के ऊपर पुलिस ने बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया है। वहीण, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के खिलाफ भाजपा के सदस्यों ने विधान परिषद् में जमकर प्रदर्शन किया। सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि विधान परिषद में आंगनबाड़ी सेविकाओं पर लाठीचार्ज क्यों? नीतीश शाही नहीं चलेगी की लगातार नारेबाजी भी किया।
इसी दौरान भाजपा के विधान पार्षद ने सदन के अंदर कुर्सी भी उठा ली। बाद में सदन की कार्यवाही स्थगित हो गयी। उसी दौरान मंत्री आलोक मेहता ने जवाब देते हुए कहा कि लाठीचार्ज नहीं हुई है। पानी छोड़ा गया है। हंगामे के बीच बिहार विधान परिषद की कार्यवाही 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। उसके बाद अब विधान सभा में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया गया। लिहाजा विधान परिषद पहुंचते ही राबड़ी देवी ने कहा कि पूरे देश में जाति गणना करा ले सरकार।