पिता की कब्र पर पहुंचे मोहम्मद सिराज तो भावुक हुए धर्मेंद्र, कहा- वालिद की मौत के बाद भी यह...
By अमित कुमार | Published: January 22, 2021 07:11 PM2021-01-22T19:11:39+5:302021-01-22T19:13:38+5:30
गाबा में जीत दिलाने वाले तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज सीधे एयरपोर्ट से घर नहीं गए। वह सीधे कब्रिस्तान गए और नम आंखों से अपने मरहूम पिता को श्रद्धांजलि दी।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत की ऐतिहासिक जीत के सूत्रधारों में रहे मोहम्मद सिराज स्वदेश लौटने पर अपने घर जाने से पहले मरहूम पिता की कब्र पर फूल चढाने गए। सिराज उस समय ऑस्ट्रेलिया में थे जब उनके अब्बा ने आखिरी सांस ली। दो महीने से उन्हें अंतिम विदाई देने का इंतजार कर रहे सिराज उनकी कब्र पर पहुंचकर भावुक हो गए। उन्होंने वहां फूल चढाये और नमाज पढी।
सिराज को पिता की कब्र पर जाते हुए देख बॉलीवुड एक्टर धर्मेंद्र इमोशनल हो गए। धर्मेंद्र ने सोशल मीडिया पर लिखा, "सिराज, भारत का बहादुर दिल वाला बेटा। लव यू। नाज है तुझ पर। दिल पर वालिद की मौत का सदमा लिए तुम वतन की आन के लिए मैच खेलते रहे और एक अनहोनी जीत वतन के नाम दर्ज कर के लौटे। कल तुझे अपने वालिद की कब्र पर देखकर मन भर गया। जन्नत नसीब हो उन्हे।"
बता दें कि आटो रिक्शा चलाने वाले सिराज के पिता का 53 वर्ष की उम्र में 20 नवंबर को फेफड़े की बीमारी से निधन हो गया। इससे एक सप्ताह पहले ही सिराज भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे । उन्हें घर लौटने का विकल्प दिया गया लेकिन वह टीम के साथ रूके। सिराज ने वापसी के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मेरे लिये यह मुश्किल था। मैं बहुत दुखी था। मैने घर पर अपनी मां और परिवार से बात की जिन्होंने मेरा सहयोग किया। उन्होंने मुझसे अब्बा का सपना पूरा करने के लिये कहा। मेरी मंगेतर ने भी मुझे प्रेरित किया । पूरी टीम ने मेरा साथ दिया।
Siraj , Brave Herat son of India Love you ...Naaz hai tujh par, dil par walid ki maut ka sdma liye tum watan ki Aan ke liye match khelte rahe ..aur ek unhoni jeet watan ke naam darj kar ke lote..Kal tujhe apne walid ki qabbr par dekh kar mun bhar aya . jannt naseeb ho unhein 🙏 pic.twitter.com/O4zrkSg54F
— Dharmendra Deol (@aapkadharam) January 22, 2021
उन्होंने कहा कि मैं सीधे उनकी कब्र पर गया और फूल चढाये। यह भावुक पल था क्योंकि मैं उनके अंतिम संस्कार के समय नहीं था। मैं वहां गया और कुछ देर अपने अब्बा के साथ बैठा। उन्होंने मेलबर्न में दूसरे टेस्ट में इस प्रारूप में पदार्पण किया और बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भारत के लिये सर्वाधिक 13 विकेट चटकाये। उन्होंने घर लौटने की बजाय ऑस्ट्रेलिया में टीम के साथ रहकर अपने पिता का सपना पूरा किया।