Happy Birthday Saina Nehwal: ट्रेनिंग के लिए सुबह 4 बजे उठ जाती थीं साइना नेहवाल, रोज करना पड़ता था 50 किलोमीटर ट्रैवल

By सुमित राय | Published: March 17, 2020 07:25 AM2020-03-17T07:25:33+5:302020-03-17T07:25:33+5:30

भारत की स्टार शटलर साइना नेहवाल का जन्म 17 मार्च 1990 को हरियाणा के हिसार में हुआ था।

Happy Birthday Saina Nehwal: Success story of Badminton player Saina Nehwal | Happy Birthday Saina Nehwal: ट्रेनिंग के लिए सुबह 4 बजे उठ जाती थीं साइना नेहवाल, रोज करना पड़ता था 50 किलोमीटर ट्रैवल

साइना का जन्म 17 मार्च 1990 को हरियाणा के हिसार में हुआ था। (फाइल फोटो)

Highlightsभारत की स्टार शटलर साइना नेहवाल कई टूर्नामेंट में देश के लिए मेडल जीत चुकी हैं।बैडमिंटन की ट्रेनिंग के लिए साइना नेहवाल रोज सुबह 4 बजे उठ जाती थीं।ट्रेनिंग के लिए साइना नेहवाल को रोज 50 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था।

भारत की स्टार शटलर साइना नेहवाल कई टूर्नामेंट में देश के लिए मेडल जीत चुकी हैं, लेकिन यहां तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था। बैडमिंटन की ट्रेनिंग के लिए साइना रोज सुबह 4 बजे उठ जाती थीं और उन्हें 50 किलोमीटर ट्रैवल करना पड़ता था। साइना ने बैटमिंटन खेलना छह साल की उम्र में शुरू किया और इसके पीछे का श्रेय वें अपने माता पिता के प्रोत्साहन को देती हैं।

हरियाणा का है फैमिली बैकग्राउंड

साइना नेहवाल की फैमिली अब हैदराबाद में रहती है, लेकिन उनका फैमिली बैकग्राउंड हरियाणा का है। साइना का जन्म 17 मार्च 1990 को हरियाणा के हिसार में हुआ था। साइना के पिता एग्रीकल्चर डिपार्टमें में पोस्टेड थे, जब उनका प्रमोशन हुआ तो पांच शहरों में ट्रांसफर का ऑफर आया। इसके बाद उन्होंने हैदराबाद को सेलेक्ट किया और उनकी पूरी फैमिली हैदराबाद शिफ्ट हो गई।

ट्रेनिंग के लिए रोज करती थीं 50 KM का सफर

साइना नेहवाल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब मैं आठ साल की थीं और मुझे प्रैक्टिस के लिए घर से 25 किलोमीटर दूर स्टेडियम जाना पड़ता था। इसके लिए मुझे सुबह चार बजे उठना पड़ता था। मेरे पिता मुझे स्कूटर से स्टेडियम ले जाते। दो घंटे वे भी वहीं रहते थे और मेरा खेल देखते। फिर वहीं से मुझे स्कूल छोड़ते। सुबह जल्दी उठने की वजह से मुझे कई बार नींद भी आ जाती थी। कही गिर न जाऊं, इसलिए मेरी मां भी साथ आतीं। पिता स्कूटर चलाते और मां मुझे पकड़कर बैठतीं। रोजाना करीब 50 किलोमीटर का सफर। आसान नहीं था, लेकिन यह सिलसिला महीनों तक चलता रहा।

बैडमिंटन नहीं खेलना चाहती थीं साइना

बचपन में साइना नेहवाल का पहला प्यार बैडमिंटन नहीं, बल्कि कराटे था। आपको बता दें कि वो कराटे में ब्लैक बेल्ट हैं। साइना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पापा का हरियाणा से हैदराबाद ट्रांसफर होने से पहले ही उन्होंने कराटे खेलना शुरू कर दिया था।

साइना ने बताया था कि उन्होंने कुछ प्रतियोगिताएं भी कराटे में जीती थीं, लेकिन कराटे लायक उनकी बॉडी फिट नहीं हो पा रही थी। आठ साल की उम्र में काफी मेहनत करने के बाद भी अपने शरीर को कराटे के बड़े टूर्नामेंट के लिए तैयार नहीं कर पा रही थीं, इसलिए मजबूरन साइना को इसे छोड़ना पड़ा।

साइना ने क्यों खेलना शुरू किया बैडमिंटन

कराटे छोड़ने के बाद साइना नेहवाल ने बैडमिंटन खेलना शुरू किया। साइना ने इंटरव्यू में बताया था कि उनके मम्मी-पापा का पसंदीदा खेल होने के नाते उन्होंने बैडमिंटन रैकेट पकड़ा और कोचिंग शुरू की थी।

शाहरुख खान की फैन हैं साइना

व्यस्त शेड्यूल के बावजूद वें शुक्रवार को हॉलीवुड या बॉलीवुड की कोई फिल्म देखने का समय निकाल लेती है। साइना बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान की फैन हैं। साइना भले ही आज बैडमिंटन की स्टार हैं, लेकिन बचपन में उनको क्रिकेट खेलने का बहुत ज्यादा शौक था। एक इंटरव्यू में सायना की बड़ी बहन चंद्रांशु ने बताया था कि साइना को बचपन में क्रिकेट खेलना बहुत पसंद था और वो पढ़ाई छोड़कर क्रिकेट खेलती थी।

2016 में चर्चा में आईं साइना नेहवाल

साइना नेहवाल साल 2006 में पहली बार चर्चा में आईं, जब 16 साल की उम्र में उन्होंने राष्ट्रीय अंडर-19 चैंपियनशिप जीती। इसके अलावा इतिहास रचते हुए एक बार नहीं बल्कि दो बार एशियाई सेटेलाइट चैंपियनशिप जीती। उसी साल वांग यिहान के हातों वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप के फाइनल में हारते हुए वें दूसरी स्थान पर रहीं।

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