ऑड-ईवन के दौरान भ्रम में न रहें, डिटेल में पढ़ें किसको कब मिलेगी छूट, मुख्यमंत्री को भी नहीं दी गई राहत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 4, 2019 09:11 AM2019-11-04T09:11:06+5:302019-11-04T09:11:06+5:30

ऑड-ईवन योजना में किसको छूट दी गई है किसको नहीं। इस बात को लेकर कई मामलों में लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुयी है वहीं कुछ मामलों में विश्वास के आधार पर इस नियम में छूट दी गई है।

Who will get relief during odd even | ऑड-ईवन के दौरान भ्रम में न रहें, डिटेल में पढ़ें किसको कब मिलेगी छूट, मुख्यमंत्री को भी नहीं दी गई राहत

फाइल फोटो

Highlightsस्कूली बच्चों के वाहनों के मुद्दे के अलावा विशेषज्ञों और कुछ दिल्लीवासियों ने सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की खराब हालत, सीएनजी वाहनों पर प्रतिबंध तथा दो पहिया वाहनों को दी गयी छूट को लेकर सरकार की आलोचना की।कुछ अभिभावकों ने विश्वास आधारित व्यवस्था को लेकर आशंका जताई। एक महिला ने इस संबंध में कहा कि इस मामले में अधिक स्पष्टता होनी चाहिए। यातायात पुलिसकर्मी को कैसे पता चलेगा कि आप अभिभावक हैं और बच्चे को स्कूल छोड़कर लौट रहे हैं। 

दिल्ली में आज 4 नवंबर से ऑड-ईवन स्कीम लागू हो गयी है। यह योजना सुबह 8 बजे से शुरू है और 15 नवंबर तक यह नियम लागू रहेगा। प्रतिदिन यह नियम सुबह 8 बजे से लागू होकर रात 8 बजे तक लागू रहेगा। इस नियम के लागू होने से पहले से लेकर अभी तक भी कई लोगों के मन में भ्रम की स्थिति बनी हुयी है कि कब किस स्थिति में किसको इस नियम से छूट मिली हुयी है। तो हम आपको प्रतिबंध और छूट से जुड़े सभी नियम बता रहे हैं- 

-पहली बात तो यह है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को ऑड-ईवन से पूरी तरह छूट है। ऐसे वाहनों पर कोई भी ऑड-ईवन नियम लागू नहीं होता है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने एक बयान में कहा कि शहर में पंजीकृत इलैक्ट्रिक वाहनों की संख्या एक हजार से कम है और उनसे किसी तरह का जाम लगने की संभावना नहीं है। गहलोत ने कहा, "लिहाजा, इन वाहनों को सम-विषम पाबंदियों से छूट देने का फैसला किया गया है।" पहले दिल्ली सरकार द्वारा सम विषम योजना के कार्यान्वयन के लिए जारी अधिसूचना में छूट वाले वाहनों की सूची में इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल नहीं किया गया था। 

-दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के वाहनों को भी ऑड-ईवन नियम का पालन करना होगा। उन्हें किसी प्रकार की छूट नहीं दी गई है। 

-एप आधारित कैब ऑपरेटरों ओला और उबर को ऑड-ईवन से छूट दी गई है लेकिन शर्त लगाई गई है कि ऑड-ईवन के दौरान वे सर्ज प्राइसिंग (डिमांड बढ़ने पर कीमत बढ़ाना) लागू नहीं करेंगे। 

-ऑटो रिक्शा को भी छूट मिली हुई है लेकिन सरकार ने ऑटोरिक्शा द्वारा अधिक किराया वसूलने से रोकने के लिए भी कदम उठाए हैं। 

-इस योजना से दोपहिया वाहनों को भी छूट दी गई है। पहले चर्चा यह थी कि दोपहिया वाहनों पर भी ऑड-ईवन स्कीम लागू किया जाएगा।

-सीएनजी से चलने वाले वाहनों को छूट नहीं प्रदान की गई है। पिछले साल के ऑड-ईवन के दौरान सीएनजी वाहनों को छूट प्रदान की गई थी लेकिन उनके दुरुपयोग की शिकायतें मिलने के बाद इस साल उनको भी छूट नहीं दी गई है। पिछले साल लोग पेट्रोल-डीजल वाले वाहनों में भी सीएनजी स्टीकर लगाकर सफर कर रहे थे। 

-चिकित्सकीय आपात स्थिति में इस्तेमाल किये जाने वाले वाहनों और यूनिफॉर्म में स्कूली बच्चों ले जाने वाले वाहनों को छूट दी जाएगी। ऐसे वाहन जिनकी चालक महिलाएं हों और उनमें 12 वर्ष तक की आयु के बच्चे हों उन्हें छूट दी जाएगी। इसके साथ ही ऐसे वाहनों को भी छूट मिलेगी जिनमें दिव्यांग सवार हों। 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि इस योजना के दौरान स्कूली बच्चों को लेकर जाने वाले वाहनों को लेकर थोड़ी भ्रम की स्थिति है। हालांकि विश्वास के आधार पर ऐसे वाहनों को चलने की इजाजत होगी। ऐसा ही रोगियों को लेकर जा रहे वाहनों के मामले में होगा। 

स्कूली बच्चों के वाहनों के मुद्दे के अलावा विशेषज्ञों और कुछ दिल्लीवासियों ने सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की खराब हालत, सीएनजी वाहनों पर प्रतिबंध तथा दो पहिया वाहनों को दी गयी छूट को लेकर सरकार की आलोचना की। केजरीवाल ने योजना की अधिसूचना जारी करने के दौरान संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘स्कूली बच्चों के वाहनों को लेकर थोड़ी भ्रम की स्थिति है। स्कूल सुबह 8 बजे से पहले खुलते हैं और हमारा मानना है कि अभिभावक सुबह आठ बजे से पहले लौट सकते हैं। अगर वे बच्चों को लेने दोपहर में जाते हैं तो हम उन्हें विश्वास के आधार पर अनुमति देंगे। ऐसा ही रोगियों को लेकर जा रहे वाहनों के मामले में होगा।’’ 

हालांकि कुछ अभिभावकों ने विश्वास आधारित व्यवस्था को लेकर आशंका जताई। एक महिला ने इस संबंध में कहा कि इस मामले में अधिक स्पष्टता होनी चाहिए। यातायात पुलिसकर्मी को कैसे पता चलेगा कि आप अभिभावक हैं और बच्चे को स्कूल छोड़कर लौट रहे हैं। 

-राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के राज्यपाल, भारत के प्रधान न्यायाधीश, लोकसभाध्यक्ष, उप लोकसभाध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री, राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष के नेता, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीशों, दिल्ली के उपराज्यपाल, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों के वाहनों को छूट दी जाएगी। यह पाबंदी लोकपाल और उसके सदस्यों, संघ लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष, मुख्य चुनाव आयुक्त एवं चुनाव आयुक्त, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष एवं सदस्यों, लोकायुक्त, दिल्ली और चंडीगढ़ के राज्य चुनाव आयुक्तों पर भी लागू नहीं होगी। 

-एम्बुलेंस सहित आपात वाहनों, दमकल, अस्पतालों, जेल और शव ले जाने वाले वाहनों के साथ-साथ पुलिस, परिवहन विभाग, अर्धसैनिक बलों और डिविजनल कमिश्नर द्वारा अधिकृत वाहनों को भी छूट दी जाएगी। रक्षा मंत्रालय की नंबर प्लेट, डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट, पायलट या एस्कॉर्ट वाहन और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों के वाहनों को भी छूट दी जाएगी। 

यह योजना 15 नवंबर तक सुबह आठ बजे से रात के आठ बजे तक लागू रहेगी। ऐसे निजी वाहन जिनकी पंजीकरण संख्या का आखिरी अंक विषम है (जैसे 1,3,5,7 और 9) के 4,6,8,12 और 14 नवंबर को दिन में चलने पर रोक रहेगी। इसी प्रकार जिन निजी वाहनों के पंजीकरण संख्या का आखिरी अंक सम होगा (0,2,4,6,8) उनकों सुबह आठ बजे रात आठ बजे तक 5,7,9,11,13 और 15 नवंबर को सड़कों पर उतारा नहीं जा सकेगा। यह प्रतिबंध दिल्ली में प्रवेश करने वाले अन्य राज्यों में पंजीकृत वाहनों पर भी लागू होगा।

Web Title: Who will get relief during odd even

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